विज्ञापन
Story ProgressBack

भारतीयों में सकारात्मकता बरकरार, देश को शून्यवाद की ओर ले जाना चाहती है कांग्रेस

Amit Malviya
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    June 02, 2024 21:21 IST
    • Published On June 02, 2024 21:20 IST
    • Last Updated On June 02, 2024 21:20 IST

पश्चिमी लोकतंत्रों को अपनी आबादी के भीतर क्रोधित अराजकतावादियों का सामना करना पड़ रहा है. बिना किसी भावनात्मक आधार वाले क्रांतिकारी, बिना किसी विश्वास प्रणाली के विशाल शून्य को लेकर, अपने आस-पास के अधिकार, सरकार और समाज को चुनौती देने के लिए एक मुद्दे से दूसरे मुद्दे पर कूदते रहते हैं. यह अराजकतावाद, जो अपनी पतनशील विचारधारा को ठोकने के लिए नई कीलें खोजने में माहिर है, भारत में भी अपना रास्ता बना चुका है. और इससे भी बुरी बात यह है कि इसे भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी - कांग्रेस ने भी अपना लिया है.

वास्तव में अधिकांश भारतीय खुद अपनी व्यक्तिगत और सामूहिक राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के प्रति सकारात्मक, आशावादी और ऊर्जा से भरे हुए हैं. हालांकि जड़ों से कटी हुई भारत की यह सबसे पुरानी पार्टी देश को शून्यवाद की दिशा में ले जाना चाहती है और उन संस्थागत नींवों पर सवाल उठाती है जिन पर भारत का लोकतंत्र टिका हुआ है और काम करता है.

यह व्यवहार पूरे लोकसभा चुनाव 2024 के कैंपेन में दिखाई दिया, जब कांग्रेस अपने राजनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने के लिए संविधान को खत्म करने का वादा करती रही, अल्पसंख्यकवाद को अपने वादे में शामिल की गई नीति की धुरी बना दिया. यद्यपि तुष्टीकरण हमेशा से कांग्रेस का मुख्य आधार रहा है, लेकिन इस इलेक्शन साइकल में वह बहुसंख्यक समुदाय से अल्पसंख्यक समुदाय को प्रभाव और आर्थिक संसाधनों का हस्तांतरण करने की मांग करते हुए स्पष्ट भेदभाव पर उतर आई.

कांग्रेस ने अब इलेक्शन साइकल के अंत में भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे का परित्याग सुरक्षित कर लिया है.

Latest and Breaking News on NDTV

एक जून को लोकसभा चुनाव के सभी एग्जिट पोल्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक तीसरी बार वापसी स्पष्ट रूप से दर्शाई - वोट शेयर में वृद्धि के साथ एक नया जनादेश, व्यापक भौगोलिक पदचिह्न और मतदाताओं के सभी वर्गों का निरंतर विश्वास. आम तौर पर ये पोल संभावित नतीजों के बारे में एक अच्छा दिशात्मक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं. एक जून के सभी एग्जिट पोल्स में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन की भारी जीत की ओर इशारा किया.

एग्जिट पोल के जरिए बताए गए निहित जनादेश का सम्मान करने के बजाय कांग्रेस और आई.एन.डी.आई. (I.N.D.I.) गठबंधन ने इन एग्जिट पोल को "मोदी मीडिया पोल्स" कहना शुरू कर दिया. गठबंधन ने कहा कि उनके एग्जिट पोल ने उन्हें 295 सीटें दी हैं, लेकिन यह बताने से इनकार कर दिया कि पोल ट्रैकर्स कैसे चलाए गए और किस कंप्यूटिंग मॉडल का इस्तेमाल किया गया.

सीटों की संख्या पर इस तरह के स्व-आधारभूत, अति-आशावादी विचारों को आंकड़ों के रूप में पेश करके कांग्रेस ने भारतीय लोकतंत्र पर अपने अगले हमले की नींव रख दी है. चार जून को जब करोड़ों भारतीयों की सामूहिक आवाज पीएम मोदी पर अपना भरोसा जताएगी, कांग्रेस कहेगी कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में हेराफेरी की गई है.

इस बात पर ध्यान न दें कि जब कांग्रेस ने छह महीने पहले ही तेलंगाना में अप्रत्याशित रूप से जीत हासिल की थी, तब ईवीएम ठीक काम कर रही थी. और जब उसने कुछ साल पहले कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया था, तब भी ईवीएम में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी. कांग्रेस के अराजकतावादी यह विडंबना नहीं समझ पाएंगे कि वे अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और साथ ही ईवीएम में छेड़छाड़ की बात कह रहे हैं.

