नई दिल्ली:
पंजाब में 16 साल के लड़के की किडनैपिंग व हत्या मामले के दो दोषियों की फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. दोनों को 25 अक्तूबर को फांसी देने लिए डेथ वारंट जारी किए गए थे. लेकिन इन दोनों के फांसी के एग्जेक्युशन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई के लिए 24 अक्टूबर की तारीख तय कर दी है.
लड़के के अपहरण के बाद 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पंजाब पुलिस ने विक्रम सिंह और जसवीर सिंह को गिरफ्तार किया और ट्रायल कोर्ट ने केस को रेयरस्ट ऑफ द रेयर बताते हुए दोनों को फांसी की सजा सुनाई.
बाद में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों की अपील खारिज कर दी. इसके बाद दोषियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है.
जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में सुनवाई के दौरान फांसी पर चढ़ाए जाने पर रोक लगाते हुए सुनवाई के लिए 24 अक्टूबर की तारीख तय की है. इस मामले में दोनों दोषियों विक्रम सिंह और जसवीर सिंह के नाम सेशन कोर्ट ने डेथ वॉरंट जारी करते हुए 25 अक्टूबर को फांसी दिए जाने का आदेश दिया था.
इन दोनों की ओर से खुली अदालत में रिव्यू पिटिशन सुनवाई की गुहार लगाई है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद आरिफ के केस में व्यवस्था दी थी कि जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है उनकी रिव्यू पिटिशन पर ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी. इसी के आधार पर अर्जी दाखिल की गई है.
लड़के के अपहरण के बाद 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पंजाब पुलिस ने विक्रम सिंह और जसवीर सिंह को गिरफ्तार किया और ट्रायल कोर्ट ने केस को रेयरस्ट ऑफ द रेयर बताते हुए दोनों को फांसी की सजा सुनाई.
बाद में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों की अपील खारिज कर दी. इसके बाद दोषियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है.
जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में सुनवाई के दौरान फांसी पर चढ़ाए जाने पर रोक लगाते हुए सुनवाई के लिए 24 अक्टूबर की तारीख तय की है. इस मामले में दोनों दोषियों विक्रम सिंह और जसवीर सिंह के नाम सेशन कोर्ट ने डेथ वॉरंट जारी करते हुए 25 अक्टूबर को फांसी दिए जाने का आदेश दिया था.
इन दोनों की ओर से खुली अदालत में रिव्यू पिटिशन सुनवाई की गुहार लगाई है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद आरिफ के केस में व्यवस्था दी थी कि जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है उनकी रिव्यू पिटिशन पर ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी. इसी के आधार पर अर्जी दाखिल की गई है.
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