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This Article is From Feb 02, 2024

लोक लुभावन नहीं, बल्कि विकसित भारत के निर्माण का संकल्प-पत्र है अंतरिम बजट

Harish Chandra Burnwal
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    फ़रवरी 02, 2024 15:16 pm IST
    • Published On फ़रवरी 02, 2024 14:52 pm IST
    • Last Updated On फ़रवरी 02, 2024 15:16 pm IST

सामान्यत: बजट में यह जानने की दिलचस्पी होती है कि सरकार ने अगले वित्‍त वर्ष के लिए किन चीजों पर टैक्स कम-ज्यादा किए हैं. या फिर सब्सिडी और योजनाओं के माध्‍यम से किस प्रकार लोगों को राहत दी है. और उपर से अगर बजट लोकसभा चुनाव से पहले का हो तो आम जनता के साथ-साथ विशेषज्ञों की नजरें और पैनी हो जाती हैं, लेकिन एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट लीक से हटकर आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प-पत्र की तरह सामने आया. विकसित भारत के इस संकल्प की सिद्धि के लिए सर्वाधिक फोकस उन गरीब, महिलाएं, युवा और किसानों को और मजबूत बनाने का है, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की सबसे बड़ी ‘चार जातियां' कहते हैं. इसीलिए इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों ने जहां इसका स्वागत किया, वहीं विपक्ष भी लोक लुभावन बताकर इसकी आलोचना नहीं कर पाया. दरअसल अंतरिम बजट में तेज अर्थव्यवस्था की रफ्तार को बरकरार रखने के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर अच्छा-खासा जोर दिया है. खास बात यह भी है कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव किए बिना ही सरकार के फैसले से करीब एक करोड़ करदाताओं को फायदा मिलेगा.

रिसर्च, इनोवेशन और कैपिटल एक्सपेंडीचर पर फोकस

अगले आम चुनाव से पहले विकसित भारत बनाने के इस संकल्प-पत्र में कई कदम उठाए गए हैं, जिनका मकसद न सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था को भविष्य के लिए तैयार करना है, बल्कि इस पर भी फोकस है कि समाज के सभी वर्गों तक विकास का फायदा पहुंचे. इसलिस सरकार का फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर और इन्वेस्टमेंट बढ़ाने पर है. बजट में राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडीचर) को बढ़ाकर 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है. इसके साथ ही देश में रिसर्च और इनोवेशन को मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान किया गया है. इससे देश में 21वीं सदी के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के साथ ही युवाओं के लिए नवाचार और रोजगार के नित-नए अवसर तैयार होंगे. इतना ही नहीं विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में जनसंख्या संबंधी चुनौतियों पर समग्रता से काम करने के लिए समिति भी गठित की जाएगी.

अंतरिम बजट में भले ही टैक्सेशन से जुड़ा कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन सरकार के फैसले से करीब एक करोड़ लोगों को टैक्स से जुड़ा लाभ मिलेगा. इसके तहत 1962 से पुराने करों से जुड़े जितने विवादित केस चले आ रहे हैं, उनमें वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 25000 रुपये तक के मामलों को वापस लिया जाएगा. इसी तरह 2010-11 से 2014-15 के बीच लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 10 हजार रुपये तक के मामलों को वापस लेने का भी फैसला लिया है. इस कदम से टैक्स रिफंड की प्रक्रिया में और अधिक सुगमता आएगी और 1 करोड़ लोगों को फायदा होगा. दस वर्ष पहले टैक्स रिफंड मिलने में करीब 93 दिन का समय लगता था, जो अब कम होकर 10 दिन रहा गया है. इसके अलावा एक दशक में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 2.4 गुना की बढ़ोतरी हुई है.

विकसित भारत के 4 स्तंभ- युवा, गरीब, महिला और किसान

पीएम मोदी के मुताबिक- विकसित भारत के चार प्रमुख स्तंभ युवा, गरीब, महिला और किसान हैं. बजट में वित्त मंत्री ने इन चारों को सशक्त करने पर फोकस किया है. युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप्स में निवेश करने वालों को मिलने वाले कर लाभ की समय सीमा 31 मार्च, 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2025 कर दी है. गरीब के अपने घर के सपने को साकार करने के लिए गांवों और शहरों में अभी तक 4 करोड़ से अधिक आवास बनाए हैं. अब दो करोड़ नए घर और बनाए जाएंगे. गरीबों के लिए मुश्किल समय में ‘रामवाण' बनी आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी अब हर आंगनवाड़ी और आशा वर्कर को मिलेगा. इसके अलावा पहले 2 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी' बनाना था, अब इस लक्ष्य को बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया गया है. बजट में अन्नदाताओं के लिए भी अहम घोषणाएं हैं. इनमें नैनो डीएपी का उपयोग, पीएम मत्स्य संपदा योजना का विस्तार, पशुओं के लिए नई योजना और आत्मनिर्भर ऑयल सीड अभियान शामिल हैं. इनसे खर्च कम होने के साथ ही किसानों की आय भी बढ़ेगी. सही मायने में देखें तो विकसित भारत का लक्ष्य लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जातिगत सीमाओं को नए सिरे से गढ़ने की कोशिश की है, जो विकास का मार्ग प्रशस्त करने के साथ साथ नए भारत के सामर्थ्य में नए स्तंभ बनेंगे।

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर, मिलेंगे तीन नए कॉरिडोर

देश में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बजट में भी नजर आया है. इसके तहत तीन आर्थिक रेलवे कॉरिडोर की घोषणा की गई है. इनमें पहला ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट कॉरिडोर, दूसरा पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और तीसरा अधिक यातायात घनत्व कॉरिडोर है. इनका मकसद ऊर्जा, खनिज, सीमेंट, बंदरगाह और हाई ट्रेफिक वाले क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है. डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स के साथ-साथ इन तीन आर्थिक रेल कॉरिडोर से हमारी जीडीपी की विकास दर बढ़ेगी तथा रसद व्यवस्था संबंधी लागत में भी कमी आएगी. इसके अलावा रेल यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत को बढ़ाने के लिए 40 हजार सामान्य बोगियों को वंदे भारत के पैमानों के अनुरूप विकसित करने का ऐलान किया गया है. लक्षद्वीप के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने के साथ ही बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने की भी घोषणा हुई.

अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने FDI की नई परिभाषा भी दी. FDI यानी फर्स्ट डेवलप इंडिया. यह इसलिए भी है क्योंकि 2014-23 के दौरान 596 अरब डॉलर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आया है. यह 2005-2014 के दौरान आए FDI से दोगुना है. विकसित भारत बनाने के लिए मोदी सरकार किस कदर विश्वास से भरी है, यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण से भी झलकता है. उनकी भावना यही रही कि अंतरिम बजट तो आत्मनिर्भर भारत बनाने की झांकी है, अभी पूर्ण बजट बाकी है. उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, “जब हम जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेंगे तो 2047 के विकसित भारत का पूरा रोडमैप लेकर आएंगे.”

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हैं...


डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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