विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Feb 01, 2018

क्या वित्त मंत्री ने लागत मूल्य पर किसानों से झूठ बोला?

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    February 01, 2018 19:34 IST
    • Published On February 01, 2018 19:34 IST
    • Last Updated On February 01, 2018 19:34 IST
हम कृषि मंत्रालय के तहत कृषि लागत व मूल्य आयोग की वेबसाइट पर गए. यहां हर साल फसलों की लागत और न्यूतनम समर्थन मूल्य का डेटा होता है और यही संस्थान तय करता है. वेबसाइट पर गेंहूं की उत्पादन लागत तय करने के दौ पैमाने मिले उत्पादन लागत और आर्थिक लागत. आर्थिक लागत में मंडी शुल्क, टैक्स, सूद, कमीशन वगैरह भी शामिल होता है.

2018-19 के लिए एक क्विंटल गेहूं का भाव तय हुआ है 1735 रुपये. गेहूं की उत्पादन लागत है 1256 रुपये और आर्थिक लागत है 2345 रुपये. दोनों भाव के अनुसार 1735 रुपया कहीं से भी लागत का डेढ़ गुना नहीं होता है. अगर डेढ़ गुना होता तो उत्पादन लागत के अनुसार एक क्विंटल गेहू का भाव होता 1884 रुपया और आर्थिक लागत के अनुसार भाव होता 3517 रुपये.

फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने 2017-18 के लिए एक क्विंटल गेहूं की लागत का हिसाब 2408 रुपये लगाया है. इस हिसाब से भी 1735 का भाव डेढ़ गुना नहीं है. आप खुद  भी कृषि लागत व मूल्य आयोग और फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं.

वित्त मंत्री ने साफ-साफ कहा है कि रबी की अधिकांश फसलों का मूल्य लागत से डेढ़ गुना तय किया जा चुका है. अगर आप गणित में मेरी तरह फेल भी होते रहे होंगे तो भी समझ सकते हैं कि लागत का डेढ़ गुना दाम नहीं दिया जा रहा है. क्या वित्त मंत्री ने जो कहा वह सही है?

फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया गेंहू की ख़रीद करता है. इसकी साइट पर लिखा है कि 2014-15 में एक क्विंटल गेहूं की लागत थी 2015 रुपये, 2015-16 में 2127 और 2017-18 में 2408 रुपये. कभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य ज़्यादा नहीं मिला. मार्च अप्रैल में गेहूं की कटाई होगी. शायद तब दाम का पता चले. खरीफ का अभी दूर है. न्यूतनम समर्थन मूल्य भी सिर्फ 6 से 7 फीसदी किसानों को ही मिलता है, सबको नहीं मिलता है. सरकार ने कहा है कि नीति आयोग, राज्य सरकारें मिलकर एक तंत्र बनाएंगी, उसका स्वरूप क्या होगा, यह देखना होगा.

दस करोड़ परिवारों को पांच लाख  तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा. इसके लिए अभी 2000 करोड़ का ही प्रावधान किया गया है. इतने बड़े स्तर पर बीमा राशि का प्रीमियम कुछ लाख करोड़ का हो जाएगा, वो पैसा कौन देगा? सरकार नए अस्पताल खोलने की बात कर रही है. एम्स जितने खुले उनका ही पता नहीं है. दस पंद्रह साल से एम्स का ऐलान हर बजट का आकर्षण रहा है. शायद यह पहला बजट है जब एम्स का ऐलान नहीं हुआ है. हर तीन संसदीय क्षेत्रों के बीच एक अस्पताल खुलेगा, यह जब तक खुलेगा तब तक सपना खूब दिखाएगा. जो ज़िला अस्तपाल हैं, उन्हीं को भर्ती लायक बना दिया जाए तो जीवन आसान हो जाए. इन्हीं अस्पतालों के लिए डॉक्टर नहीं हैं. सरकार को मेडिकल की सीट बढ़ानी चाहिए थी और एमडी की सीट भी. इसके बिना डॉक्टर, डॉक्टर नहीं रहता.

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रुप सी और डी की नौकरी में इंटरव्यू खत्म कर दिया. यह नहीं बताया कि नौकरी भी खत्म कर दी. यह नहीं बताया कि बिना इंटरव्यू के कितनी नौकरियां दीं ताकि पता चले कि कितने जवानों का समय बचा. आप नौकरी सीरीज़ में सरकारी नौकरियों का हाल देख ही रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार ने 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां कम करने का फैसला किया है. केंद्र सरकार पांच साल से ख़ाली पड़े पदों को ख़त्म करने जा रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि फुटवेयर में नौकरियां बढ़ रही हैं. आप आगरा फोन कर लें, जो यूपी का फुटवेयर सेंटर है, यहां हर व्यापारी बताएगा कि 40 फीसदी घरेलू और निर्यात कम हुआ है तो नौकरियां कहां हो गईं हैं. दिल्ली में फुटवेयर उद्योग जगत का मेला लगा है. उसके बारे में खबर छपी है कि उसे 200 करोड़ की मदद की ज़रूरत है तब जाकर तीन लाख रोज़गार पैदा होंगे. यह खबर बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी थी.

सरकार ने कहा है कि अगले चार साल में स्कूलों में ढांचा निर्माण के लिए सरकार एक लाख करोड़ खर्च करेगी. अब यह हेडलाइन में शानदार लगेगा. पिछले बजट में समस्त शिक्षा बजट 80,000 करोड़ से भी कम था. पिछले बजट में स्कूलों के लिए 43,554 करोड़ दिया गया था. इस हिसाब से सरकार ने स्कूलों पर बजट कम कर दिया. अगर आप 43,554 करोड़ को चार से गुना करेंगे तो यह एक लाख 74 हज़ार करोड़ से कम होगा. यानी इस बजट में स्कूली शिक्षा का अनुमानित बजट 74 हज़ार करोड़ कम कर दिया गया है. चूंकि आपको हिन्दी के अखबार सही नहीं बताएंगे इसलिए एक लाख करोड़ मिलेगा स्कूलों को हेडलाइन देकर आपको उल्लू बना देंगे. आपसे महीने का 500 रुपये भी लेंगे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
सॉरी विराट, सॉरी रोहित... भला ऐसे भी कोई अलविदा कहता है!
क्या वित्त मंत्री ने लागत मूल्य पर किसानों से झूठ बोला?
रामलला लौटे अयोध्या, आस हुई पूरी -  अब फोकस सिर्फ देश की तरक्की पर
Next Article
रामलला लौटे अयोध्या, आस हुई पूरी - अब फोकस सिर्फ देश की तरक्की पर
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;