अदालत के बाहर सलमान खान।
मुंबई:
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब यह साफ हो गया कि 27 सितंबर 2002 की रात में कार सलमान खान नहीं चला रहे थे। तो क्या 12 साल बाद अचानक से सामने आकर उस रात कार चलाने का दावा करने वाला अशोक सिंह ही वास्तव में कार चला रहा था? सात महीने पहले अशोक सिंह जब सत्र न्यायालय में आया था तो किसी ने उसकी बात पर भरोसा नही किया। सवाल उठा था कि वह 13 साल तक कहां था?
पहले ड्राईवर अलताफ, बाद में अशोक सिंह
तब के सरकारी वकील प्रदीप घरात ने दावा किया था कि अशोक सिंह झूठ बोल रहा है। उस रात अगर वह गाड़ी चला रहा होता तो गवाहों के बयान में उसका जिक्र होता। लेकिन 12 साल में न तो कभी उसका नाम आया और न ही वह कभी खुद सामने आया। घरात के मुताबिक पहले सलमान ने बताया था कि अलताफ ड्राईवर था। उसके बाद सलमान ने खुद एक पत्र देकर कहा था कि गलती हो जाती है, और फिर अशोक सिंह आ गया तो सच क्या माना जाए?
सन 1990 से सलमान का ड्राईवर
खार दांडा में रहने वाला अशोक सिंह 1990 से सलमान के घर ड्राईवर का काम करता है। पहले वह सलीम खान की कार चलाता था, बाद में सलमान खान की कार चलाने लगा। अशोक सिंह ने अदालत को बताया था कि हिल रोड पर पहुंचने के ठीक पहले कार का आगे वाला बांया टायर बर्स्ट हो गया। नतीजा कार बेकाबू हो गई और सामने फुटपाथ पर चढ़ गई।
सही मौका देखकर अदालत के समाने आया
अशोक सिंह के मुताबिक सलमान के कहने पर उसने खुद ही पुलिस को 100 नंबर पर फोन कर हादसे की जानकारी दी। वह बांद्रा पुलिस स्टेशन भी गया लेकिन पुलिस ने उसका बयान न लेकर सलमान भाई को आरोपी बना दिया। वह डर गया था उसके समझ में कुछ नहीं आ रहा था, इसलिए उसने तब पुलिस थाने के सामने खड़े मीडिया से भी कुछ नहीं कहा। सालों उसे यह बात कचोटती रही कि उसके किए की सजा उसके मालिक को मिल रही है, इसलिए वह मौका देखकर सामने आया है।
सत्र न्यायालय ने तो उसके दावे को नहीं माना लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने सही समय पर अदालत आकर सच कहने के लिए उसकी सराहना की है।
पहले ड्राईवर अलताफ, बाद में अशोक सिंह
तब के सरकारी वकील प्रदीप घरात ने दावा किया था कि अशोक सिंह झूठ बोल रहा है। उस रात अगर वह गाड़ी चला रहा होता तो गवाहों के बयान में उसका जिक्र होता। लेकिन 12 साल में न तो कभी उसका नाम आया और न ही वह कभी खुद सामने आया। घरात के मुताबिक पहले सलमान ने बताया था कि अलताफ ड्राईवर था। उसके बाद सलमान ने खुद एक पत्र देकर कहा था कि गलती हो जाती है, और फिर अशोक सिंह आ गया तो सच क्या माना जाए?
सन 1990 से सलमान का ड्राईवर
खार दांडा में रहने वाला अशोक सिंह 1990 से सलमान के घर ड्राईवर का काम करता है। पहले वह सलीम खान की कार चलाता था, बाद में सलमान खान की कार चलाने लगा। अशोक सिंह ने अदालत को बताया था कि हिल रोड पर पहुंचने के ठीक पहले कार का आगे वाला बांया टायर बर्स्ट हो गया। नतीजा कार बेकाबू हो गई और सामने फुटपाथ पर चढ़ गई।
सही मौका देखकर अदालत के समाने आया
अशोक सिंह के मुताबिक सलमान के कहने पर उसने खुद ही पुलिस को 100 नंबर पर फोन कर हादसे की जानकारी दी। वह बांद्रा पुलिस स्टेशन भी गया लेकिन पुलिस ने उसका बयान न लेकर सलमान भाई को आरोपी बना दिया। वह डर गया था उसके समझ में कुछ नहीं आ रहा था, इसलिए उसने तब पुलिस थाने के सामने खड़े मीडिया से भी कुछ नहीं कहा। सालों उसे यह बात कचोटती रही कि उसके किए की सजा उसके मालिक को मिल रही है, इसलिए वह मौका देखकर सामने आया है।
सत्र न्यायालय ने तो उसके दावे को नहीं माना लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने सही समय पर अदालत आकर सच कहने के लिए उसकी सराहना की है।
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