उदलगुड़ी जिले में एक स्कूल शिक्षक और उसके परिवार ने अपने घर में तीन साल की बच्ची की बलि देने की कोशिश की लेकिन स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप कर उनके इरादों पर पानी फेर दिया और पुलिस तथा मीडिया को सूचना दे दी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण करने की कोशिश में शिक्षक और उसका बेटा पुलिस की गोलीबारी में घायल हो गए. स्थिति उस समय हिंसक हो गई जब जिले में गणक्पारा गांव के लोगों ने शिक्षक के घर से धुआं निकलते देखने के बाद पुलिस और मीडिया को बुलाया.
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पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि शिक्षक के घर पहुंचने पर उन्होंने महिला समेत परिवार के सदस्यों को लड़की को बलि वेदी पर रखने के बाद पूजा करते हुए कपड़े उतारते हुए देखा. स्थानीय लोगों के अनुसार, एक तांत्रिक लंबी तलवार से बच्ची का सिर कलम करने की कोशिश कर रहा था. जब पुलिस और मीडियाकर्मियों ने हस्तक्षेप की कोशिश की तो परिवार के सदस्यों ने पत्थर और बर्तन फेंकने शुरू कर दिए तथा मोटरसाइकिल, कार, टेलीविजन सेट और फ्रिज में आग लगा दी.
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पुलिस ने फिर स्थिति को काबू में करने के लिए हवा में पांच गोलियां चलाई और बच्ची को परिवार के चंगुल से छुड़ाया. प्रत्यक्षदर्शियों ने मीडिया को बताया कि बच्ची शिक्षक की साली की बेटी है और उसके पिता ने उसकी मां की मौजूदगी में बच्ची की बलि देने के लिए उसे सौंपा था. पुलिस ने तांत्रिक और परिवार के कुछ सदस्यों को हिरासत में लिया. मामले की छानबीन चल रही है.
(इनपुट भाषा से)
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