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This Article is From Apr 09, 2025

US-China ट्रेड वॉर और रेसिप्रोकल टैरिफ बढ़ा रहा मार्केट की टेंशन, एशियाई बाजारों में हड़कंप

ट्रंप के टैरिफ और US-China ट्रेड टेंशन ने ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट में हलचल मचा दी है. Wall Street की गिरावट एशिया तक पहुंच गई है, और आने वाले दिनों में ट्रेड वॉर की मार देखने को मिल सकती है

US-China ट्रेड वॉर और रेसिप्रोकल टैरिफ बढ़ा रहा मार्केट की टेंशन, एशियाई बाजारों में हड़कंप
Global Stock Markets: ट्रंप की टैरिफ नीति से ग्लोबल मार्केट में भारी हलचल देखने को मिल रही है. इससे ट्रेड वॉर का डर गहराता जा रहा है.
नई दिल्ली:

अमेरिका में शेयर बाजार की चार दिन की भारी गिरावट ने ग्लोबल मार्केट को हिला कर रख दिया है. ट्रंप के नए टैरिफ लागू होने से पहले निवेशकों की बेचैनी बढ़ गई है और इसका सीधा असर आज एशियाई बाजारों पर भी देखा गया. S&P 500, Nasdaq और Dow Jones जैसी बड़ी इंडेक्स लगातार गिर रही हैं, और इसके चलते निवेशकों के 5.83 ट्रिलियन डॉलर डूब चुके हैं. वहीं जापान, कोरिया और अन्य एशियाई देशों के शेयर बाजार भी आज यानी 9 अप्रैल को लाल निशान में खुले हैं. इस नेगेटिव सेंटीमेंट के चलते भारतीय बाजार में भी गिरावट देखने को मिल सकती है.

US मार्केट में जबरदस्त गिरावट, चार दिन में डूबे 5.83 ट्रिलियन डॉलर

मंगलवार को US स्टॉक मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव के बाद एक और गिरावट दर्ज की गई. Dow Jones में दिन के ऊपरी स्तर से करीब 2,000 पॉइंट की गिरावट आई और यह 320 पॉइंट नीचे 37,645.59 पर बंद हुआ. वहीं, S&P 500 करीब 1.6% गिरकर 4,982.77 पर पहुंचा और Nasdaq 2.15% गिरकर 15,267.91 पर बंद हुआ.

इस चार दिन की गिरावट में Dow 4,500 पॉइंट से ज्यादा टूट चुका है, S&P 500 में 12% और Nasdaq में 13% की गिरावट आई है. S&P 500 का मार्केट वैल्यू सिर्फ चार दिन में $5.83 ट्रिलियन घट गया है.

ट्रंप के टैरिफ का डर, चीन पर 104% तक टैरिफ लागू 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से घोषित नए टैरिफ बुधवार को रात 12 बजे से लागू हो गए हैं. इन रेसिप्रोकल टैरिफ के तहत चीन पर 104% तक का शुल्क लगेगा. व्हाइट हाउस के मुताबिक, 70 देशों ने बातचीत की कोशिश की है, लेकिन फिलहाल कोई राहत की उम्मीद नहीं दिख रही.

Apple को बड़ा झटका, चार दिन में 23% गिरा शेयर

ट्रंप के टैरिफ से टेक कंपनियों पर भी असर दिख रहा है. खासतौर से Apple के शेयर बीते चार दिनों में करीब 23% तक गिर चुके हैं. चीन से आने वाले प्रोडक्ट्स पर महंगे टैरिफ का सीधा असर कंपनी की कॉस्ट और मुनाफे पर पड़ेगा.

एशियाई बाजारों में भी गिरावट, जापान का Nikkei पर सबसे ज्यादा असर

US मार्केट में भारी गिरावट के बाद बुधवार को एशियाई बाजार भी दबाव में नजर आए. जापान के Nikkei 225 इंडेक्स की शुरुआत 3.14% की गिरावट के साथ हुई, जबकि Topix इंडेक्स भी 3.26% टूट गया. जापानी स्टॉक्स पर दबाव की बड़ी वजह Wall Street में लगातार आ रही भारी गिरावट है, जिसने ग्लोबल इन्वेस्टर्स के भरोसे को हिला दिया है.जापान के Nikkei के फ्यूचर्स 3.4% तक नीचे ट्रेड कर रहे थे, वहीं येन में भी डॉलर के मुकाबले 1% से ज्यादा की तेजी आई, जिससे जापानी एक्सपोर्टर्स के शेयर और कमजोर हो सकते हैं.

साउथ कोरिया का Kospi इंडेक्स भी 1% से ज्यादा गिरा और अब ये बेयर मार्केट में पहुंच गया है, यानी अपने पिछली पीक से 20% से ज्यादा टूट चुका है. छोटे शेयरों का इंडेक्स Kosdaq भी 0.44% गिरा. इसके अलावा, पूरे रीजन का MSCI Asia Pacific Index भी 1.3% की गिरावट में रहा.

US के नए ट्रेड टैरिफ और ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी के असर से ग्लोबल ट्रेड और एक्सपोर्ट बेस्ड इकॉनमीज पर दबाव बना हुआ है, जो स्टॉक्स में बिकवाली की एक बड़ी वजह बन रहा है.

साउथ कोरिया की करेंसी में गिरावट, 2009 के लेवल पर पहुंचा वॉन

ट्रेड टेंशन का असर करेंसी मार्केट पर भी दिखा. साउथ कोरियन वॉन बुधवार को डॉलर के मुकाबले 1487.45 तक गिर गया, जो मार्च 2009 के बाद सबसे निचला स्तर है. इसके अलावा थाई बहत, मलेशियन रिंगिट और न्यूजीलैंड डॉलर भी कमजोर हुए.

ऑयल की कीमतें भी गिरीं, ब्रेंट $62.82 पर

ट्रेड वॉर और मंदी की आशंका के बीच क्रूड ऑयल की कीमतों में भी गिरावट आई.Brent Crude $1.39 गिरकर $62.82 पर और WTI Crude $1.12 गिरकर $59.58 पर था.

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