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This Article is From Feb 23, 2016

2022 तक सबको घर देने का भरोसा देते हैं : संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति मुखर्जी

2022 तक सबको घर देने का भरोसा देते हैं : संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति मुखर्जी
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी...
नई दिल्ली: बजट सत्र की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अभिभाषण में कहा कि सबका साथ सबका विकास सरकार का मंत्र है। गरीब से गरीब व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है। सरकार 2022 तक सबको घर देने का भरोसा देते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार पाकिस्तान के साथ परस्पर सम्मानजनक संबंधों के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति ने पठानकोट हमले का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने पठानकोट हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। जवानों की बहादुरी को सलाम करता हूं।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के मुख्य अंश
  • पड़ोसियों के साथ बेहतर रिश्ते हमारी प्राथमिकता
  • हमने विदेशों में हिंसा के दौरान राहत ऑपरेशन चलाए
  • हम पूरी दुनिया को एक परिवार की तरह देखते हैं
  • गरीबों किसानों और बेरोजगारों पर सरकार का ध्यान
  • 2022 तक सबको घर देने का वादा
  • मेरी सरकार ने तीन नई बीमा योजनाएं शुरू कीं
  • 4.45 लाख घर बनाने के लिएओ 24,600 करोड़ का फंड
  • संविधान में सबको बराबरी का अधिकार दिया गया है
  • बीमा और पेंशन योजना का लाभ सीधे जरूरतमंदों को
  • फसल बर्बाद होने पर किसानों को जल्द मुआवजा मिलेगा
  • कम प्रीमियम पर किसानों को बेहतर फसल बीमा योजना
  • ऑर्गेनिक खेती के विकास के लिए अलग योजना बनाई
  • अगले साल तक नीम कोटेड यूरिया देने का लक्ष्य
  • 2015 में सबसे ज्यादा यूरिया का उत्पादन हुआ
  • पीएम कृषि योजना में हर खेत को पानी देने का लक्ष्य
  • ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हमारी प्राथमिकता
  • पिछले साल 5 मेगा फूड प्रोसेसिंग पार्क बनाए गए
  • नीली क्रांति से मत्स्य उत्पादान में बढ़ोतरी की कोशिश
  • फूड प्रोसेसिंग फंड का गठन किया गया है
  • मेक इन इंडिया से 39 फीसदी विदेशी निवेश बढ़ा
  • 70 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार की ट्रेनिंग दी गई
  • रोजगार बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई गईं
  • पीएम मुद्रा योजना से 2.07 लाख महिला उद्यमियों को लाभ
  • मनरेगा का लाभ ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य
  • 20 हजार बच्चों को स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग
  • 12वें दक्षिण पूर्व एशियाई खेलों का सफल आयोजन हुआ
  • लघु उद्योगों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा
  • मेरी सरकार ने जल क्रांति अभियान की शुरुआत की
  • हमने एक हजार से ज्यादा कानून खत्म किए
  • वन रैंक वन पेंशन के लिए 7 हजार करोड़ दिए गए
  • बांग्लादेश से सरहद पर समझौता बड़ी कामयाबी
  • अफगानिस्तान में शांति बनाए रखने के लिए सहयोग जारी रहेगा
  • नेपाल में आए भूकंप में भारत ने मदद दी
  • इंडिया-अफ्रीका समिट करना हमारी बड़ी कामयाबी
  • 310 रुपये से 64 रुपये पहुंची एलईडी बल्ब की कीमत
  • वन नेशन वन ग्रिड वन प्राइस हमारी सरकार का लक्ष्य
  • पिछले साल कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ
  • 70 कोयला खदानों की सफल नीलामी की गई
  • जापान की सरकार के साथ कई अहम समझौते किए
  • रेलवे स्टेशनों और ट्रेन कोच में सफाई की खास व्यवस्था
  • गांव-गांव तक सड़क पहुंचना सरकार का लक्ष्य
  • चार धाम को आपस में सड़क से जोड़ने की योजना
  • मोबाइल हैंडसेट के निर्माण में बढ़ोतरी
  • डिजिटल इंडिया योजना हमारी सरकार की बड़ी सफलता

बजट सत्र में सकारात्मक चर्चा की उम्मीद
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से बजट सत्र शुरू हो रहा है। सवा सौ करोड़ देशवासियों की निगाहें संसद पर और संसद की कार्यवाही पर हैं। विश्व का ध्यान भी बजट सत्र पर है। विपक्ष ने चर्चा का भरोसा दिया है। सत्र को लेकर कई दिनों तक विपक्ष के साथ विचार-विमर्श किया गया। बजट सत्र में सकारात्मक चर्चा की उम्मीद है।

तीखे तेवर में नजर आईं लेफ्ट पार्टियां
बजट सत्र से पहले सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सबसे तीखे तेवर में नजर आई लेफ्ट पार्टियां। लेफ्ट ने सरकार से मांग की कि वह सदन में वह पूरी वस्तुस्थिति साफ करे, जिसकी वजह से जेएनयू मामला इतना तूल पकड़ गया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। सरकार को सदन चलाने में सहयोग का भरोसा तो दिया, लेकिन पठानकोट हमले से लेकर अरुणाचल तक और जेएनयू से लेकर पटियाला हाउस में हुई मारपीट तक के मुद्दे पर सरकार को अपनी स्थिति साफ़ करने को कहा।

पिछले सत्रों में हंगामे के कारण नहीं हो पाया काम
संसद के पिछले मॉनसून और शीतकालीन सत्रों में विपक्ष के हंगामे की वजह से कामकाज नहीं हो पाया। विधायी काम ठप होने से परेशान सरकार इस बार विपक्ष पर भरोसा जताती दिख रही है। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, मीटिंग के माहौल से मैं खुश हूं। कुछ पार्टियों ने कुछ मुद्दे उठाने की मांग की है। हम हर मुद्दे पर बहस को तैयार हैं।

कई अहम बिल होने हैं पास
जीएसटी बिल से लेकर रीयल स्टेट बिल तक, सरकार ने कई अहम बिलों को पास कराने का मंसूबा बना रखा रखा है। लेकिन विपक्ष जीएसटी जैसे बिल पर अपने संशोधनों की मांग पर अब भी अड़ा है। विपक्ष से मिले भरोसे के बूते सरकार सदन का काम काज सुचारू रूप से चलने की उम्मीद जता रही है। लेकिन उसे भी पता है कि विपक्षी दलों का भरोसा शर्तों के साथ है। सदन में अपनी आवाज़ न सुनी जाने का आरोप लगा कर विपक्ष कभी भी हंगामा खड़ा कर सकती है।

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