आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्रांति के दम पर चिप बनाने वाली दिग्गज अमेरिकी कंपनी Nvidia ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. Nvidia दुनिया की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिसकी मार्केट वैल्यू 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गई है. Nvidia ने यह रिकॉर्ड बनाते हुए अपनी तेजी की रफ्तार को दिखाया है. कंपनी ने महज चार महीने पहले ही 4 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा छुआ था.

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बूम के पीछे की वजह
यह ऐतिहासिक उछाल AI बूम की वजह से आया है, क्योंकि Nvidia के चिप्स (GPUs) AI सिस्टम्स और डेटा सेंटर्स को चलाने के लिए सबसे जरूरी हैं.
सीईओ कर रहे बड़ी कंपनियों के साथ समझौते
Nvidia की इस सफलता के पीछे सीईओ जेन्सेन हुआंग (Jensen Huang) की रणनीतिक भागीदारी है. हुआंग लगातार बड़े क्लाइंट्स के साथ नए समझौते कर रहे हैं, जिसमें Nokia Oyj, Samsung Electronics Co. और Hyundai Motor Group जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं. ये सभी Nvidia के चिप्स का इस्तेमाल करने जा रही हैं. हुआंग ने संकेत दिया है कि कंपनी के लेटेस्ट चिप्स से जल्द ही आधा ट्रिलियन डॉलर की आय होने की उम्मीद है.
Nvidia की इस ऐतिहासिक ग्रोथ के पीछे कई बड़ी वजह हैं:
Microsoft, Google, Meta, Amazon और Oracle जैसी बड़ी टेक कंपनियां अपने डेटा सेंटर्स में भारी निवेश कर रही हैं, जिसके लिए उन्हें केवल Nvidia के चिप्स की जरूरत है.
अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के बावजूद, अब यह उम्मीद जगी है कि Nvidia को चीन के अरबों डॉलर के AI बाजार में फिर से एंट्री मिल सकती है.
ChatGPT के आने से पहले, तीन साल पहले (2023 से पहले) कंपनी की वैल्यू केवल $400 अरब थी, जो अब $5 ट्रिलियन तक पहुँच गई है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इस हफ्ते की शुरुआत में कंपनी के एक कार्यक्रम में हुआंग ने कहा, "राष्ट्रपति ने हमें चीन में सामान भेजने की अनुमति दे दी है, लेकिन चीन ने हमें सामान भेजने से रोक दिया है."
एनवीडिया के शेयरों ने किया कमाल
बुधवार को न्यूयॉर्क में बाजार खुलने के बाद एनवीडिया के शेयर 5.3% बढ़कर 211.63 डॉलर पर पहुंच गए. ब्लूमबर्ग के अनुसार, एनवीडिया अब पूरे एसएंडपी 500 इंडेक्स के मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग दसवां हिस्सा है और भारत, जापान और जर्मनी सहित सभी देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है.
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