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घपले, कामयाबी और संदेह : बेहद जटिल है क्रिप्टो की दुनिया, लेकिन...

Shruti Kohli
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जुलाई 03, 2024 19:13 pm IST
    • Published On जुलाई 03, 2024 19:12 pm IST
    • Last Updated On जुलाई 03, 2024 19:13 pm IST

मुझे कबूल करना होगा, अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर दुनियाभर के करियर ऑप्शनों के बीच क्रिप्टोकरेंसी में करियर चुनने वाली 21-वर्षीय लड़की की कहानी सुनकर मैं बहुत-बहुत प्रभावित हुई थी. अब आठ साल बीत चुके हैं, उसका जुआ बेहद कामयाब रहा, न केवल गुज़ारा बढ़िया तरीके से होता रहा, बल्कि बेहद शानदार वित्तीय सहारा भी तैयार हुआ. इस लड़की की हिम्मत की दाद देनी होगी, और ज़रूर देनी होगी.

पेपरलेस, डिजिटल, डीसेंट्रलाइज़्ड, डेमोक्रेटिक : आदर्श शब्दों का यह गुच्छा बहुत बड़ी वित्तीय क्रांति का बिगुल बजाता-सा महसूस होता है. बहरहाल, पैसों की दुनिया की सबसे खतरनाक बुराइयों को समेटे रहने के लिए क्रिप्टोकरेंसी अक्सर सुर्खियों में रहती है, लेकिन इसके बावजूद वह बहुत-से लोगों के लिए आमदनी का अहम स्रोत बनी हुई है. हाल ही में मिताली मुखर्जी ने मुझसे बातचीत के दौरान कहा, "इसकी सबसे बड़ी ताकत ही इसकी सबसे बड़ी शत्रु भी है... यह तथ्य कि यह बेहद आज़ाद है और माना जाता है कि यह लोकतंत्रीकरण कर डालती है, इसलिए इसे रेगुलेट करना, यानी नियमों में बांधना मुश्किल हो जाता है..." मिताली वित्त पत्रकार हैं और संप्रति रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फ़ॉर द स्टडी ऑफ़ जर्नलिज़्म में निदेशक हैं.

यह सब तब शुरू हुआ था, जब मेरी नज़र मिताली की किताब क्रिप्टो क्राइम्स : इनसाइड इंडियाज़ बेस्ट-केप्ट सीक्रेट (Crypto Crimes: Inside India's Best-Kept Secret) पर पड़ी. मेरे मन में ढेरों सवाल उमड़ आए, और मैं सोचती रह गई. मुझे आमने-सामने बैठकर बात करना बेहद ज़रूरी लगने लगा. मिताली ने क्रिप्टो की दुनिया से जुड़े तीन लोगों की कहानियां मुझे सुनाईं, जो इस दुनिया के अप्रत्याशित स्वभाव को ज़ाहिर करती हैं. उन्होंने एक ऐसा ट्रेंड भी बताया, जो हैरान कर देता है - महिलाएं क्रिप्टो की दुनिया में पुरुषों के क्लब में सेंध लगा चुकी हैं - 'हर पांच क्रिप्टो निवेशकों में से एक महिला है...'

अतीत के बारे में सोचते-सोचते हम दोनों ने इक्विटी में आए बदलाव पर भी विचार किया और निवेश की दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर अंदाज़ा लगाया. हमारी बातचीत से ज़ाहिर हुआ कि इस अस्थिर बाज़ार को समझने के लिए वित्तीय शिक्षा बेहद अहम है. मिताली ध्यान दिलाती हैं कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में फैली गलतफ़हमियों को दूर करने में सोशल मीडिया इन्फ़्लुएन्सर और एजुकेटर अहम किरदार अदा करते हैं. दरअसल, निवेशकों को संभावित घोटालों और नुकसान से बचाने के लिए सटीक जानकारी बेहद ज़रूरी है.

आखिरकार, भले ही क्रिप्टोकरेंसी फिलहाल अवसर और अनिश्चितता के दोराहे पर खड़ी है, लेकिन उचित नियमों, शिक्षा और समझ के साथ यह वित्तीय दुनिया में अहम किरदार के तौर पर विकसित हो सकती है. बिल्कुल उसी तरह, जैसे पिछले दो दशक में इक्विटी के साथ हुआ. क्रिप्टोकरेंसी का स्वीकार्यता की दिशा में होने वाला सफ़र ढेरों चुनौतियों से भरा है, लेकिन मुस्तकबिल में हासिल हो सकने वाला इनाम सारी कवायद को ज़ायज़ ठहरा देगा.

श्रुति कोहली NDTV में स्पेशल प्रोजेक्ट्स डिजिटल की कन्सल्टिंग एडिटर हैं...

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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