पूजा प्रसाद की कलम से: सुनंदा पुष्कर, तुम्हारी मौत का रहस्य अब बेपर्दा होना चाहता है

सुनंदा पुष्कर। यानी, एक बोल्ड, खूबसूरत, बिजनस विमन जो जब तक जीवित रहीं, चर्चाओं के केंद्र में रहीं। उनकी मौत भी एक ऐसी चर्चा में तब्दील हो चुकी है, जिसका अंत हाल फिलहाल तो मुमकिन नहीं लगता। आज की ही खबर है कि सुनंदा पुष्कर के मामले में पुलिस ने अब हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

यानी, अब जांच हत्या के केस के तहत होगी। अब तक अटकलें थीं कि पति शशि थरूर से कलह के चलते उन्होंने खुद ही दवाओं का ओवरडोज ले लिया था और खुदकुशी कर ली थी।

एक विवादास्पद जिन्दगी की मौत भी अक्सर विवादास्पद होती है। खासतौर से तब जब यह मौत किसी विवादास्पद महिला की हो। तब भी, जब यह मौत किसी विवादास्पद नेता की पत्नी की हो। सुनंदा के पति कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर हैं जो खुद भी अपने बयानों के चलते विवादों में रहते रहे हैं।

सुनंदा उन चुनिंदा बोल्ड- बिंदास- कारोबारी महिलाओं में से थीं जो सामाजिक- राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी बेबाक राय रखने का माद्दा रखती हों। उन्हें डराना या धमकाना आसान नहीं था और वे अपने फैसले अपने मन मुताबिक लेती देखी गईं थीं। 2009 में शशि थरूर से एक पार्टी में मिलीं और साल 2010 में थरूर से विवाह कर लिया था। थरूर और सुनंदा दोनों की यह तीसरी शादी थी।

सुनंदा की मौत के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुनंदा की मौत को लेकर कहा था कि यह हत्या है। स्वामी अक्सर ट्वीट के माध्यम से खुलासे-से करते रहे हैं। इस मामले पर तो उन्होंने ट्वीट करके यह भी कहा था सुनंदा के पेट से लेकर शरीर के ऊपरी हिस्से तक कई जगहों पर गंभीर जख्‍म थे। उनकी नाक को दबाकर मुंह खोला गया था और उसके बाद जहर डाला गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वामी ने दावा यह भी किया था कि इस बाबत वे सबूत भी दे सकते हैं। क्या उन्होनें ये सबूत पुलिस को दिए?...

महिलाओं का मजाक उड़ाने की गरज से ही सही, लेकिन कहा जाता है कि जिन महिलाओं के पास खूबसूरती होती है, उनके पास दिमाग नहीं होता। सुनंदा पुष्कर ऐसे लोगों के गाल पर एक करारा तमाचा थीं। लेकिन साथ ही वह पितृसत्तात्मक वर्चस्व वाले इस सामाजिक ताने बाने के लिए भी एक बड़ी चिढ़ थीं। देश के हालिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पीएम नहीं थे और हिमाचल प्रदेश में चुनावी जीत एन्श्योर करने के लिए रैली कर रहे थे, तब उन्होंने ही सुनंदा को थरूर की '50 करोड़ की गर्लफ्रेंड' कहा था। इस बयान की अच्छी खासी आलोचना हुई थी।

हालांकि एक समय था जब सुनंदा ने पीएम मोदी के प्रधानमंत्री पद पर दावेदारी के पक्ष में अपने विचार रखे थे। वह खुद कश्मीर के सोपोर जिले से थीं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को स्पेशल राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के बारे में कहा था कि इसकी समीक्षा की जानी चाहिए। आज जब मोदी पीएम हैं और बीजेपी सत्ता में है, वह होतीं तो इस बाबत संभवत: एक बार फिर मुखर होतीं।

अपने मन की बोलने वालीं सुनंदा मौत से चंद हफ्ते पहले ही पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार पर ट्विटर पर बरसीं थीं। तरार पर उन्होंने उनके वैवाहिक जीवन में दरार पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। हताशा और गुस्से में वह तरार को आईएसआई एजेंट तक कह गई थीं। अपने निजी जीवन को यूं बेपर्दा करने का दुस्साहस (या बेवकूफी?) करने वालीं बेलौस व्यक्तित्व की स्वामिनी सुनंदा की मौत का रहस्य भी अब भी बेपर्दा होने का इंतजार कर रहा है।

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एक सिलेब्रिटी नेता की पत्नी की मौत का रहस्य क्या कभी सामने आ पाएगा या वक्त की परतों में कहीं दबकर खुद ही मर जाएगा? पता नहीं..। सुनंदा अब केस बन चुकी हैं। पहले खुदकुशी समझे जा रहे इस केस पर अब इस एंगल से जांच होनी है कि यह हत्या थी और इसे क्यों और कैसे अंजाम दिया गया...  कानून व्यवस्था पर मुझे पूरा विश्वास है। इसीलिए, मुझे विश्वास है जांच टेंपर्ड या मैनिपुलेट नहीं होगी। हालांकि इस विश्वास की आड़ से शक की छाया झांक तो रही ही है....