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बजट 2024 से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिकारियों को परोसा हलवा, जानें क्यों होती है ये सेरेमनी?

बजट से पूर्व वित्त मंत्रालय में आयोजित हलवा सेरेमनी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने हाथों से अधिकारियों और कर्मचारियों को हलवा परोसा. 

बजट 2024 से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिकारियों को परोसा हलवा, जानें क्यों होती है ये सेरेमनी?
नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को पारंपरिक 'हलवा' सेरेमनी (Halwa Ceremony) में शिरकत की. सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में बजट पेश करेंगी. बजट सेरेमनी बजट 2024 की तैयारी के अंतिम चरण का प्रतीक होती है. इस दौरान हलवा तैयार किया जाता है और बजट को तैयार करने में शामिल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसा जाता है. यह आयोजन नॉर्थ ब्‍लॉक में किया जाता है, जहां पर वित्त मंत्रालय है. इसमें वित्त मंत्री के साथ आला अधिकारी भी शामिल होते हैं. 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने हाथों से अधिकारियों और कर्मचारियों को हलवा परोसा. 

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वित्त मंत्रालय ने एक्‍स पर एक पोस्‍ट में कहा, "केंद्रीय बजट 2024-25 के लिए बजट तैयारी की प्रक्रिया का अंतिम चरण आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में पारंपरिक हलवा सेरेमनी के साथ शुरू हुआ." 

वित्त मंत्री ने की बजट तैयारियों की समीक्षा 

इस दौरान वित्त मंत्री ने बजट प्रेस का भी दौरा किया और संबंधित अधिकारियों को शुभकामनाएं देने के साथ ही तैयारियों की भी समीक्षा की. 

पिछले तीन पूर्ण केंद्रीय बजट और एक अंतरिम बजट की तरह इस बार का केंद्रीय बजट 2024-25 भी पेपर लैस ही वितरित किया जाएगा. बजट "यूनियन बजट मोबाइल ऐप" पर उपलब्ध होगा. 

समारोह में सीतारमण के साथ ही वित्त सचिव टीवी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. 

हलवा सेरेमनी एक तरह से बजट की तैयारी को लेकर एक तरह से काम पूरा होने का संकेत होता है. बजट तैयार करने वाले अधिकारी और कर्मचारी गोपनीयता बनाए रखने के लिए 'लॉक इन' प्रक्रिया के दौरान नॉर्थ ब्‍लॉक के बेसमेंट में रहते हैं और बाहरी दुनिया से कटे रहते हैं. 

बजट भाषण के बाद ही सामने आते थे कर्मचारी 

यह अधिकारी और कर्मचारी वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री के बजट भाषण को पूरा करने के बाद ही सामने आते हैं. यह उन लोगों के लिए सराहना का संकेत माना जाता है,  जिन्होंने बजट पर काम किया है. नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में एक प्रिंटिंग प्रेस भी है, जिसका इस्तेमाल पारंपरिक रूप से 1980 से 2020 तक 40 सालों तक बजट दस्तावेजों को प्रिंट करने के लिए किया जाता था. 

इसके बाद बजट डिजिटल हो गया और बहुत कम दस्‍तावेजों की छपाई की जाती है और इन दस्‍तावेजों को ज्‍यादातर मोबाइल ऐप या वेबसाइट के माध्यम से वितरित किया जाता है. डिजिटल होने का मतलब यह भी है कि लॉक-इन अवधि घटकर पहले की तुलना में केवल पांच दिन रह गई है, जो पहले दो सप्ताह तक चलती थी. 

राष्‍ट्रपति भवन में होती थी बजट की छपाई 

​​बजट से संबंधित सभी दस्तावेज नॉर्थ ब्लॉक में ही एक समर्पित सरकारी प्रेस के उपयोग से छापे जाते हैं. पहले इन दस्तावेजों की राष्ट्रपति भवन में छपाई की जाती थी, लेकिन दस्तावेज लीक होने के बाद 1950 में इसे दिल्‍ली के मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में और 1980 में नॉर्थ ब्लॉक में स्थानांतरित कर दिया गया था. विशाल बजट दस्तावेजों की कई सौ प्रतियों की छपाई इतनी विस्तृत प्रक्रिया थी कि प्रिंटिंग स्टाफ को नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में प्रिंटिंग प्रेस के अंदर दो सप्ताह तक अलग रहना पड़ता था. 

2014 के बाद कई परंपराओं में बदलाव 

नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद बजट के कई पारंपरिक पहलुओं को खत्म कर दिया है, जैसे रेल बजट का मुख्य बजट में ही विलय कर दिया गया है. वहीं बजट पेश करने की तारीख को महीने की आखिरी तारीख को पेश करने की जगह इसे अब 1 फरवरी को पेश किया जाता है. 

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