भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी या MPC) ने लगातार 10वीं बार प्रमुख ऋण दर रेपो रेट को 6.5 फ़ीसदी पर कायम रखा. तीन RBI तथा तीन बाहरी सदस्यों वाली MPC ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने के लिए 5:1 से मतदान किया.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Review) प्रस्तुत करते हुए कहा, "वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद मौद्रिक नीति महंगाई को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने में सफल रही है..."
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा, भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने रुख को बदलकर तटस्थ करने का निर्णय किया. गौरतलब है कि RBI ने प्रमुख ऋण दरों में अंतिम बार बदलाव फरवरी, 2023 में किया था.
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छह-सदस्यीय MPC में इस बार तीन बाहरी निवर्तमान सदस्यों के स्थान पर तीन नए सदस्य - दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक प्रोफेसर राम सिंह, अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य तथा औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान (Institute for Studies in Industrial Development) के निदेशक और मुख्य कार्यकारी डॉ नागेश कुमार - शामिल किए गए थे. MPC के निवर्तमान सदस्य इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में एमेरिटस प्रोफेसर आशिमा गोयल, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के मानद वरिष्ठ सलाहकार शशांक भिड़े तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (IIM-A) के प्रोफेसर जयंत आर. वर्मा थे.
बुधवार को की गई घोषणा RBI की तीन-दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक के बाद की गई, जो 7 अक्टूबर को शुरू हुई थी. मुद्रास्फीति नियंत्रण और आर्थिक विकास को संतुलित करने के लिए RBI सतर्क रुख अपनाए हुए है, इसीलिए रेपो रेट को स्थिर रखा गया है.
MPC ने चालू वित्तवर्ष के लिए विकास अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा.
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