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Budget 2025: अगामी बजट में नौकरियों के अवसर पैदा करने पर हो फोकस : सीआईआई

Budget 2025 Expectations: कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2025 के केंद्रीय बजट में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कई योजना का ऐलान किया गया था, जिसमें रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना भी शामिल है.

Budget 2025: अगामी बजट में नौकरियों के अवसर पैदा करने पर हो फोकस : सीआईआई
Union Budget 2025-26: आगामी बजट में रोजगार सृजन (Job Creation) को बढ़ावा देने के लिए और उपायों की घोषणा की जा सकती है.
नई दिल्ली:

भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 (Union Budget 2025-26) में रोजगार सृजन (Employment Generation) को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, यह बयान शीर्ष बिजनेस चैंबर सीआईआई ने रविवार को दिया. कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2025 के केंद्रीय बजट में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कई योजना का ऐलान किया गया था, जिसमें रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना भी शामिल है.

बजट में रोजगार सृजन को लेकर की जा सकती है घोषणा

आगामी बजट में रोजगार सृजन (Job Creation) को बढ़ावा देने के लिए और उपायों की घोषणा की जा सकती है. सीआईआई ने आगे कहा कि भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 145 करोड़ है. केवल 29 वर्ष की औसत आयु के साथ, भारत एक युवा देश भी है और 2050 तक इसकी कार्यशील आयु वाली आबादी में 13.3 करोड़ लोग जुड़ने वाले हैं. इस युवा आबादी को उत्पादक रूप से जोड़ने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन महत्वपूर्ण है.

शीर्ष बिजनेस चैंबर ने एक एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति का प्रस्ताव रखा है, जिसके दायरे में विभिन्न मंत्रालयों द्वारा वर्तमान में कार्यान्वित की जा रही रोजगार सृजन योजनाओं को शामिल किया जा सकता है.

सीआईआई ने नए रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए रखी ये मांग

बजट को लेकर अपनी मांगों में सीआईआई ने नए रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए धारा 80जेजेएए के बदले में एक नई धारा का प्रस्ताव रखा है. नया प्रावधान सकल कुल आय से चैप्टर वीआईए कटौती के रूप में जारी रहना चाहिए जो करदाता द्वारा रियायती कर व्यवस्था का विकल्प चुनने पर भी उपलब्ध हो. इसे किसी भी करदाता को उपलब्ध कराया जा सकता है जो व्यवसाय या पेशा करता है और टैक्स ऑडिट के लिए उत्तरदायी है. संबंधित कर वर्ष में दिए गए वेतन के संदर्भ में नए रोजगार के पहले तीन वर्षों के लिए कटौती दी जा सकती है, लेकिन यह प्रति माह 1 लाख रुपये की सीमा के अधीन हो.

सीआईआई ने निर्माण, पर्यटन, कपड़ा और कम कुशल विनिर्माण जैसे रोजगार-प्रधान क्षेत्रों के लिए टारगेटेड स्पोर्ट की भी मांग की है.

कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर

सीआईआई ने आगे कहा कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना, जो वर्तमान में कम है, भारतीय अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा दे सकता है. महिला श्रम शक्ति की भागीदारी बढ़ाने के लिए सीएसआर फंड का उपयोग करके छात्रावासों का निर्माण, देखभाल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों का औपचारिकीकरण, औद्योगिक समूहों में सरकार द्वारा समर्थित क्रेच की स्थापना सहित नई पहल की जा सकती है.

इंटरनेशनल मोबिलिटी अथॉरिटी स्थापित करने का आग्रह

सीआईआई ने सरकार से विदेश मंत्रालय के तहत एक इंटरनेशनल मोबिलिटी अथॉरिटी स्थापित करने पर विचार करने का भी आग्रह किया है. यह अथॉरिटी भारतीय युवाओं को विदेशी रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने में मदद करने के लिए गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट सहयोग की सुविधा प्रदान कर सकती है. यह अथॉरिटी वैश्विक अवसरों के अनुरूप कौशल विकास कार्यक्रम विकसित करने में सहायता के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ भी काम कर सकती है.

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