प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
हर साल बजट को लेकर मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा लोगों में काफी उत्साह रहता है। बजट के वो दो पहलू जो उनके इस उत्साह पर असर डालती हैं वो हैं....आयकर से जुड़े ऐलान और मकान खरीदने का सपना देखने वालों के लिए घोषणाएं। देखें इस बार घर खरीददारों के लिए क्या लाया हमारा बजट और साथ में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए कैसा रहा ये बजट...
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार हर किसी को खुश करने की कोशिश की। रियल एस्टेट सेक्टर पर वो बहुत ज़्यादा मेहरबान भले ही न हुए हों, लेकिन बेरुखे भी नहीं रहे। देश में हर किसी के पास छत का सपना पूरा करने के लिए सरकार ने लोगों को मकान खरीदने के लिए रियायत दी तो सही, लेकिन दिल खोल कर नहीं। मकान खरीदने की इच्छा अगर लोगों में सरकार की छूटों के चलते जागेगी तो वो बुरे हाल से गुज़र रहे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए संजीवनी बूटी साबित होगी।
फिलहाल अगर आप पहली बार मकान खरीद रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। आप को Section 80 EE के तहत अब होम लोन के ब्याज में 50,000 रुपये सालाना की अतिरिक्त छूट मिल सकती है। यानि जो 2 लाख की छूट आयकर में मिलती है....उसके अलावा, लेकिन कुछ शर्तों पर...
- आपका मकान 50 लाख रुपये या उससे कम का हो।
- उसे खरीदने के लिए आपने 35 लाख रुपए तक का होम लोन लिया हो।
- होम लोन 1 अप्रैल 2016 से लेकर 31 मार्च 2017 के बीच में सेंक्शन हुआ हो।
यानि अगर अब आप 50 लाख से कम का मकान खरीदने का सोच रहे हैं तो आपको सालाना 2.5 लाख रुपये की छूट मिल सकती है, अपनी होम लोन की इंट्रेस्ट पेमेंट पर।
इसके अलावा किराए पर रहने वालों के लिए सरकार ने मकान किराया भत्ता यानि HRA पर मिलने वाली छूट को भी 24 हज़ार से बढ़ाकर 60 हज़ार रुपये सालाना कर दिया है। सरकार ने सस्ते मकानों को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ ऐलान किए हैं और कुछ ऐलान पूरे सेक्टर की भलाई के लिए भी है।
बिल्डरों के लिए 100 प्रतिशत कर में छूट है, अगर वो चार मेट्रो शहरों में 30 स्क्वायर मीटर के मकान और दूसरे शहरों में 60 स्क्वायर मीटर तक के मकान बनाते हैं, जिनकी मंज़ूरी उन्हें जून 2016 से मार्च 2019 के बीच मिली हो और मंज़ूरी के 3 साल के अंदर तैयार हो गए हों।
सरकार ने रेडी मिक्स कंक्रीट में भी 100 प्रतिशत एक्साइज़ ड्यूटी में छूट दी है। रियल इस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट जो कि सेक्टर के लिए फंडिंग जुटाने का एक ज़रिया है उसको डायरेक्ट डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स से छूट दे दी गई है। इससे कंपनियां इनमें दिलचस्पी दिखा सकती हैं जो सेक्टर में नया पैसा और नई जान डाल सकता है। साथ ही जो ज़ोर सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा देने पर दे रही है, इसका असर रियल एस्टेट सेक्टर पर भी पड़ता ही है। सड़के, पुल, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट...ये सब रिहाइश के लिए ज़रूरी हैं और ये प्रॉपर्टी के बाज़ार पर गहरा असर डालती हैं। यानि सरकार ने छूट का लॉलीपॉप दिया तो है, लेकिन उसका साइज़ थोड़ा छोटा ही है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार हर किसी को खुश करने की कोशिश की। रियल एस्टेट सेक्टर पर वो बहुत ज़्यादा मेहरबान भले ही न हुए हों, लेकिन बेरुखे भी नहीं रहे। देश में हर किसी के पास छत का सपना पूरा करने के लिए सरकार ने लोगों को मकान खरीदने के लिए रियायत दी तो सही, लेकिन दिल खोल कर नहीं। मकान खरीदने की इच्छा अगर लोगों में सरकार की छूटों के चलते जागेगी तो वो बुरे हाल से गुज़र रहे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए संजीवनी बूटी साबित होगी।
फिलहाल अगर आप पहली बार मकान खरीद रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। आप को Section 80 EE के तहत अब होम लोन के ब्याज में 50,000 रुपये सालाना की अतिरिक्त छूट मिल सकती है। यानि जो 2 लाख की छूट आयकर में मिलती है....उसके अलावा, लेकिन कुछ शर्तों पर...
- आपका मकान 50 लाख रुपये या उससे कम का हो।
- उसे खरीदने के लिए आपने 35 लाख रुपए तक का होम लोन लिया हो।
- होम लोन 1 अप्रैल 2016 से लेकर 31 मार्च 2017 के बीच में सेंक्शन हुआ हो।
यानि अगर अब आप 50 लाख से कम का मकान खरीदने का सोच रहे हैं तो आपको सालाना 2.5 लाख रुपये की छूट मिल सकती है, अपनी होम लोन की इंट्रेस्ट पेमेंट पर।
इसके अलावा किराए पर रहने वालों के लिए सरकार ने मकान किराया भत्ता यानि HRA पर मिलने वाली छूट को भी 24 हज़ार से बढ़ाकर 60 हज़ार रुपये सालाना कर दिया है। सरकार ने सस्ते मकानों को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ ऐलान किए हैं और कुछ ऐलान पूरे सेक्टर की भलाई के लिए भी है।
बिल्डरों के लिए 100 प्रतिशत कर में छूट है, अगर वो चार मेट्रो शहरों में 30 स्क्वायर मीटर के मकान और दूसरे शहरों में 60 स्क्वायर मीटर तक के मकान बनाते हैं, जिनकी मंज़ूरी उन्हें जून 2016 से मार्च 2019 के बीच मिली हो और मंज़ूरी के 3 साल के अंदर तैयार हो गए हों।
सरकार ने रेडी मिक्स कंक्रीट में भी 100 प्रतिशत एक्साइज़ ड्यूटी में छूट दी है। रियल इस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट जो कि सेक्टर के लिए फंडिंग जुटाने का एक ज़रिया है उसको डायरेक्ट डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स से छूट दे दी गई है। इससे कंपनियां इनमें दिलचस्पी दिखा सकती हैं जो सेक्टर में नया पैसा और नई जान डाल सकता है। साथ ही जो ज़ोर सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा देने पर दे रही है, इसका असर रियल एस्टेट सेक्टर पर भी पड़ता ही है। सड़के, पुल, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट...ये सब रिहाइश के लिए ज़रूरी हैं और ये प्रॉपर्टी के बाज़ार पर गहरा असर डालती हैं। यानि सरकार ने छूट का लॉलीपॉप दिया तो है, लेकिन उसका साइज़ थोड़ा छोटा ही है।
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