Stock Market Today: भारतीय शेयर बाजार आज मामूली तेजी के साथ खुला. प्री-ओपनिंग में BSE SENSEX में 120.34 अंकों की बढ़त के साथ 78,319.45 पर जबकि NIFTY 50 में 38.75 अंकों की वृद्धि देखी गई और यह 23,746.65 पर खुला है. हालंकि, इसके बाद बाजार में गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स और निफ्टी शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए लाल निशान में चला गया.
दोपहर के कारोबार में शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई. 12 बजकर 18 मिनट पर BSE सेंसेक्स 608.02 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 77,591.09 पर ट्रेड कर रहा है, जो 0.78% की गिरावट दर्शाता है. वहीं, निफ्टी 50 इंडेक्स 174.65 अंकों की कमी के साथ 23,533.25 पर पहुंच गया, जो 0.74% की गिरावट है.
निवेशकों की संपत्ति में करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये की गिरावट
आर्थिक सुस्ती को लेकर बढ़ती चिंताओं ने शेयर बाजार पर दबाव बनाया, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई. इस व्यापक बिकवाली के चलते बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन के अनुसार निवेशकों की संपत्ति में करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये की कमी आई.
सुबह 9 बजकर 24 मिनट के करीब BSE SENSEX में 219.97 अंकों की गिरावट आई और यह 77,979.14 पर कारोबार कर रहा है, जबकि NIFTY 50 में भी 59.55 अंकों की कमी आई और यह 23,648.35 पर ट्रेड कर रहा है.
Nifty Smallcap और Midcap इंडेक्स भी लुढ़के
Nifty Bank 117.25 अंक यानी 0.23 प्रतिशत गिरकर 50,084.90 पर पहुंच गया. वहीं, Nifty Midcap 100 इंडेक्स 463.95 अंक या 0.82 प्रतिशत गिरकर 56,405.35 पर ट्रेड कर रहा था. Nifty Smallcap 100 इंडेक्स भी 105.35 अंक यानी 0.56 प्रतिशत गिरकर 18,568.10 पर कारोबार कर रहा था.
ऑटो, IT, PSU बैंक, वित्तीय सेवाएं, FMCG, मेटल, रियल्टी और मीडिया सेक्टर में बिकवाली चलते शेयर बाजार में गिरावट देखा जा रहा है.
शेयर बाजार में गिरावट की क्या है वजह?
शेयर बाजार में आज की गिरावट का मुख्य कारण भारत की GDP वृद्धि दर को लेकर जारी किए गए नए आंकड़े हैं, जिसमें आर्थिक विकास की गति धीमी रहने का अनुमान जताया गया है. इसके अलावा, वैश्विक बाजारों में भी मिक्स रुझान देखने को मिल रहे हैं, जो भारतीय बाजार पर असर डाल रहे हैं.
GDP वृद्धि दर में कमजोरी के अनुमान से निवेशक सतर्क
सरकार के हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत की GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 6.4% तक रहने का अनुमान है, जो पिछले चार सालों में सबसे कम होगी. यह अनुमान विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में कमजोरी के कारण जताया गया है.राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की GDP पिछली वित्तीय वर्ष की तुलना में धीमी गति से बढ़ेगी, जब यह 8.2% की दर से बढ़ी थी. अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो भारत की अर्थव्यवस्था 2020-21 के बाद सबसे धीमी गति से बढ़ेगी.
हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय ने GDP वृद्धि दर को थोड़ी अधिक, 6.6% और 6.5-7% के बीच रहने का अनुमान जताया था. ऐसे में बाजार में हलचल बनी हुई है और निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं.
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