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This Article is From Mar 04, 2025

सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से मांगा 24 हजार 500 करोड़ का हर्जाना, औंधे मुंह गिरे शेयर

दिल्ली हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद केंद्र सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से 24,522 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है. यह मामला कृष्णा गोदावरी बेसिन में गैस के स्थानांतरण का है.इसका असर मंगलवार को शेयर बाजार पर देखा गया. रिलायंस के शेयर एक फीसदी तक लुढ़क गए.

सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से मांगा 24 हजार 500 करोड़ का हर्जाना, औंधे मुंह गिरे शेयर
नई दिल्ली:

रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में मंगलवार को भारी गिरावट देखी गई.रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर एक फीसदी तक गिरकर पिछले एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए. दरअसल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कंपनी से 2.81 अरब डॉलर (24,522 करोड़) का हर्जाना मांगा है. सरकार ने यह मांग पत्र तीन मार्च को कंपनी को भेजा था. मंत्रालय ने यह हर्जाना दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को पलटने के बाद मांगा है, जिसमें कंपनी को दिए गए आर्बिट्रल अवार्ड को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया.

क्या है रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ा पूरा मामला

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ब्रिटिश पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन (Alpha) लिमिटेड और निको (NECO) के साथ मिलकर  कृष्णा गोदावरी बेसिन (KG-D6) में ओएनजीसी के ब्लॉक से कथित गैस माइग्रेशन के विवाद में आर्बिट्रल अवार्ड जीता था. सरकार ने कंसोर्टियम पर ओएनजीसी ब्लॉक से गैस स्थानांतरण (माइग्रेशन) का आरोप लगाया था. इसमें 1.55 अरब डॉलर का दावा किया गया था.

सरकार ने 2016 में आरआईएल और उसके साझीदार ब्रिटिश पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन और निको को नोटिस भेजा था. वहीं एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता 2018 में कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था.

दिल्ली हाई कोर्ट के एक सिंगल जज बेंच ने 9 मई, 2023 को आर्बिट्रल अवार्ड के खिलाफ सरकार की अपील को खारिज कर दिया, लेकिन मूल फैसले को बरकरार रखा. हालांकि, सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक डिविजन बेंच में अपील कर मामले को आगे बढ़ाया. इस बेंच ने 14 फरवरी को सिंगल जज बेंच ने फैसले को पलट दिया है.

हाई कोर्ट के इस फैसले पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि वो हाई कोर्ट के फैसले को बड़ी अदालत में चुनौती देने के लिए वकीलों से राय ले रहा है. 

रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड पर लगा 125 करोड़ का जुर्माना

वहीं एक अन्य मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड पर सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत बैटरी सेल प्लांट लगाने में विफल रहने पर 125 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. 

रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ आए इन फैसलों का असर मंगलवार को शेयर बाजार में देखने को मिला. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में एक फीसदी तक की गिरावट देखी गई. यह 1159 रुपये तक पहुंच गया था. यह तीन मार्च के बाद सबसे निचला स्तर था. पिछले एक साल में आरआईएल के शेयर में 22.45 फीसदी तक की गिरावट आई है.

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