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This Article is From May 25, 2018

रवीश कुमार को जान से मारने की धमकी

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मई 25, 2018 23:19 pm IST
    • Published On मई 25, 2018 23:19 pm IST
    • Last Updated On मई 25, 2018 23:19 pm IST
भारत के सूचना व प्रसारण मंत्री भले ही पुशअप करने में दुनिया में नंबर वन हो जाएं मगर प्रेस की आजादी के मामले में भारत का स्थान काफी नीचे है. 180 देशो में 138 वां नंबर. पिछले साल से इस साल दो पायदान और नीचे आ गया. दुनियाभर में नफरत की भाषा और सोच को लेकर चिन्ता जताई जा रही है, शोध हो रहे हैं, इसे रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. भारत में हम अभी तक यही कहते रहते हैं कि इन पर ध्यान नहीं देना चाहिए. इस बीच हमारे ध्यान न देने का लाभ उठाकर इनकी पूरी फौज तैयार हो गई है. जिन ट्रोल को हम अनजान समझते थे, कंप्यूटर पर नकली आईडी से बनी सेना समझते वो अब अपना नकाब उतार चुकी है. वह तरह-तरह के ऐसे संगठनों के सदस्य के रूप में सामने आ रहे हैं जिनके आगे कभी हिन्दू तो कभी गौ रक्षा तो कभी सनातन लिखा है. 

इनका मकसद धर्म की सेवा कम धर्म के नाम पर उन्माद फैलाना रह गया. अभी हाल ही में पटना के कशिश न्यूज़ चैनल के पत्रकार संतोष सिंह ने पांच घंटे का लंबा कार्यक्रम कर दिखाया था कि बिहार में ऐसे 80 से अधिक संगठन हैं, जिनमें नौजवानों को शामिल कर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का पद दिया जाता है ताकि वे इस भाव में रहे कि कोई बड़ा काम कर रहे हैं. यही वो लोग हैं जो पत्रकारों को ट्रोल करते हैं, धमकी देते हैं, मारने की धमकी और बलात्कार की धमकी. फिर त्योहारों के मौके पर हाथों में तलवार लेकर हालात बिगाड़ते हैं. 

कई बार मां बाप को पता नहीं होता कि उनका बच्चा ऐसे संगठनों में जाकर उन्मादी हो गया है. हालत यह है कि हम जैसे पत्रकारों के व्हाट्सऐप नंबर पर गालियां छोड़िए मारने और बलात्कार की धमकी देते हैं. अपने नाम से लिखते हैं. स्वतंत्र पत्रकार राणा अय्यूब के साथ पिछले दिनों जो हुआ वो भयावह है. राणा अय्यूब की तस्वीर तो एक अश्लील वीडियो पर चिपका कर घुमाया गया ताकि लोगों की नज़र में बदनाम किया जा सके. ऐसा क्या गुनाह कर दिया उस पत्रकार ने कि इतने बड़े देश को इतना खतरा हो गया कि एक राजनीतिक विचारधारा से जुड़े लोग उसके साथ ऐसा करने लगें. 

इन लोगों की भाषा ऐसी है कि हम पूरा दिखा नहीं सकते. ऐसी कोई पंक्ति नहीं है कि हम उसे स्क्रीन पर डाल सकें. फोन करते हैं तो दस दस मिनट तक बिना रुके गालियां देते हैं. मेरी मां के बारे में जो कहा गया उसे रहने देता हूं. वैसे भी मुझे मां की तस्वीर का सहारा लेकर नोटबंदी की तरह सहानुभूति नहीं बटोरनी है. यह बात मैं इसलिए बोल रहा हूं कि गाली देने वालों की जमात का संबंध उनसे भी है. बहुत से ऐसे लोगों को खुद प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं.

हाल ही में यूट्यूब पर सरकार की झूठ की पोल खोलने वाले नौजवान ध्रुव राठी को काफी धमकियां मिलीं. ध्रुव राठी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट किया था. हर उस आदमी को आप फॉलो करते हैं जिसने मुझे ट्विटर पर गाली दी है, धमकी दी है. कम से कम पचास ऐसे लोगों को फॉलो करते हैं. 

उधर, ट्रेन की हालत खराब है, देरी से चल रही हैं, हरदोई स्टेशन पर पानी नहीं है और रेल मंत्री ऐसे लोगों को फोलो कर रहे हैं जो धमकियां देते हैं तो समझिए देश कहां जा रहा है. 3287 नौजवान दस महीने से अप्वाइंटमेंट लेटर का इंतज़ार कर रहे हैं और वित्तर मंत्री पीयूष गोयल गाली और धमकी देने वालों को फॉलो कर रहे हैं तो समझिए देश कहां पहुंच गया है. आप इन मंत्रियों से जरूर पूछिए कि क्या आप ऐसे लोगों को फॉलो करते हैं जो ट्रोल करते हैं? मेरे साथ अब यह आम हो चुका है. मैं आपको भरोसा देता हूं कि मैं इनसे परेशान नहीं हूं, अपना काम करता रहता हूं और रहूंगा. गोदी मीडिया आपके लोकतंत्र को बर्बाद कर रहा है. इसलिए ज़रूरी है कि आज ही और जिनके सामने बर्बाद हो रहा है उनके सामने ही बोला जाए. मगर मेरी चिन्ता अपनी कम आपके बच्चों की ज़्यादा है.

VIDEO : रवीश कुमार को जान से मारने की धमकी


कहीं आपके बच्चे हिन्दुत्व के नाम पर दंगाई तो नहीं बनाए जा रहे हैं. देशभक्ति की आड़ में इनसे वो काम तो नहीं कराया जा रहा है या करने की तैयारी कराई जा रही है जो पहले उन्हें उन्मादी बनाएगी फिर दंगाई बना देगी. हिन्दू धर्म को किसी से ख़तरा नहीं है. न रवीश कुमार से खतरा है और न ही गाली देने वाले नौजवान इसके रक्षक हो सकते हैं. जो नेता आज इसकी रक्षा के नाम पर वोट मांग रहे हैं, उनकी गारंटी वे खुद नहीं दे सकते कि अगले चुनाव में किस पार्टी में रहेंगे. इसलिए आप अपने परिवार में खासकर लड़कों के ट्विटर और फेसबुक चेक कीजिए कि कहीं वे नफरत की बातें तो नहीं लिख रहे हैं. इससे पहले कि वे उन्मादी हो जाएं, दंगाई हो जाएं आप उन्हें बचा लीजिए. आप इन गालियों को मेरे लिए मत देखिए, अपने बच्चों के लिए देखिए. कहीं ऐसी भाषा बोलने वाला आपके घर में बड़ा तो नहीं हो रहा है.

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