भारत 2030 तक बन सकता है 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था: वित्त मंत्रालय

Indian Economy Growth: मंत्रालय ने कहा कि अगले तीन वर्षों में भारत के पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है.

भारत 2030 तक बन सकता है 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था: वित्त मंत्रालय

Indian Economy: रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सरकार ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित देश’ बनने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है.

नई दिल्ली:

अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) से पहले वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले तीन साल में पांच ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. इसके साथ ही कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में लगातार सुधारों से यह वर्ष 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा भी छू लेगा. जबकि, दस साल पहले भारत ट्रिलियन डॉलर के जीडीपी (GDP) के साथ दुनिया की 10वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था. 

वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था की जनवरी माह की समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि महामारी के असर और वृहद-आर्थिक असंतुलन वाली अर्थव्यवस्था के बावजूद भारत वित्त वर्ष 2023-24 में 3.7 लाख करोड़ डॉलर की अनुमानित जीडीपी के साथ पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘10 साल की यह यात्रा कई सुधारों से गुजरी है. उन्होंने देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इन सुधारों ने आर्थिक मजबूती भी दी है जिसकी देश को भावी अप्रत्याशित वैश्विक झटकों से निपटने के लिए जरूरत होगी.''

इसी के साथ मंत्रालय ने कहा कि अगले तीन वर्षों में भारत के पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है. समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘सरकार ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित देश' बनने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है. सुधारों की यात्रा जारी रहने पर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.''

2024-25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7% के करीब रहने की संभावना
समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘घरेलू मांग की ताकत ने पिछले तीन वर्षों में अर्थव्यवस्था को सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर दी है. वित्त वर्ष 2024-25 में रियल जीडीपी ग्रोथ सात प्रतिशत के करीब रहने की संभावना है. वर्ष 2030 तक वृद्धि दर के सात प्रतिशत से अधिक रहने की काफी गुंजाइश है.''

हालांकि, मंत्रालय ने समीक्षा में पाया कि हालिया एवं भावी संरचनात्मक सुधारों के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के लिए भू-राजनीतिक संघर्षों का बढ़ा जोखिम चिंता का सबब बन सकता है.इसके मुताबिक, ‘‘मुद्रास्फीति अंतर और विनिमय दर के संबंध में उचित धारणाओं के अनुरूप भारत अगले छह-सात साल में (2030 तक) सात लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा कर सकता है.''

अमेरिका और ब्रिटेन के बाद भारत तीसरी सबसे बड़ी फिनटेक इकोनॉमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के मजबूत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) ने इकोसिस्टम को बदल दिया है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर (ई-केवाईसी) की लागत कम हो गई है. इसने इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्मार्टफोन, तेजी से शहरीकरण के साथ मिलकर देश के ई-कॉमर्स बाजार को बढ़ावा दिया है. जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के बाद विश्व स्तर पर भारत तीसरी सबसे बड़ी फिनटेक इकोनॉमी बन गया है.

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मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने समीक्षा रिपोर्ट की भूमिका में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कोविड के बाद अपने पुनरुद्धार को कायम रखने के लिए संघर्ष कर रही है और सप्लाई चेन संकट जैसे कुछ झटके 2024 में भी लौट आए हैं. अगर ये झटके कायम रहते हैं तो दुनियाभर में व्यापार प्रवाह, परिवहन लागत, आर्थिक उत्पादन और मुद्रास्फीति को प्रभावित करेंगे.