कांग्रेस तर्क के आधार पर तर्क नहीं करना चाहती, वह देश को जलता हुआ देखना चाहती है. समाचारों में उल्लेख किया गया है कि 120 से अधिक नागरिक समाज संगठन देश भर में डेरा डाले हुए हैं और अगर परिणाम कांग्रेस के पक्ष में नहीं आते हैं तो वे चुनाव आयोग (ECI) के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

वे न केवल चुनाव आयोग पर सवाल उठाएंगे, बल्कि वे अपने सहित अन्य राजनीतिक दलों के लाखों प्रतिनिधियों को भी बदनाम करेंगे, जिनकी निगरानी में मतदान के बाद ईवीएम को सील किया जाता है और मतगणना से पहले खोला जाता है. वे उन लाखों सुरक्षाकर्मियों को भी बदनाम करेंगे जो अपने परिवारों से दूर रहकर भीषण गर्मी में चुनाव ड्यूटी करते हैं.

कांग्रेस ने पहले ही आरोप लगाया है कि मतगणना अधिकारी भाजपा के दबाव में हैं. प्रत्येक जिले का नेतृत्व करने वाले मतदान अधिकारी ज्यादातर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी होते हैं, जो भारतीय शासन प्रणाली की रीढ़ हैं. चुनाव आयोग ने कांग्रेस से जानकारी मांगी है कि ये अधिकारी कौन थे, जो जाहिर तौर पर भाजपा के दबाव में थे. जाहिर है, कोई जवाब नहीं आया, क्योंकि अराजकतावादी कीचड़ उछालते हैं और भाग जाते हैं. उनके पास निराधार आरोप लगाने के लिए कभी सबूत नहीं होते.

Latest and Breaking News on NDTV

यह शर्मनाक व्यवहार कुछ दिनों से चल रहा है. एग्जिट पोल से ठीक पहले एक वरिष्ठ वकील ने चुनाव अधिकारियों के लिए ‘उचित आचरण' को दर्शाते हुए एक वीडियो बनाया. चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना पड़ा कि उक्त वकील केवल चुनाव आयोग की अपनी निर्देश पुस्तिका पढ़ रहा था, जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और प्रत्येक चुनाव की मतगणना प्रक्रिया में इसका सावधानीपूर्वक पालन किया जाता है. कांग्रेस ने वर्षों से चुनाव दर चुनाव जो कुछ हो रहा है, उसे ‘पकड़ने' की कोशिश की.

कांग्रेस न केवल भारत की चुनाव प्रक्रिया को कलंकित करने की कोशिश कर रही है, बल्कि वह देश के सामाजिक ताने-बाने और संस्थागत ढांचे को नष्ट करने की कोशिश भी कर रही है. जब भारतीयों से पूछा जाता है कि वे अपने लोकतंत्र के किस हिस्से पर भरोसा करते हैं, तो स्वतंत्र सर्वेक्षणों में चुनाव आयोग (ECI) हमेशा शीर्ष संवैधानिक संस्थाओं में शुमार होता है.

कांग्रेस एक खतरनाक रास्ते पर चल पड़ी है. यह धरती को झुलसाने की नीति है, जिसके अनुसार अगर वे देश को नहीं चला सकते तो उसे जला देंगे. यह देश के लिए एक बड़ी संरचनात्मक चुनौती है, 1947 के बाद के भारतीय इतिहास में सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा जोखिम है. 

भारतीयों ने चुनावों में कांग्रेस को नकार दिया है. अब समय आ गया है कि मतदाता इस बेमेल, अतिवामपंथी और नकारात्मक संगठन को हर राज्य में और अगले लोकसभा चुनाव में इतिहास के पन्नों में कैद कर दें.

(अमित मालवीय भाजपा के नेशनल इनफार्मेशन एंड टेक्नालॉजी विभाग के प्रभारी हैं.)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
साइलेंट वोटिंग बनाम टैक्टिकल वोटिंग का नया फॉर्मुला और नतीजों का इंतजार
भारतीयों में सकारात्मकता बरकरार, देश को शून्यवाद की ओर ले जाना चाहती है कांग्रेस
अभिषेक शर्मा का ब्लॉग : मिडिल क्लास कैसे चुनावों का एजेंडा सेट करता रहा है?
Next Article
अभिषेक शर्मा का ब्लॉग : मिडिल क्लास कैसे चुनावों का एजेंडा सेट करता रहा है?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;