
मार्केट रेगुलेटर SEBI यानी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए दो नई सुरक्षा सुविधाएं शुरू की हैं. पहली है @valid UPI हैंडल और SEBI Check टूल. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निवेशकों का पैसा केवल SEBI से पंजीकृत, यानी असली संस्थाओं के पास ही जाए. आइए जानते हैं दोनों सुविधाओं के बारे में.
@valid UPI हैंडल और ट्रस्ट सिंबल
- भुगतान की पहचान: अब SEBI से पंजीकृत सभी मिडिएटर (जैसे ब्रोकर्स और म्यूचुअल फंड कंपनियां) अपने UPI ID का उपयोग करेंगे जो @valid पर एंड होंगे. ब्रोकर्स के लिए इसमें .brk और म्यूचुअल फंड के लिए .mf जैसे सफिक्स भी होंगे. इससे निवेशक तुरंत पहचान सकेंगे कि वे किसी पंजीकृत संस्था को भुगतान कर रहे हैं.
- भरोसे का सिंबल: जब भी आप @valid हैंडल के जरिए भुगतान करेंगे, तो आपकी स्क्रीन पर एक हरा त्रिकोण और थम्स-अप का चिन्ह दिखाई देगा. यह चिन्ह इस बात की पुष्टि करेगा कि आपका भुगतान सही और पंजीकृत संस्था को जा रहा है.
SEBI के अनुसार, 90% से अधिक ब्रोकर्स और सभी म्यूचुअल फंड हाउस पहले ही इस @valid UPI सिस्टम को अपना चुके हैं.
SEBI Check टूल:
यह एक ऑनलाइन टूल है जिसके जरिए निवेशक किसी भी इंटरमीडियरी की UPI ID या बैंक खाता नंबर और IFSC कोड डालकर उसकी जाँच कर सकते हैं. यह टूल SEBI Check पोर्टल, Saarthi ऐप और SEBI की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
निवेशकों के लिए क्यों है अहम?
ये बदलाव रिटेल इन्वेस्टर्स को बड़ा भरोसा और सुरक्षा देगा. इससे निवेशक आसानी से पता लगा सकते हैं कि उनका ब्रोकर या म्यूचुअल फंड असली (Genuine) है या नहीं.
हर भुगतान पर उन्हें एक भरोसेमंद पहचान चिन्ह (ग्रीन थम्स-अप) मिलेगा. किसी भी भुगतान से पहले वे SEBI Check टूल का उपयोग करके जानकारी की खुद पुष्टि कर सकते हैं.
SEBI ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे हमेशा यह सुनिश्चित करें कि भुगतान करते समय UPI हैंडल @valid पर खत्म हो रहा हो और उस पर ग्रीन थम्स-अप सिंबल दिखाई दे. किसी भी संदेह की स्थिति में, SEBI Check टूल का उपयोग जरूर करें.
बता दें कि निवेशकों के पास NEFT, RTGS या IMPS जैसे पारंपरिक तरीकों का उपयोग करने का विकल्प अभी भी बरकरार है.
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