
- जीएसटी रीस्ट्रक्चरिंग के बाद सामान्य दोपहिया वाहनों पर 18% टैक्स लगेगा और 350 सीसी से ऊपर लग्जरी टैक्स लगेगा.
- रॉयल एनफील्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर ने सरकार से सभी दोपहिया वाहनों पर समान जीएसटी लगाने का आग्रह किया है.
- रॉयल एनफील्ड 350 से 650 सीसी कैटगरी में सबसे आगे है और जीएसटी बदलाव से इसका खास प्रभाव पड़ेगा.
जीएसटी रीस्ट्रक्चर को लेकर चल रही प्लानिंग पूरी होने के बाद नई दरें लागू होने पर कई चीजें सस्ती होने की उम्मीद है तो दूसरी ओर लग्जरी आइटम्स महंगी होने की भी आशंका है. बुलेट समेत महंगे टू-व्हीलर्स भी महंगे आइटम्स के दायरे में आ सकते हैं. इसको लेकर रॉयल एनफील्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ लाल ने सरकार से सभी दोपहिया वाहनों पर एक समान 18% जीएसटी लगाने का आग्रह किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि सभी दोपहिया सेगमेंट पर एक समान 18% जीएसटी, इस सेक्टर की ग्रोथ को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है.
टू-व्हीलर्स की कीमतों पर असर
जीएसटी काउंसिल दोपहिया वाहनों पर लगने वाले टैक्स को बदलने की योजना बना रही है. अगर यह नया टैक्स नियम मंजूर हो जाता है, तो 350 सीसी से कम की छोटी मोटरसाइकिलों पर 18% जीएसटी लगेगा, और 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलों को लग्जरी सामान माना जाएगा, जिस पर 40% जीएसटी लगेगा. ऑटोमोबाइल सहित कई सामानों और सेवाओं पर जीएसटी में बदलाव का यह फैसला सितंबर में घोषित किया जाएगा.
रॉयल एनफील्ड ज्यादा प्रभावित!
रॉयल एनफील्ड 350-500 सीसी मोटरसाइकिलों की कैटगरी में सबसे आगे है, जिसमें जे-सीरीज (क्लासिक, बुलेट, हंटर, मीटिओर) की सबसे ज्यादा बिक्री होती है. रॉयल एनफील्ड 450-सीसी और 650-सीसी प्लेटफॉर्म में भी कई मोटरसाइकिलें बनाती है, जिन पर जीएसटी में बदलाव का असर पड़ना तय है. 2024 में, रॉयल एनफील्ड ने भारत में 8.57 लाख यूनिट्स बेचकर एक रिकॉर्ड बनाया था.
...ताकि आगे बना रहे सेगमेंट
सिद्धार्थ लाल ने कहा, 'भारतीय ब्रांड पहले से ही दुनिया भर में छोटे-कैपेसिटी वाले सेगमेंट में सबसे आगे हैं, और हम बड़े निवेश के जरिए अब मिड-कैपेसिटी वाली मोटरसाइकिलों में भी अच्छी पैठ बना रहे हैं. हम बेहतरीन वैल्यू देकर दुनिया भर के राइडर्स को बड़ी और ज्यादा डिस्प्लेसमेंट वाली मशीनों से भारतीय-निर्मित मिड-साइज मोटरसाइकिलों पर जाने के लिए आकर्षित कर रहे हैं.'
लाल ने सरकार से आग्रह किया कि इस गति को बनाए रखने के लिए सभी दोपहिया वाहनों पर एक समान 18% जीएसटी बनाए रखा जाए. लाल ने कहा, '350 सीसी से कम पर जीएसटी कम करने से पहुंच बढ़ेगी, लेकिन 350 सीसी से ऊपर पर जीएसटी बढ़ाने से उस सेगमेंट को नुकसान होगा जो भारत की वैश्विक बढ़त के लिए बहुत जरूरी है.'
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