विज्ञापन
This Article is From May 01, 2017

प्राइम टाइम इंट्रो : क्या रेरा क़ानून से ख़रीददारों को लाभ होगा?

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मई 01, 2017 22:03 pm IST
    • Published On मई 01, 2017 22:03 pm IST
    • Last Updated On मई 01, 2017 22:03 pm IST
आज जब टीवी देख रहा था तो कुछ इस तरह की पंक्तियां उछल रही थीं कि अब बेईमान बिल्डरों की खैर नहीं. अब नहीं बचेंगे बेईमान बिल्डर. शब्दों से किस तरह टीवी एक नकली हकीकत तैयार करता है ये पंक्तियां उसी की मिसाल हैं. आप बिल्डरों के खिलाफ रात दिन प्रदर्शन कर रहे आम लोगों से पूछिये कि क्या वाकई एक मई से रेरा कानून लागू होने के बाद बिल्डरों की खैर नहीं होगी. उनकी बेईमानी खत्म हो जाएगी. ज़ाहिर है टीवी को पता है कि आपके पास वक्त नहीं है इसलिए उसने कह दिया कि बेईमान बिल्डरों की खैर नहीं है. जबकि उसने यह नहीं बताया कि इस कानून के बाद भी बिल्डरों का कुछ नहीं बिगड़ेगा. ऐसा इस कानून की समीक्षा करने वालों ने कहा है. टीवी ने यही बात आपसे छुपा ली कि इस कानून से बिल्डरों का कुछ नहीं बिगड़ेगा. सिर्फ एक नारा दे दिया कि रेरा कानून से बिल्डरों की खैर नहीं.

रेरा का फुल फार्म है रियल इस्टेट रेग्युलेशन बिल 2013. इसे 14 अगस्त 2013 को आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने राज्यसभा में पेश किया था. मार्च 2016 में यह कानून पास हुआ और अब एक साल बाद एक मई से लागू हो रहा है. इस दौरान राज्यों ने केंद्र सरकार के बनाए मॉडल पर जो कानून बनाए हैं उनके बारे में कोई अच्छी रिपोर्ट तो नहीं. कई राज्यों में ऐसी गुंज़ाइश छोड़ी गई है कि बिल्डर बच जाएं. लेकिन मीडिया ने बड़ी चालाकी से ये जुमला आपको पकड़ा दिया कि अब बिल्डरों की ख़ैर नहीं.

कुछ अपवादों को छोड़ कर जो भी आवासीय परियोजना आएगी उसे रेरा से रजिस्टर कराना होगा. कुछ अपवादों से बिल्डरों को क्या क्या लाभ हो जाएगा, इसे समझना होगा. बिना रजिस्टर कराए कोई भी प्रमोटर न तो अग्रिम राशि ले सकेगा न ही बुकिंग कर सकेगा. यहां तक कि फ्लैट की खरीद बिक्री कराने वाले एजेंट को भी रेरा में रजिस्टर कराना होगा. किसी भी प्रोजेक्ट की सारी जानकारी रेरा की वेबसाइट पर होगी, इसमें साइट, ले आउट और प्रोजेक्ट कब पूरा होगा सब लिखा होगा. ख़रीदारों से जो भी पैसा लिया जाएगा उसका 70 फीसदी हिस्सा एक अलग बैंक खाते में जमा होगा. राज्य सरकारों को छूट दी गई है कि 70 फीसदी से कम भी अलग खाते में रख सकते हैं. यह छूट राज्य सरकारों को क्यों दी गई है, बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए या खरीदारों को. यह तभी पता चलेगा जब आप टीवी बिल्डरों की खैर नहीं जैसे जुमलों से निकल कर देखना सीखेंगे. रियल एस्टेट रेगुलेशन बिल में एक ट्रिब्यूनल बनाने की बात है. इसे हर राज्य अपने अपने यहां स्थापित करेगा. अगर रेरा ने खरीदारों के हक में फैसला नहीं दिया या बिल्डर रेरा का निर्णय से संतुष्ट नहीं हुआ तो इस ट्राइब्यूनल में अपील की जा सकेगी. रेरा का एक प्रावधान है कि अगर आवेदनकर्ता को पंजीकरण के लिए आवेदन के 15 दिनों के अंदर रेरा से कोई जवाब न मिले तो परियोजना को पंजीकृत मान लिया जाएगा.

हर राज्य में एक रेरा होगा, जिसका एक चेयरपर्सन होगा और दो सदस्य होंगे. इतनी छोटी संस्था क्या 15 दिनों में बिल्डरों के पेश किये गए ले आउट प्लान, उनकी मंज़ूरी वगैरह की जांच कर रजिस्टर कर सकती है. इस कानून के तहत विकास प्राधिकरणों से हुई लापरवाही को भी साधा जा सकता है. रेरा के तहत जुर्माने का भी प्रावधान है. अगर प्रमोटर ने सपंत्ति का पंजीकरण नहीं कराया तो उस पर परियोजना की कुल लागत का दस प्रतिशत जुर्माना लगेगा. अगर रेरा के आदेशों के बावजूद भी पंजीकरण नहीं करा सका तो तीन वर्ष तक जेल हो सकती है या अनुमानित लागत का दस फीसदी तक अतिरिक्त जुर्माना लिया जा सकता है.

76,000 रियल एस्टेट कंपनियां रेरा के तहत रजिस्टर होंगी. एक अनुमान के अनुसार भारत में हर साल 2300 से 4488 प्रोजेक्ट लांच होते हैं. दस लाख खरीदार इन प्रोजेक्ट में निवेश करते हैं. जो प्रोजेक्ट पहले से चल रहे हैं उन्हें भी रेरा से पंजीकरण लेना होगा. इस कानून को समझना ज़रूरी है. लाखों लोग बिल्डरों से परेशान हैं. किसी को समय से फ्लैट नहीं मिला तो किसी को खराब फ्लैट मिला. हमें जानना चाहिए कि रेरा के अस्तित्व में आने से पुरानी तकलीफ कितनी दूर होगी और नया अनुभव कितना शानदार होगा. क्या क्वालिटी और डिज़ाइन के सवालों का जवाब भी रेरा से मिलेगा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
BLOG : हिंदी में तेजी से फैल रहे इस 'वायरस' से बचना जरूरी है!
प्राइम टाइम इंट्रो : क्या रेरा क़ानून से ख़रीददारों को लाभ होगा?
बार-बार, हर बार और कितनी बार होगी चुनाव आयोग की अग्नि परीक्षा
Next Article
बार-बार, हर बार और कितनी बार होगी चुनाव आयोग की अग्नि परीक्षा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com