नए संसद भवन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. बजट को व्यापक दृष्टि से देखें, तो इसके कई पहलू नज़र आते हैं, लेकिन समग्रता में समझा जाए, तो यह बजट युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करने में नई मिसाल कायम करने वाला है. वित्तमंत्री ने इस बात का ध्यान रखा है कि देश के युवाओं को विकसित भारत में अपने सपनों को पूरा करने का समुचित अवसर मिले. युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए ज़रूरी है कि उनके पास न सिर्फ़ हुनर हो, बल्कि काम के अवसर भी. सरकार ने इस बजट के ज़रिये रोज़गार की ऐसी पहल की है, जो इससे पहले कभी देखने को नहीं मिली. हालांकि नीतिगत तौर पर देखें, तो सरकार ने अपनी उसी रणनीति को आगे बढ़ाया है, जिस पर वह पिछले 10 साल से काम कर रही है.
तीसरा कार्यकाल, पहला बजट
4 जून, 2024 को लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त कर रिकॉर्ड तीसरी बार सरकार बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नए संसद भवन में यह पहला पूर्ण बजट था. इस बजट को पेश कर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक और मायने में रिकॉर्ड बनाया है. वह स्वतंत्र भारत की पहली ऐसी वित्तमंत्री बन गई हैं, जिन्होंने लगातार सात बार बजट पेश किया. इससे पहले लगातार 6 बार पूर्ण बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम था. यह रिकॉर्ड इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि निर्मला सीतारमण पहली महिला वित्तमंत्री हैं, जिन्होंने यह करिश्मा कर दिखाया है.
रोज़गार ही रोज़गार
2014 से 2024 की इस अवधि में मोदी सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को इस स्थिति में पहुंचा दिया है कि अब इसमें रोज़गार के भरपूर अवसर पैदा हो रहे हैं. लेकिन जिस तेज़ गति से आबादी बढ़ रही है, उस गति से रोज़गार बढ़ाने के लिए सरकार को भी अपनी नीतियों में तेज़ी से परिवर्तन करने की ज़रूरत पड़ेगी. हाल ही में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की रोज़गार पर आई एक रिपोर्ट बताती है कि देश में पिछले तीन-चार साल में 8 करोड़ रोज़गार पैदा हुए हैं. तेज़ रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में उसी अनुपात में तेज़ी लानी होती है. इसी को देखते हुए इस सरकार ने पिछले 10 साल में अर्थव्यवस्था को तेज़ गति से बढ़ाने का काम किया है. उसी का परिणाम है कि 8 करोड़ रोज़गार के अवसर तीन से चार सालों में पैदा हुए.
2024 के पूर्ण बजट में भी सरकार ने रोज़गार और कौशल प्रशिक्षण की 5 योजनाओं को शुरू किया है, जिसके लिए बजट में दो लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यही नहीं, सरकार ने बजट में जिन 9 प्राथमिकताओं पर फोकस किया है, उनका उद्देश्य भी यही है कि अर्थव्यवस्था में रोज़गार के अवसर तेज़ी से विकसित हों. सरकार की 9 प्राथमिकताएं ये हैं -
- कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन
- रोज़गार एवं कौशल
- समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय
- विनिर्माण एवं सेवाएं
- शहरी विकास
- ऊर्जा संरक्षण
- अवसंरचना
- नवाचार, अनुसंधान एवं विकास
- नई पीढ़ी के सुधार
इन सभी प्राथमिकताओं का लक्ष्य राष्ट्र को इस तरह विकसित करना है, जिसमें हर परिवार के युवा को न सिर्फ़ रोज़गार मिले, बल्कि हर परिवार के सिर पर छत हो, उस घर में बिजली हो, घर के पास पक्की सड़क हो और परिवार में अपने देश की विरासत के प्रति गर्व का भाव हो.
