पायल तड़वी की आत्महत्या के मामले में आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार, छठे दिन भी किया गया प्रदर्शन

नायर अस्पताल की जूनियर डॉक्टर को खुदकुशी के लिए उकसाने की आरोपी डॉक्टर भक्ति मेहारे को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया

पायल तड़वी की आत्महत्या के मामले में आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार, छठे दिन भी किया गया प्रदर्शन

पायल तड़वी (फाइल फोटो).

खास बातें

  • पायल तड़वी के परिवार के सदस्यों ने किया विरोध प्रदर्शन
  • मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने भी प्रदर्शन में भाग लिया
  • जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया
मुंबई:

मुंबई में नायर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर पायल तड़वी को जातिगत टिप्पणियों से परेशान कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की आरोपी डॉक्टर को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. दूसरी तरफ डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या के छठे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इसमें उसके परिवार वालों से लेकर कई नेता गण शामिल हुए.

मंगलवार की सुबह नायर अस्पताल के बाहर पायल तड़वी के परिवार वालों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. खुदकुशी के छह दिनों के बाद भी इस मामले में संतोषजनक कार्रवाई न होने की वजह से पायल के परिजन प्रशासन से नाराज़ दिखे. महाराष्ट्र सरकार की ओर से राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने परिवार वालों से मुलाक़ात की और कार्रवाई का भरोसा दिलाया.

इस पूरे मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने मुंबई पुलिस कमिश्नर के साथ मिलकर मामले पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की और बाद में अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया.

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मुंबई पुलिस ने इस मामले में फरार तीन आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अग्रीपाडा पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद भक्ति मेहारे को गिरफ्तार कर लिया. मेहारे उन तीन वरिष्ठ डॉक्टरों में से एक है जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि 26 वर्षीय पायल तड़वी के 22 मई को आत्महत्या करने के बाद मामला दर्ज किया गया था. दो अन्य आरोपी डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल और हेमा आहूजा ने मुंबई की सत्र अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दी है.    

पायल के माता-पिता ने मुंबई में उस सरकारी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया जहां वह काम करती थी. अन्य प्रदर्शनकारी भी तड़वी की मां आबिदा और पति सलमान के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए और तीन वरिष्ठों के खिलाफ “कड़ी कार्रवाई” की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर “रैगिंग और जातीय टिप्पणियां कर उसे प्रताड़ित किया” और यह कदम उठाने के लिए बाध्य किया.    

आबिदा ने कहा कि क्या सरकार उनकी बेटी की तरह की छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पायल उनके समुदाय की पहली महिला एमडी डॉक्टर होती. उन्होंने कहा, ‘‘पायल तुच्छ मुद्दों को लेकर अपने वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना के बारे में मुझे बताती थी. उन्होंने मरीजों के सामने उसके चेहरे पर फाइलें फेंककर मारीं.''    आबिदा ने कहा, ‘‘पायल मुझसे वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना के बावजूद उनके खिलाफ लिखित शिकायत न देने के लिए कहती थी. वह कहती थी कि ऐसा करने से उनके करियर पर खराब असर पड़ेगा.''    

पेशे से डॉक्टर सलमान ने कहा कि यह संभव है कि तीन महिला डॉक्टरों ने पायल की हत्या की. प्रदर्शनकारियों और तड़वी के परिजनों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर “हमारी छोटी बहन के लिए न्याय की लड़ाई में” जरूरत हुई तो वह भी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे. महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और अस्पताल के अधिकारियों को नोटिस जारी कर आठ दिन के अंदर यह बताने को कहा है कि उन्होंने रैगिंग विरोधी कानून को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए. तड़वी को खुदकुशी के लिए उकसाने की आरोपी तीन महिला चिकित्सकों ने मामले में “निष्पक्ष जांच” की मांग की है.

महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) को लिखे एक खत में अंकिता खंडेलवाल, हेमा आहूजा और भक्ति मेहारे ने कहा कि वे चाहती हैं कि कॉलेज इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और उन्हें “न्याय दे.”    तीनों चिकित्सकों ने पत्र में कहा, “पुलिस बल और मीडिया के दबाव में जांच करने का यह तरीका नहीं है. इसमें हमारा पक्ष नहीं सुना जा रहा.''    

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एमएआरडी ने तीनों चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है. एमएआरडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि तीनों चिकित्सकों ने डॉ पायल तड़वी के खिलाफ जातिगत टिप्पणियां कीं. हम इस मामले में आगे की जांच के लिए पुलिस का सहयोग करेंगे.

पायल तड़वी ने 22 मई को खुदकुशी कर ली थी. उसके परिवार का आरोप है कि चिकित्सकों ने उसके अनुसूचित जनजाति का होने को लेकर ताने मारे थे. तीनों डॉक्टरों पर अत्याचार कानून, रैगिंग विरोधी कानून और आईटी कानून और आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पायल तड़वी की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर में दो अलग-अलग रैलियां निकाली गईं. श्रमजीवी संगठन के बैनर तले ये रैलियां निकाली गईं. प्रदर्शनकारियों ने ठाणे और पालघर में कलेक्टरों से मुलाकात की और डॉक्टर तड़वी की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपा.    

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डॉक्टर भक्ति मैहर को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा.
(इनपुट भाषा से भी)