मुंबई में बीएमसी ने एक अजब कारनामा कर दिखाया है. गोरेगांव में खुले नाले के पास एक बैनर लगा दिया है. बैनर में नाले में डूबने से बचने के लिए नागरिकों को सावधान किया गया है और हादसा होने पर खुद की जिम्मेदारी से सरेआम पल्ला झाड़ा है.
मुम्बई में बीएमसी ने एक अजब कारनामा कर दिखाया है. बीएमसी ने गोरेगांव में खुले नाले के पास एक बैनर लगाया है कि बारिश में पानी भरने के बाद नाला और सड़क में फर्क नहीं रहता ऐसे में कोई भी हादसा हो सकता है. बैनर में कहा गया है कि स्थानीय निवासियों से निवेदन है कि वे सावधान रहें. अगर कोई हादसा होता है तो उसके लिए बीएमसी नहीं नागरिक खुद जिम्मेदार होंगे.
खास बात यह है कि पिछले साल गोरेगांव के इसी परिसर में तीन साल का एक बालक खुले नाले में बह गया था. उसका शव आज तक नहीं मिला.
गौरतलब है कि मुंबई में पिछले साल बीएमसी की लापरवाही से दो साल का मासूम हादसे का शिकार हो गया था. गोरेगांव पूर्व में रात में खुले गटर में गिरे मासूम का कुछ पता नहीं चल पाया. तीन साल का दिव्यांश गोरेगांव पूर्व में अपने घर से निकलकर सड़क पर गया तो फिर वापस नही आया. इसके बाद जब दिव्यांश की तलाश शुरू हुई तो सीसीटीवी से राज़ खुला. सीसीटीवी फुटेज में मासूम गली के सामने ही खुले गटर में गिरता दिखा. आसपास के लोग, दमकलकर्मियों , बीएमसी और पुलिस वालों ने रात भर उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन उसका कुछ पता नही चल पाया.
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