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This Article is From Oct 23, 2018

सीबीआई की पार्वती और पारो में किसे चुनेंगे देवदास हुजूर...

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अक्टूबर 23, 2018 21:43 pm IST
    • Published On अक्टूबर 23, 2018 21:43 pm IST
    • Last Updated On अक्टूबर 23, 2018 21:43 pm IST
आपने फिल्म देवदास में पारो और पार्वती के किरदार को देखा होगा. नहीं देख सके तो कोई बात नहीं. सीबीआई में देख लीजिए. सरकार के हाथ की कठपुतली दो अफ़सर उसके इशारे पर नाचते-नाचते आपस में टकराने लगे हैं. इन दोनों को इशारे पर नचाने वाले देवदास सत्ता के मद में चूर हैं. नौकरशाही के भीतर बह रहा गंदा नाला ही छलका है. राजनीति का परनाला वहीं गिरता है, जहां से उसके गिरने की जगह बनाई गई होती है. चार्जशीट का खेल करने वाली सीबीआई अपने ही दफ़्तर में एफआईआर और चार्जशीट का खेल खेल रही है. महान मोदी कैलेंडर देख रहे हैं, ताकि किसी महान पुरुष की याद के बहाने भाषण देने निकल जाएं.

मोदी सरकार ने सीबीआई का इस्तेमाल विपक्ष को डराने में किया. इस संस्था ने गोदी मीडिया के लिए बहस के वैध मुद्दे बनाने के लिए कथित रूप से ग़ैर ज़रूरी छापे मारे और केस दर्ज किए गए. आज तक मध्य प्रदेश के व्यापम और बिहार के सृजन घोटाले का पता नहीं चला. हम सब यह तमाशा देख रहे हैं. अब इसके इतने आदी हो चुके हैं कि इसे रोकना नहीं चाहते. इसलिए जब कांग्रेस नाम से देखते देखते मन भरा तो अब महान मोदी के नाम से देख रहे हैं. नाला तब भी बहता था. नाला ही अब भी बह रहा है.

इस सरकार में महान सिर्फ मोदी नहीं हैं. राकेश अस्थाना भी महान हैं. ट्विटर पर उनका एक वीडियो देखकर लगा कि अस्थाना सत्ता के खेल में लंबे समय तक रहे हैं. सत्ता के देवदास का उनके सर पर हाथ रहेगा. जब हाथ रहेगा तो फिर क्या राज्यपाल और क्या मंत्री, बन ही जाएंगे. इस वीडियो को आप ज़रूर देखे. एक नागरिक के रूप में ख़ुद को शिक्षित करने के लिए. इसमें सरदार पटेल, नेताजी और राम मनोहर रॉय की तस्वीर आती है और फिर आता है महान अस्थाना का जूता. जैसे हर थर्ड क्लास फ़िल्म में पुलिस अफ़सर की एंट्री जूते से होती है. पर्दे पर पुलिस की वर्दी को देखते-देखते अस्थाना अपनी वर्दी को भी हीरो की तरह देखने लगते हैं.घर से आफिस के लिए निकलते वक़्त सरकारी गाड़ी और तामझाम की भी शूटिंग है इस वीडियो में.

क्या अब भी आप सीबीआई पर यक़ीन करेंगे? सीबीआई के वकील कोर्ट में कह रहे हैं कि अस्थाना और गिरफ़्तार डीएसपी के ख़िलाफ़ गंभीर फ्रॉड, रिश्वत और जांच के नाम पर वसूली के आरोप हैं. प्रधानमंत्री के ख़ास अफसर पर मोइन कुरैशी केस में करीब दो करोड़ के रिश्वत के आरोप हैं. एक डीएसपी गिरफ़्तार हुआ है. अस्थाना के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज है. उनके वकील ने कहा है कि एफआईआर अवैध है. फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक लगी है. सीबीआई के दफ्तर में छापा पड़ा है. अस्थाना और गिरफ्तार डीएसपी इस एफआईआर को फर्जी बता रहे हैं. सोचिए जब मुख्यालय के नंबर टू की ये हालत है तो बेचारे कितने नेताओं की राजनीति इस संस्था ने बर्बाद की और जांच को अंजाम तक नहीं पहुंचाया.

बहरहाल आप देवदास की पार्वती आलोक वर्मा और पारो अस्थाना का आप डोला रे डोला रे डांस देखिए. आपको धर्म का नशा देकर राज करने के सारे घृणित कार्य किए जा रहे है. अब देखना है कि देवदास पारो को बचाता है या पार्वती को. कहानी को बदलने के लिए मीडिया में कौन सा स्टोरी प्लांट करता है, ताकि ध्यान बंट जाए और लोग फिर से तमाशा देखने लग जाए.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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