दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह शराब सर्व करने वाले बार और रेस्तरां के सुबह तीन बजे तक खुले रहने के पक्ष में नहीं है. दिल्ली पुलिस के वकील ने जस्टिस यशवंत वर्मा से कहा कि पुलिस ने बार बंद होने का समय एक बजे से आगे बढ़ाने पर इनकार किया था. हाईकोर्ट ने इससे पहले दिल्ली पुलिस और आबकारी विभाग को इस मुद्दे की जांच के लिए एक सलाहकार समूह गठित करने को कहा था.
दिल्ली पुलिस के वकील हरीश वी शंकर ने अदालत को बताया संबंधित अधिकारियों की बैठक हुई थी और दिल्ली पुलिस समय बढ़ाने के पक्ष में नहीं है.
अदालत नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दिल्ली पुलिस को आबकारी नीति के तहत सुबह तीन बजे तक रेस्तरां और बार के संचालन में हस्तक्षेप करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है.
अदालत ने पहले यह स्पष्ट कर दिया था कि आबकारी विभाग द्वारा बार को 3 बजे तक खुले रहने की अनुमति देने के लिए नीति बनाने के रास्ते में खड़े होने का उसका इरादा नहीं है, लेकिन रेस्टोरेंटों, सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों के समय, इनके संचालन के लिए पुलिस के साथ सामंजस्य होना चाहिए.
सिटी पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि संयुक्त सलाहकार समूह की बैठकों में उसके अधिकारियों ने कई आधारों पर बार को एक बजे के बाद संचालित करने की अनुमति देने पर आपत्ति जताई. पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के "अद्वितीय जनसांख्यिकीय चरित्र" को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां कई महत्वपूर्ण दफ्तर और आवास हैं. उसने शहर में देर रात शराब के प्रभाव में लोगों के गैर-जिम्मेदार व्यवहार का जिक्र किया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है और दिल्ली पुलिस के पास कर्मियों की भारी कमी को देखते हुए रेस्तरां और क्लबों में बार के संचालन का समय नहीं बढ़ाया जाना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में शामिल हुए पुलिस अधिकारियों ने सुझाव दिया कि समय बढ़ाने का फैसला दिल्ली सरकार द्वारा लिया गया था, इसलिए लॉ इनफोर्समेंट एजेंसी के विचारों को फिर से विचार के लिए सक्षम अथॉरिटी को भेजा जा सकता है.
दूसरी ओर बैठकों में मौजूद दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कहा कि बार के संचालन के लिए समय तय करना एक नीतिगत निर्णय है जो व्यापक परामर्श के बाद किया गया था.
आबकारी विभाग ने आगंतुकों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिए राजधानी की नाइटलाइफ़ में सुधार पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आगमन और प्रस्थान टर्मिनलों के आसपास करीब 150 से अधिक बार स्थित हैं जो चौबीसों घंटे चलते हैं. विभाग ने सुझाव दिया कि सलाहकार समूह उदार दृष्टिकोण अपनाते हुए समयबद्ध तरीके से समय बढ़ाने की संभावना का पता लगा सकता है.
अदालत ने अधिकारियों द्वारा दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लाने के लिए कहा और मामले को आगे की सुनवाई 23 नवंबर को सूचीबद्ध की. मामले में दिल्ली सरकार की ओर से स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी और वकील अरुण पंवार ने प्रतिनिधित्व किया.
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