
भारत का EV सेक्टर अब सिर्फ स्कूटर तक सीमित नहीं रह गया है. अब कहानी काफी आगे बढ़ चुकी है. तमिलनाडु के पोंचमपल्ली में बनी ओला की गिगाफैक्ट्री के अंदर NDTV Profit की मैनेजिंग एडिटर तमन्ना इनामदार ने ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर और CEO भाविश अग्रवाल से खास बातचीत की. यह भारत की पहली गिगाफैक्ट्री है, जहां EV सेल बनाए जा रहे हैं.
इस एक्सक्लूसिव विजिट के दौरान भाविश ने ओला की पोस्ट IPO जर्नी, मार्केट शेयर, प्रॉफिटेबिलिटी प्लान और EV सेल मैन्युफैक्चरिंग पर खुलकर बात की.
भारत की पहली गिगाफैक्ट्री का एक्सपीरियंस
NDTV Profit के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भाविश अग्रवाल ने बताया कि गिगाफैक्ट्री का हर हिस्सा हाईटेक है. यहां नो मॉइस्चर जोन तक बनाया गया है ताकि प्रोडक्शन में कोई गड़बड़ी न हो. उन्होंने कहा कि ओला इलेक्ट्रिक ने सेल बनाने की पूरी टेक्नोलॉजी खुद इन-हाउस डेवलप की है. यह काम आसान नहीं था, 4-5 साल की मेहनत के बाद यह मुकाम हासिल हुआ. उनका कहना है कि इतनी छोटी सी सेल बनाने की प्रोसेस बेहद कॉम्प्लेक्स होती है और इसे तैयार करने में कंपनी को एक साल लगा.

गिगाफैक्ट्री में महिलाओं की बड़ी भूमिका
इस गिगाफैक्ट्री की सबसे खास बात यह है कि यहां 95% कर्मचारी महिलाएं हैं. भाविश कहते हैं कि यह सच में ‘ऑल वुमन गिगाफैक्ट्री' है. उनका मानना है कि महिलाओं की डिटेलिंग पर ज्यादा पकड़ होती है, इसलिए सेल मैन्युफैक्चरिंग जैसी प्रिसाइज प्रोसेस में उनका योगदान अहम है.
ओला इलेक्ट्रिक का विजन और मार्केट शेयर
भाविश ने Q1 रिजल्ट्स को लेकर कहा कि यह उनके लिए टर्नअराउंड क्वार्टर रहा. IPO के बाद कंपनी ने मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत की है और अब Q2 और फेस्टिव सीजन में और ज्यादा मार्केट शेयर हासिल करने का प्लान है. उन्होंने साफ कहा कि सर्विस से जुड़ी समस्याओं को भी कंपनी ने काफी हद तक सुलझा लिया है.

भारत के लिए EV सेल मैन्युफैक्चरिंग क्यों जरूरी?
इस सवाल के जवाब में भाविश का कहना है कि अगर भारत को EV सेक्टर में चीन का विकल्प बनना है तो हमें अपने EV सेल खुद बनाने होंगे. आज दुनिया में 1500 GWh सेल प्रोडक्शन होता है, जिसमें 80-90% चीन में बनता है. ओला का विजन 100 GWh का है और कंपनी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. उनका कहना है कि भारत को अपना खुद का एनर्जी प्लेटफॉर्म बनाना होगा और यही ‘विकसित भारत 2047' विजन का हिस्सा भी है.
सरकार की PLI स्कीम से EV सेक्टर को मिला बूस्ट
भाविश ने यह भी बताया कि EV मोटर्स के लिए Rare Earth मैटीरियल्स की चुनौती है. पश्चिमी देश Rare Earth Magnets के बिना मोटर्स बनाने पर काम कर रहे हैं और भारत को भी दूसरे देशों से पार्टनरशिप करनी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की PLI स्कीम इस सेक्टर को बहुत बूस्ट दे रही है और EV सेल प्रोडक्शन में भारत तेजी से आगे बढ़ सकता है.

सुपरसेल और एनर्जी प्लेटफॉर्म तैयार करने का टारगेट
भाविश के मुताबिक EV सेक्टर का अगला बड़ा स्टेप एनर्जी स्टोरेज है. अभी तक भारत ने मैन्युफैक्चरिंग में काफी प्रगति की है लेकिन R&D में अभी पीछे है. ओला का टारगेट न सिर्फ EV बनाना है बल्कि भारत के लिए सुपरसेल और एनर्जी प्लेटफॉर्म तैयार करना भी है.
यह दिखाता है कि कैसे ओला इलेक्ट्रिक सिर्फ स्कूटर बनाने वाली कंपनी नहीं रही, बल्कि भारत के EV फ्यूचर को पावर देने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है.
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