मोदी और मध्य वर्ग, यह रिश्ता नरेंद्र मोदी की सफलता का आधार रहा है। यह रिश्ता ही मोदी सरकार के काम का सबसे पहले आकलन मांग रहा है कि क्या उसे अच्छे दिन मिले हैं या नहीं?
बीजेपी और कई जानकारों की दलील है कि और समय देने की ज़रूरत है लेकिन मध्य वर्ग अपना धैर्य खो रहा है। इसलिए मुझे इस बात पर हैरानी नहीं है कि नरेंद्र मोदी पार्टी और सांसदों को यह निर्देश दे रहे हैं कि सरकार के कामकाज को लोगों तक पहुंचाएं। नरेंद्र मोदी इस बात को बीजेपी में सबसे बेहतर जानते हैं कि मूड बनाने बिगाड़ने में मध्य वर्ग की बहुत तगड़ी भूमिका होती है और यह नरेंद्र मोदी को खासा नुकसान पहुंचा सकता है।
यह मध्य वर्ग विकास के एजेंडे से कहीं दूर विवाद के एजेंडे से भी बहुत प्रभावित हो रहा है और नरेंद्र मोदी अपने लोगों के विवाद के एजेंडे को पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं। इस मध्य वर्ग के मन में विकास से कहीं आगे अब विवाद के एजेंडे का साया है। दिल्ली और बिहार में मिली हार के बाद मोदी और उनके सलाहकारों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
(अभिज्ञान प्रकाश एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं)
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This Article is From Mar 21, 2016
मध्यम वर्ग के मन में विकास से आगे अब विवाद के एजेंडे का साया
Abhigyan Prakash
- ब्लॉग,
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Updated:मार्च 21, 2016 21:05 pm IST
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Published On मार्च 21, 2016 20:57 pm IST
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Last Updated On मार्च 21, 2016 21:05 pm IST
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