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This Article is From Oct 16, 2020

किसकी लंका जलाता है यह हनुमान या फिर अपनी पूंछ ही जला बैठता है

Manoranjan Bharati
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    October 16, 2020 20:50 IST
    • Published On October 16, 2020 20:50 IST
    • Last Updated On October 16, 2020 20:50 IST

लोक जनशक्ति पार्टी नेता चिराग पासवान ने एनडीटीवी से एक इंटरव्यू में कहा है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान हूं अगर मेरा सीना चीर कर देखिएगा तो आपको मोदी जी की तस्वीर मिलेगी. चिराग का कहना है उसे प्रधानमंत्री की तस्वीर पोस्टर में नहीं लगाने दिया गया तो क्या हुआ प्रधानमंत्री उनके दिल में हैं. चिराग ने अपने पत्ते धीरे से खोले हैं वह भी तब जब बीजेपी के नेता उन्हें वोट कटवा की संज्ञा दे रहे हैं. नीतीश कुमार के लिए चिराग के दिल में जरा भी श्रद्धा नहीं दिख रही है कुछ ऐसा ही नीतीश कुमार के बारे में कहा जा सकता है. चिराग ने साफ किया कि उन्हें बीजेपी नेताओं के बयान के दुख पहुंचा है मगर उन्हें मालूम है यह बयान नीतीश कुमार दिलवा रहे हैं. लेकिन यह भी साफ किया कि वे बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाएंगे. चिराग का कहना है कि प्रधानमंत्री के फोटो की ज्यादा आवश्यकता नीतीश कुमार को अधिक है क्योंकि वे अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

चिराग पासवान ने उस घटना का भी जिक्र किया जब रामविलास पासवान का शव पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा था और वहां किस तरह नीतीश कुमार ने उनके प्रति उपेक्षा दिखाई थी. चिराग का कहना है कि राजनैतिक द्वेष इतना हो जाता है कि व्यक्तिगत संबंध और शिष्टाचार को भी हम लोग एक तरफ कर देते हैं. मुख्यमंत्री जी ने जब से पापा का निधन हुआ है, एक शब्द मेरे बारे में या मुझसे मिलकर एक शब्द भी नहीं कहा. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री जी जिस दिन पापा का निधन हुआ रात में उन्होंने फोन किया, मेरे घर पर आए, लंबे समय तक मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझे सांत्वाना देते रहे. उनके शब्द आज भी मेरे कानों में गूंजते हैं. दूसरी तरफ जब मैं मुख्यमंत्री जी को देखता हूं तीन बार मेरी मुलाकात हुई. पटना एयरपोर्ट पर मैंने उन्हें  प्रणाम किया और उन्होंने जवाब तक नहीं दिया और ये सब तस्वीरें आपके कैमरे में भी होंगे क्योंकि मीडिया वहां था. एक बार भी उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखकर नहीं कहा कि सब ठीक हो जाएगा. लेकिन कोई बात नहीं मुझे कोई नाराजगी नहीं है लेकिन एक उम्मीद जरूर थी कि क्योंकि वे पापा के दोस्त थे लेकिन कोई बात नहीं, उन्होंने नहीं किया. ये शब्द चिराग पासवान के हैं.

इसके पहले भी चिराग पासवान और खुद रामविलास पासवान मेरे साथ इंटरव्यू में कह चुके हैं कि नीतीश कुमार को फोन करने पर वे फोन लाईन पर नहीं आते हैं. हां सिर्फ, एक बार नीतीश कुमार से चिराग पासवान की बात हुई जब उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत मामले में बिहार के मुख्यमंत्री को खत लिखा था. उसके पहले भी चिराग पासवान कोटा से छात्रों को बिहार ना लाने या फिर मजदूरों के घर वापसी जैसे मुद्दों पर नीतीश कुमार की आलोचना कर चुके हैं. चिराग पासवान ने यह भी साफ किया कि यह पहली बार नहीं हो रहा है कि एनडीए के घटक दल एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं, खुद नीतीश कुमार या कहें जेडीयू, गुजरात और झारखंड में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी है. चिराग का यह भी कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान जमुई, हाजीपुर, वैशाली और नवादा में जेडीयू के नेता हमारा विरोध कर रहे थे और पापा को नीतीश कुमार जी को फोन करना पड़ता था. बाद में हमें मालूम पड़ा कि नीतीश कुमार अपने लोगों को कह रहे हैं कि पासवान की पार्टी को हरवा दो. अब ऐसे हालत में तो चिराग पासवान ने यह तय किया कि जेडीयू के खिलाफ वो लड़ेंगे भले ही बीजेपी ने इसकी मूक सहमति दी हो मगर उसके पीछे की पृष्ठभूमि ये है.

चिराग पासवान ने जो टिकट बांटे हैं उसमें ब्राह्मणों के साथ भूमिहार और दलितों को टिकट बांटे हैं. करीब 20 फीसदी महिलाओं को टिकट बीजेपी और जेडीयू से आए लोगों को भी दिया. टिकट अधिकतर उम्मीदवारों की उम्र 40 साल से नीचे और चिराग पासवान ने नारा दिया है नीतीश कुमार असंभव.. चुनाव के बाद यह भी देखने वाली बात होगी कि चिराग पासवान को मोदी अपने कैबिनेट में जगह देते हैं या नहीं. और रामविलास पासवान की खाली हुई राज्यसभा सीट पर उनकी पत्नी के लिए बीजेपी और जेडीयू अपना समर्थन देते हैं या नहीं. इस सबके अलावा एक बात तो तय है चिराग पासवान ने बिहार में नीरस होने वाले चुनाव को दिलचस्प बना दिया है और देखना होगा अपने आप को मोदी का हनुमान कहना वाला यह शख्स किसकी लंका में आग लगाता है या फिर अपनी ही पूंछ जला बैठता है.

(मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं.)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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