नौकरी में इंटर्नशिप की क्रांति
प्रधानमंत्री ने 2024 के पूर्ण बजट से देश में रोज़गार के अवसरों में क्रांति ला दी है. सरकार ने निर्णय लिया है कि 1 करोड़ युवाओं को देश की 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने का अवसर दिया जाएगा. इस योजना के तहत हर युवा को एक साल के लिए देश की इन 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने का अवसर मिलेगा. इस इंटर्नशिप में युवाओं को वैश्विक स्तर का कौशल प्राप्त करने का मौका मिलेगा. साथ ही, सरकार हर युवा को हर महीने ₹5,000 का इंटर्नशिप भत्ता देगी. समूची इंटर्नशिप के दौरान सरकार इंटर्नशिप भत्ते के अलावा ₹6,000 की एकमुश्त सहायता भी देगी.
इन 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप कर जब एक करोड़ युवा वैश्विक स्तर के कौशल से लैस होंगे, तो उससे न सिर्फ़ देश के उद्योगों के लिए ट्रेंड प्रोफेशनल्स की ज़रूरत पूरी होगी, बल्कि भारत में बन रहे उत्पादों की गुणवत्ता भी वैश्विक स्तर के बराबर या उससे अधिक होने की संभावना मज़बूत होगी. वैश्विक स्तर की गुणवत्ता वाले उत्पादन से भारत वैश्विक बाज़ार में पकड़ बनाने में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ेगा. इस योजना को लागू करने में इन शीर्ष कंपनियों को भी फ़ायदा है. जो कंपनियां इन युवाओं को इंटर्नशिप की ट्रेनिंग देंगी, उन्हें CSR फंड का 10 प्रतिशत इन युवाओं की इंटर्नशिप योजना पर खर्च करने की भी छूट मिलेगी. सरकार के मात्र इस एक कदम से देश के अंदर वैश्विक स्तर का टैलेंट तैयार होगा, जिसकी सबसे अधिक ज़रूरत आज भारत को है.
नौकरी में एक सैलरी का बोनस
इस बजट से सरकार ने जहां देश में रोज़गार के लिए इंटर्नशिप की क्रांति का उद्घोष किया है, वहीं पहली नौकरी पाने वाले 30 लाख युवाओं को एक माह की सैलरी बोनस में देने का भी ऐलान किया है. एक लाख रुपये तक की सैलरी पर पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को अधिकतम ₹15,000 तक का बोनस, तीन किस्तों में, डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के ज़रिये दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त, पहली नौकरी पाने वाले इन युवाओं के EPFO खाते में कर्मचारी और कंपनी की तरफ से सरकार चार साल तक किस्त देगी. यही नहीं, जो कंपनियां ऐसे युवाओं को पहली बार नौकरी देंगी, उन कंपनियों के अन्य कर्मचारियों के हर EPFO खाते में दो साल तक 3,000 की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. सरकार की तरफ से EPFO खाते में दी जाने वाली इस प्रोत्साहन राशि से कंपनियों में युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर नौकरियों के अवसर खुलेंगे.
विरासत से भी रोज़गार
देश के युवाओं को रोज़गार के भरपूर अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है. पिछले 10 साल में देश के विभिन्न धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों का ढांचागत विकास कर पर्यटन उद्योग को जिस तरह से बढ़ाने का काम किया गया है, उसकी गति को इस बजट में और तेज़ कर दिया गया है. तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में बिहार में राजगीर, नालंदा और बोधगया में विष्णुपद मंदिर तथा ओडिशा के मंदिरों को काशी के बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. विरासत की इन धरोहरों के निर्माण से पर्यटकों के बड़ी संख्या में पहुंचने से बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा होंगे, जिससे लाखों युवाओं को लाभ मिलेगा. काशी में बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर और अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को देखकर इस तथ्य से आज कोई इंकार नहीं सकता कि विरासत की इन धरोहरों से लाखों युवाओं को रोज़गार के अवसर मिले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का यह 11वां बजट है, जिसने उपहार के रूप में बड़े पैमाने पर युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करने का मार्ग खोल दिया है.
हरीश चंद्र बर्णवाल वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हैं...
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