भाजपा के बागी नेता यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो)
नरसिंहपुर:
भाजपा के बागी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने गुरुवार को पेश किये गये केन्द्र सरकार के बजट को निराशाजनक बताया है. यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘उम्मीद थी कि यह बजट कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के लिये महत्वपूर्ण और शुभ समाचार लेकर आयेगा. लेकिन कृषि क्षेत्र के साथ-साथ यह बजट शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार की दृष्टि से निराशाजनक रहा.’
उन्होंने कहा, ‘इस बजट में किसानों की फसलों के भाव समेत ऋण माफी और सिंचाई के बारे में कोई प्रावधान नहीं किया गया है.’ सिन्हा ने बताया, ‘बजट में सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी रही. मध्यम एवं गरीब वर्ग को इससे कोई लाभ होने वाला नहीं है.’ उन्होंने कहा कि असंतुलित बजट पेश करके सरकार ने राहत के बजट को पेश करने का एक और मौका खो दिया है.
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सिन्हा ने बताया कि अगले खरीफ सत्र से सरकार ने किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना अधिक समर्थन मूल्य देने की घोषणा जरूर की है. लेकिन इसके लिये न तो समय सीमा तय की गई है और न ही इसमें होने वाले खर्च का जिक्र किया है.
सिन्हा ने कहा कि बजट में 80,000 करोड़ रूपये के विनिवेश की बात करने वाली सरकार एक सरकारी कंपनी के जरिये दूसरी सरकारी कंपनी के शेयर क्रय करार ‘फायनेन्शियल इंजीनियरिंग’ में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के हुये सवा साल बीत चुके हैं. लेकिन बजट में यह नहीं बताया कि नोटबंदी से क्या सफलता मिली और कितना कालाधन पकड़ा गया.
उन्होंने कहा पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से समाज का हर वर्ग परेशान है और बढ़ती महंगाई का यह बहुत बड़ा कारण है. उन्होंने कहा कि आम आदमियों की बजाय बजट में बड़ी-बड़ी कंपनियों को करों में छूट दी गई है.
VIDEO: बजट 'विकासोन्मुखी', भारत की प्रगति को गति देगा : पीएम मोदी (इनपुट भाषा से)
उन्होंने कहा, ‘इस बजट में किसानों की फसलों के भाव समेत ऋण माफी और सिंचाई के बारे में कोई प्रावधान नहीं किया गया है.’ सिन्हा ने बताया, ‘बजट में सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी रही. मध्यम एवं गरीब वर्ग को इससे कोई लाभ होने वाला नहीं है.’ उन्होंने कहा कि असंतुलित बजट पेश करके सरकार ने राहत के बजट को पेश करने का एक और मौका खो दिया है.
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सिन्हा ने बताया कि अगले खरीफ सत्र से सरकार ने किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना अधिक समर्थन मूल्य देने की घोषणा जरूर की है. लेकिन इसके लिये न तो समय सीमा तय की गई है और न ही इसमें होने वाले खर्च का जिक्र किया है.
सिन्हा ने कहा कि बजट में 80,000 करोड़ रूपये के विनिवेश की बात करने वाली सरकार एक सरकारी कंपनी के जरिये दूसरी सरकारी कंपनी के शेयर क्रय करार ‘फायनेन्शियल इंजीनियरिंग’ में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के हुये सवा साल बीत चुके हैं. लेकिन बजट में यह नहीं बताया कि नोटबंदी से क्या सफलता मिली और कितना कालाधन पकड़ा गया.
उन्होंने कहा पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से समाज का हर वर्ग परेशान है और बढ़ती महंगाई का यह बहुत बड़ा कारण है. उन्होंने कहा कि आम आदमियों की बजाय बजट में बड़ी-बड़ी कंपनियों को करों में छूट दी गई है.
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