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This Article is From Jul 05, 2018

केएल राहुल: नए आक्रमण का नया राजकुमार!

Manish Sharma
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जुलाई 14, 2018 15:42 pm IST
    • Published On जुलाई 05, 2018 21:52 pm IST
    • Last Updated On जुलाई 14, 2018 15:42 pm IST
बल्लेबाजी में आक्रमण की कई शैलियां हैं, जैसे 1. विध्वंसकारी : यह टीम के मनोबल को फर्श पर पहुंचा देती है, उसकी दुनिया उजाड़ देती है, तहस नहस कर देती है. और किसी गेंदबाज का करियर फलने-फूलने से पहले ही खत्म कर देती है. सर विव रिचर्ड्स और वीरेंद्र सहवाग संभवत: इसके सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं. निश्चित ही, ब्रायन लारा, एडम गिलक्रिस्ट और काफी हद तक महेंद्र सिंह धोनी को इस वर्ग में रखा जा सकता है.

इस शैली का नकारात्मक पहलू यह है कि इसमें जोखिम की मात्रा बहुत ही ज्यादा होती है. विकेट गिरने का खतरा आप पर मंडराता रहता है. यही वजह है कि इस शैली के महानतम खिलाड़ी चुनिंदा उंगलियों पर गिने जा सकते हैं. और इस शैली में नैसर्गिक योग्यता (ईश्वर की देन) बहुत ज्यादा मायने रखती है.वहीं, यह निजी रूप से तो फायदा पहुंचाती है, लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत की गारंटी नहीं देती, या बाकी आक्रामक शैलियों की तुलना में कम दैती है.

2. गणनात्मक+ नियंत्रण: वास्तव में यह शैली लक्ष्य का पीछा करने के लिहाज से यह सर्वश्रेष्ठ है. वजह यह है कि इसमें जोखिम सबसे कम होता है. अगर एक ओवर में 14-15 रन भी चाहिएं, जो बल्लेबाज मैच निकाल ले जाता है. इस शैली में ब्लाइंट हिटिंग (अंधाधुंध) शॉटों की जरुरत नहीं पड़ती. हवाई शॉटों का सहारा बहुत ही कम लिया जाता है. और बाउंड्री के लिए खाली स्थान तलाशे जाते हैं. अनोर्थडाक्स शॉट (थर्ड मैन के ऊपर+ दिल स्कूप) खेले जाते हैं. रन नियमित अंतराल पर आते रहते हैं. अपने ऊपर पूरा नियंत्रण रहता है कि क्या हो रहा है. और आप क्या कर रहे हैं. विराट कोहली इस मामले में बेजोड़ हैं. उनके जैसा दुनिया में कोई नहीं!

3. मिश्रित अटैक= विध्वंस+गणना+नियंत्रण: इसमें पहली शैली से कम जोखिम होता है, तो विराट कोहली शैली के मुकाबले ज्यादा होता है. लेकिन अगर इसमें बेहतरीन तकनीक, विविधता और आत्मविश्वास का तड़का लग जाए, तो यह सामने वाली टीम को ऐसे निस्तेज कर देती है, जैसे केएल राहुल ने ओल्डट्रैफर्ड में खेले गए पहले टी-20 मैच में अंग्रेजों को कर डाला. इस तरह के आक्रमण में मिश्रित पहलू मसलन आक्रमण, संतुलन, रन गति का समावेश बहुत ही कम देखने को मिलता है. यही बात केएल राहुल को अलग बनाती है. यहां सबसे बड़ी चुनौती प्रदर्शन में नियमितता है. राहुल की वर्तमान फ़ॉर्म का सूरज प्रचंड रूप से चमक रहा है. और अगर उनके बल्ले की तपिश अगले कुछ सालों तक ऐसी ही रही, तो वह महान बल्लेबाजों में शुमार होंगे.

वास्तव में, सौइयों आईपीएल की जर्सियों की भी टीम इंडिया की ड्रेस से तुलना नहीं हो सकती. तिरंगा लगी जर्सी पहनते ही खिलाड़ी विशेष की कई मनोवैज्ञानिक पहलुओं से परीक्षा लेती है. एक अलग तरह का दबाव लेकर आती है. महान सचिन तेंदुलकर भी इस दबाव नहीं बच सके. लेकिन लोकेश राहुल ने अपने मिश्रित अटैक से इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए पहले टी-20 को मानो किसी आईपीएल सरीखे मुकाबले में तब्दील कर दिया! सिर्फ 54 गेंदों में 10 चौकों और 5 छक्कों के साथ. यह मार अंग्रेजों की मनोदशा पर गहरी चोट करने जा रही है!

निश्चित ही यहां से केएल राहुल के प्रशंसकों की संख्या में कई गुना इजाफा होने जा रहा है. यह मिश्रित अटैक आने वाले दिनों में केल राहुल को आक्रामण के नए मास्टर में तब्दील कर सकता है. एक ऐसी मास्टरी, जो उम्मीदों से बहुत पहले ही सामने वाली टीम की उम्मीदों को लहू-लुहान करते हुए, चौंकाते हुए उससे मैच छीन लेती है. और जब ऐसा होता है, तो महेंद्र सिंह धोनी जैसा दिग्गज भी आश्चर्य से ड्रेसिंग रूम में हंसते दिखाई पड़ता है. आक्रमण के इस नए राजकुमार की यह शैली कितनी मारक है, यह उनके औसत में देखा जा सकता है, जो आज टी-20 में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है.

सच यह है कि केएल राहुल ने पिछले करीब एक-दो सालों में अपने ऊपर जर्बदस्त काम किया. एक वक्त राहुल के छक्के सीमारेखा पार नहीं कर पाते थे. कोच से बात की, तो जवाब आया-‘स्टेडियम से बाहर गेंद पहुंचाने का लक्ष्य लेकर काम करो’, नतीजा सामने है. टॉप एज (बल्ले का बाहरी किनारा), फ्लिक से गेंद सीमारेखा से कहीं आगे गिर रही है. पहला ही शॉट एक्स्ट्र-कवर के ऊपर से ही बयां करता है कि पूरी दुनिया पर मेरा कब्जा है! स्पर्शीय कलाई से फ्लिक और वह भी लांग-लेग के ऊपर से केएल राहुल को स्पेशल बनाता है.

और जब वह पूरी बाहें खोलते हुए स्कवॉएर लेग के ऊपर से छक्का लगाते हैं, तो मानो दुनिया से कह रहे हों कि कम से कम इस फॉर्मेट में तो बल्लेबाजी उनके लिए बाएं हाथ का खेल है. अच्छी तकनीक और शांत व्यक्तित्व उनके अंदाज पर खूबसूरती का ब्रश लगा देते हैं. तीनों फॉर्मेटों में जगह बना ली है केएल राहुल ने. उप-कप्तानी की टोपी छीनने की कगार पर खड़े हैं. पर इस सबसे ऊपर नए आक्रमण का नया राजकुमार आ गया है!!

(मनीष शर्मा Khabar.NDTV.com में डिप्‍टी न्यूज एडिटर हैं...)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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