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This Article is From Feb 17, 2016

हरियाणा में जाट आंदोलन जारी, खट्टर ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाया

हरियाणा में जाट आंदोलन जारी, खट्टर ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाया
चंडीगढ़: हरियाणा में अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग को लेकर जाटों के प्रदर्शन से राज्य के कई हिस्सों में रेल एवं सड़क यातायात प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईबीसी) के लिए आरक्षण का कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की घोषणा की।

दिन में जाटों का प्रदर्शन रोहतक-झज्जर क्षेत्र से सोनीपत, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद और जींद जिलों तक फैल गया। प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हो गईं। सोनीपत में प्रदर्शनों में जहां वकील शामिल हुए, बड़ी संख्या में छात्रों ने रोहतक में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं।

जाट और खाप नेताओं की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ चार घंटे तक बैठक हुई। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले नेताओं में हवा सिंह सांगवान, सुदीप कालकल, महेंद्र सिंह मोर और संतोष दहिया शामिल थे। इस बैठक में वित्त मंत्री अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओपी धनखड़ और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला भी मौजूद थे।

बाद में मुख्यमंत्री ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का कोटा 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की घोषणा की। उन्होंने साथ ही सालाना आय की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने की भी घोषणा की, ताकि इस श्रेणी के तहत अधिकतम लोगों को लाभ हो सके।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह घोषणा जाट और खाप नेताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए की। खट्टर ने कहा कि बैठक में आरक्षण के मुद्दे पर सरकार और जाट नेताओं के बीच एक 'व्यापक सहमति' बनी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि मुख्य सचिव के नेतृत्व में विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के सभी पहलुओं के अध्ययन एवं आगे सर्वश्रेष्ठ रास्ता सुझाने के लिए गठित समिति अगले महीने राज्य विधानसभा के बजट सत्र से पहले अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। उन्होंने कहा कि समिति सभी सुझावों पर विचार करेगी जिसमें इस संबंध में एक उचित विधेयक लाना भी शामिल है। कई जाट नेताओं ने सरकार से आरक्षण मुद्दे पर एक विधेयक लाने की मांग की थी।

ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार ने अपना प्रस्ताव दे दिया है लेकिन लोग उतने खुश नहीं हैं। यद्यपि इसका परिणाम एक या दो दिनों में पता चलेगा (प्रदर्शन जारी रहता है या समाप्त होता है)।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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