मुंबई में अरब सागर में शिवाजी की प्रतिमा के निर्माण कार्य को रोक दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के मौखिक रूप से आदेश दिए जाने के बाद निर्माण रोका गया है. 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के अरब सागर में मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के संबंध में कंजरवेशन एक्शन ट्रस्ट (CAT) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बंबई हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल परियोजना के लिए कदम उठाने से अधिकारियों को रोकने से मना कर दिया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया. इस याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा पिछले साल दो नवंबर को सुनाए गए आदेश को चुनौती दी गई है.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता निशांत आर कटनेशवरकर ने बताया कि याचिका पर नोटिस जारी करने के दौरान पीठ ने उनसे मौखिक रूप से कहा कि वह अधिकारियों से वहां निर्माण गतिविधियां रोक देने को कहें. एनजीओ कंजर्वेशन एक्शन ट्रस्ट ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के 23 फरवरी 2015 के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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मंत्रालय ने 3600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली परियोजना को पर्यावरण और तटीय क्षेत्र नियमन मंजूरी दी थी. एनजीओ ने आदेश पर रोक लगाने और अधिकारियों को परियोजना पर आगे कदम बढ़ाने से रोकने का अनुरोध किया था.
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अब राज्य पीडब्ल्यूडी ने परियोजना के ठेकेदार को तत्काल प्रभाव से काम रोकने के लिए कहा है.
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