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This Article is From Aug 20, 2020

हे बिहार सरकार, इन नौजवानों की व्यथा सुन लीजिए

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अगस्त 20, 2020 15:07 pm IST
    • Published On अगस्त 20, 2020 15:02 pm IST
    • Last Updated On अगस्त 20, 2020 15:07 pm IST

पत्र है, मैंने अपनी तरफ़ से सत्यापित नहीं किया है. सरकार से अपेक्षित है कि पत्र वाहक की बातों को संज्ञान में ले और कार्रवाई करे. बिहार की जवानी प्रतिभा से भरी है और बेड़ियों से जकड़ी है. अत: युवाओं के बड़े तबके से कोई उम्मीद रखना पानी पर आग तापने जैसा होगा. इनकी सीमित आंकाक्षाओं से किसी भी राजनीतिक दल को ख़ुश होना चाहिए. बस लगन के टाईम में इन्हें कोई परेशान न करे. दहेज के सामानों का निर्बाध आवागमन रहे. आज जनमानस में सांप्रदायिकता सहज वृत्ति है. इसे बदलने का कोई भी प्रयास न करे. जातिवाद तो नैसर्गिक है. ऐसे हालात में अगर बिहार सरकार युवाओं की बात न भी मानें तो उसे कोई ख़तरा नहीं है. मेरा तर्क है कि इसी आधार पर इनकी बात सुनी जाए। बिना शर्त निष्ठा का इतना लाभ तो मिले. 

सरकार से आग्रह है कि पत्र में लिखी बातों को सत्यापित करे, कार्रवाई करे और पहले पढ़ ले. 

सेवा में,
          रवीश कुमार महोदय
           एनडीटीवी ,नई दिल्ली
           विषय-लॉकडाउन एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के वजह से बिहार के लाखों छात्र छात्राएं बीपीएससी असिस्टेंट प्रोफेसर एवं बिहार दरोगा में फॉर्म भरने से वंचित रहने के संबंध में।
महाशय
           प्रार्थना पूर्वक कहना है कि लॉकडाउन एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वजह से फाइनल ईयर के छात्रों के परीक्षा नहीं संपन्न होने के कारण आज बिहार में लाखों छात्र छात्राएं बीपीएससी विज्ञापन संख्या 11/2002,14/2020 असिस्टेंट प्रोफेसर एवं बिहार दरोगा जैसी बहाली में वंचित हो जाएंगे. क्योंकि शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र में पासिंग सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है जोकि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ना होने के कारण हम लोग देने में असमर्थ है. 

                हम लोगों ने हजार से भी अधिक बार बीपीएससी सचिव, मुख्यमंत्री बिहार सरकार, नीतीश कुमार, राज्यपाल, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, बिहार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को ईमेल, डाक से पत्र भेजा, पीएमओ में शिकायत किया परंतु अभी तक एक भी मेल का रिप्लाई नहीं आया.
           यदि हम लोग को फॉर्म भरने नहीं दिया जाएगा तो लाखों रुपए से लिए हुए एमटेक की डिग्री बीटेक की डिग्री बेकार चली जाएगी. इसलिए रवीश कुमार सर हमें आप लोग से अंतिम आशाएं हैं. 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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