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This Article is From Aug 07, 2020

कोरोना की तरह ही आंकड़ों की बाजीगरी में खोईं आर्थिक चिंताएं

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अगस्त 07, 2020 16:53 pm IST
    • Published On अगस्त 07, 2020 16:51 pm IST
    • Last Updated On अगस्त 07, 2020 16:53 pm IST

कोरोना की तरह आर्थिक चिंताएं (Economic concern) भी आंकड़ों की बाज़ीगरी में खो गई हैं. एक तरह से बहुत अच्छा है कि नौकरी, सैलरी, दुकानदारी चली जाने के बाद लोग संयमित हैं. ख़ुश हैं. आध्यात्मिक हैं. सब्र से है. मार्ग तो यही है. नौकरी में होते हुए भी या नौकरी को खोते हुए भी. आध्यात्म की तरफ़ प्रयाण ही मुक्ति का मार्ग है. यह सुखद है कि भारत इस ओर चल पड़ा है. 

अर्थ तंत्र ने मुक्त मन संसार को कुछ ज़्यादा ही अधिग्रहीत कर लिया था. शिक्षा, फ़ीस और परीक्षा जैसे सवाल उचित ही जर्जर होकर ख़त्म हो गए. इनका कुछ होता तो नहीं है, अनावश्यक एक की चिंता दूसरे तक फैल जाती है. रोज़गार कारोबार तो वैसे ही बनते-बिगड़ते रहे हैं. अब इन सबका कवरेज बंद होना चाहिए. पत्रकारिता को इन प्रश्नों से दूरी बनाने की ज़रूरी है. तुच्छता के तालाब से निकल कर आध्यात्म के महासागर की तरफ़ लोगों को जाते देखने की ज़रूरत है. नया भारत आ रहा है. आ चुका है. पत्रकारों को नए भारत के ग़ैर आर्थिक भावों को लिखने का अभ्यास करना होगा. पूर्व भारत के जो लोग बात-बात पर पत्रकारिता की तरफ़ देखते हैं उन्हें भी बदलने की ज़रूरत है. वही तो बदले हैं. दो चार बच गए हैं. आख़िर इस दौर के लिए कितने संत-महात्माओं ने श्रम किया लेकिन अब जाकर लोग अपने को आर्थिक नाकामियों के पार जीवन के महत्व को देख पा रहे हैं. यही जीवन की श्रेष्ठता है. 

पूर्व भारत के कुछ पत्रकार अभी भी कोरोना (Coronavirus) से मरने वालों की संख्या 41,000 से अधिक बताकर महामारी की व्यापकता को रेखांकित करते हैं लेकिन वे नहीं देख पाते कि नए भारत में लोग इन बातों से परेशान नहीं होते. नए भारत को नए संकेतकों से समझने की ज़रूरत है. उम्मीद है पत्रकारिता नए भारत की आध्यात्मिक मन को रिपोर्ट करेगी. बेशक उसे इस बदलाव के लिए वक्त मिले जैसे उसे समाप्त होने के लिए मिला. बीबीसी की यह रिपोर्ट पूर्व भारत की मानसिकता से ग्रसित है. उम्मीद है पत्रकार जल्द ही चुप्पी के आध्यात्मिक संकेतों को पकड़ सकेंगे.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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