- ब्राजील के रियो में कुछ ही दिन बाद 31वें ओलिम्पिक की शुरुआत होने वाली है... इसके लिए भारत ने पहली बार सौ से भी अधिक लोगों का दल भेजा है, जो पिछले ओलिम्पिक से 38 अधिक है... इस बारे में ज़रूरी जानकारी यह है कि सन 1920 से ओलिम्पिक में भाग ले रहे भारत ने पिछले 96 सालों में जहां केवल 26 पदक हासिल किए हैं, वहीं इस बार के लिए उसका लक्ष्य 25-30 पदकों का है...
- राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद का केस दायर करने वाले जनाब हाशिम अंसारी नहीं रहे... 94-वर्षीय अंसारी ने यह केस सन 1949 में दायर किया था... राम जन्मभूमि की तरफ से यह केस परमहंस रामचंद्र दास लड़ रहे थे, लेकिन ये दोनों एक ही रिक्शा पर बैठकर कोर्ट जाते थे...
- पाकिस्तान में एक नौजवान लड़के ने अपनी युवा बहन को मार डाला, इसलिए, क्योंकि वह मॉडल थी, और उसने अपनी कुछ ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाली थीं, जिससे भाई का 'ऑनर' 'किल' होता था।
- सलमान खान की फिल्म 'सुल्तान' ईद के पाक मौके पर रिलीज़ हुई और उसने अब तक के सारे रिकॉर्डों को धोबीपछाड़ देते हुए 10 दिन में ही 200 करोड़ रुपये के क्लब की मेम्बरशिप हासिल कर ली...
दोस्तो, यहां मैंने जिन चार घटनाओं का ज़िक्र किया है, ऊपर से देखने पर तो ये चारों अलग-अलग दिखाई देती हैं, लेकिन ध्यान से देखने पर इनके बीच एक बहुत मजबूत और स्पष्ट धागा दिखाई देने लगता है... क्या यह सच है...? आइए, यहां इनकी गहराई में दुबके इस सच की तलाश करने की कोशिश करते हैं... इसमें छिपे सच ही इसके फरमान हैं...
फरमान नंबर 1...
सुल्तान की कहानी एक पहलवान (खिलाड़ी) की कहानी है, और इसके नायक का सपना लंदन ओलिम्पिक से भारत के लिए मेडल लाना है, वह भी गोल्ड का... पिछले लंदन ओलिम्पिक में सुशील कुमार ने ऐसा किया था, लेकिन गोल्ड के साथ नहीं। वह हरियाणा का था, और सुल्तान भी हरियाणा का है... इस प्रकार सुल्तान हरियाणा और हिन्दुस्तान के उस अधूरे सपने को पूरा करने का वचन देता है, जिसके लिए रियो में बिसात बिछी हुई है... हमारी फिल्मों को इसमें महारत हासिल है...
फरमान नंबर 2...
'सुल्तान' का सुल्तान : जैसा नाम से ही ज़ाहिर है, मुस्लिम है, लेकिन उसका सबसे नज़दीकी दोस्त, जो उसकी ज़िन्दगी में बदलाव लाने में सबसे अहम भूमिका निभाता है, हिन्दू है... उसका नाम भी है - गोविन्द... यह इस देश की वह लोकचेतना है, जो अब तक मुरझाई नहीं है... यह उनमें भी हरी है, जो एक-दूसरे के खिलाफ धर्म को लेकर सार्वजनिक रूप से लड़ रहे हैं... अदालत में धर्मों के बीच लड़ाई हो सकती है... मनुष्यों के बीच भला कैसी लड़ाई...
फरमान नंबर 3...
जब सानिया मिर्ज़ा टेनिस स्टार बनीं, तो इस्लाम के कुछ संगठनों ने सानिया की तथाकथित छोटी ड्रेस को लेकर आपत्ति जताई... फतवा जारी कर दिया गया, लेकिन सानिया की वही ड्रेस जारी रही... 'सुल्तान' की हीरोइन आरफा है... सबसे बड़ी बात यह है कि वह पहलवानी कर रही है... पहलवानी सिखा भी रही है, लेकिन सानिया की ड्रेस के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले ओंठ निस्पंद हैं... उनका अभिनंदन... लेकिन पड़ोसी मुल्क में 'ऑनर किलिंग' हो रही है... तो क्या यह फिल्म इस मुल्क की लड़कियों, विशेषकर मुस्लिम लड़कियों के मन में एक सुरक्षा और सुकून का भाव पैदा नहीं कर रही है...? क्या यह फिल्म आम मुस्लिम लोगों की उन आकांक्षाओं को जुबान नहीं दे रही है, जो वे दरअसल चाहते हैं...
आखिरी फरमान...
फिर इन सबकी पृष्ठभूमि में हरियाणा का चिंतित कर देने वाला स्त्री-पुरुष का अनुपात तो है ही... कुछ ही महिने पहले प्रधानमंत्री जी ने इसी राज्य से 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नाम की राष्ट्रीय योजना की शुरुआत की थी, और बेटे की चाहत रखने वाले सुल्तान की ख्वाहिश फिल्म के अंत तक बेटी की इच्छा में तब्दील हो जाती है... यह इच्छा पूरी ही नहीं होती, बल्कि इस बात की भी घोषणा की जाती है कि वह लड़की महिला पहलवानी की परंपरा की मशाल को आगे ले जाएगी...
ऐसे में यदि 'सुल्तान' सुपर-डुपर हिट होती है, तो आश्चर्यम् किम्... फिल्में सच तो नहीं होतीं, लेकिन उनमें सच तो होता ही है...
डॉ. विजय अग्रवाल वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं...
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