संसद में शनिवार को बजट 2020-21 पेश कर दिया गया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण देते हुए आने वाले वित्त वर्ष के लिए तमाम योजनाओं की घोषणा की. निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर 10 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं वित्त मंत्री ने नए टैक्स दरों का ऐलान करते हुए कई बड़े ऐलान किए हैं. इस दौरान जो भाषण दिया गया वो अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण रहा. करीब 2 घंटे 39 मिनट तक सीतारमण बोलती रहीं. इस बीच उनकी तबीयत भी बिगड़ गई. वहीं अब बजट पेश होने के बाद पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है.
बजट के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बजट नये और आत्मविश्वासी भारत की रूपरेखा देता है, यह आने वाले वर्षों में देश को स्वस्थ एवं समृद्ध बनाएगा. बजट में सभी वर्गों के कल्याण और विकास पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित है, इसमें किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश हुए आम बजट को खोखला करार देते हुए शनिवार को कहा कि इसमें कुछ ठोस नहीं था और बेरोजगारी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. उन्होंने संसद परिसर में मीडिया से कहा, 'मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है. मुझे इसमें कोई ऐसा विचार नहीं दिखा जो रोजगार पैदा करने के लिए हो.' गांधी ने कहा कि यह इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण हो सकता है लेकिन इसमें कुछ ठोस नहीं था. इसमें पुरानी बातों को दोहराया गया है.
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केंद्रीय मंत्री समृति इरानी ने कहा, ''इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक बजट है. आज एंटी डंपिंग जो MMF सेक्टर की बहुत बड़ी चुनौती थी उसका समाधान देने के लिए मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री जी का आभार व्यक्त करती हूं. कर में राहत मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए दिवाली से कम नहीं.''
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा, ''बजट पहले की अपेक्षा काफी बड़ा है, स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों के लिए पहले की अपेक्षा बढ़कर पर्याप्त बजट आया है.''
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ''ये बजट प्रैक्टिकल, परफोर्मिंग और पीपल फ्रेंडली बजट है, हम तूफान से कश्ती निकाल कर लाए हैं, जिस तरह की स्थिति थी, इस बजट में गांव, गरीब, किसान, खेत-खलियान, नौजवान सबका ध्यान रखा गया है. यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला बजट है.''
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बजट से काफी उम्मीदें थी और इसके साथ सौतेला व्यवहार किया गया है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बजट ने देश के किसानों और नौजवानों को निराश किया है.'' उन्होंने सवाल किया, ''उत्तर प्रदेश जहां सरकार खुद स्वीकार करती है कि नई पीढ़ी सबसे ज्यादा है. लेकिन नई पीढ़ी के सपनों को पूरा करने के लिए क्या है इनके पास. कहां है नौकरी, रोजगार और इन्वेस्टमेंट?''
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कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आयकर में दी गई छूट को राहत देने वाला बताय है. उन्होंने कहा, ''एक अच्छी चीज शायद आयकर में दी गई छूट हो सकती है. 12.5 लाख के नीचे की आय वाले मध्यम वर्गीय परिवारों को इससे राहत मिलेगी. उसके अलावा बजट में कुछ खास नहीं लगा.''
तृणमूल कांग्रेस ने बजट को लेकर आलोचना करते हुए कहा, ''सरकार ने ऐसे देश में बचत के लिए प्रोत्साहन को हटाया जहां सामाजिक सुरक्षा नहीं है, कर में मिलने वाली 100 में से 70 छूटों को वापस लिया' वहीं माकपा ने कहा कि इसमें सिर्फ ‘बेकार' की बातें हैं और यह लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं करता. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इसमें ‘‘लोगों की दिक्कतें'' दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ बेकार की बातें और जुमले हैं। इसमें लोगों की दिक्कतें दूर करने, बढ़ती बेरोजगारी, गांवों में मजदूरी भुगतान संकट, परेशान किसानों की आत्महत्या करने जैसी समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं है.''
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