आमिर खान के बाद अब संगीतकार एआर रहमान अपने बयान की वजह से विवादों में आ गए हैं। वंदे मातरम गाने वाले रहमान ने गोवा फिल्म समारोह में कहा कि वे भी आमिर जैसे हालात झेल चुके हैं। फिर क्या था सोशल मीडिया पर रहमान के पीछे ही लोग पड़ गए। सब ये भूल गए कि जय हो की धुन पर पूरी दुनिया जय हो की ही जयजयकार कर चुकी है।
''तुम देश का अपमान करते हो''
लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखना शुरू किया। रहमान को हिंदू से मुसलमान बनाने के लिए उनका ब्रेन वास किया गया। किसी ने लिखा कि तुम देश का अपमान करते हो यदि देश में खराब समय आया है तो देश छोड़कर चले जाओ। किसी ने लिखा रहमान देश के लिए खराब काम करते हैं, विदेशियों के लिए अच्छा। मगर जैसे ही ये खबर आई कि रहमान के ईरान की एक फिल्म में संगीत दिए जाने पर रजा एकेडमी ने उनके खिलाफ फतवा दिया था और रजा ऐकडमी बरेलवी सुन्नी मुस्लिम लोगों का संगठन है। तब लोगों ने अपना ध्यान फिर आमिर खान पर लगा लिया।
स्नैपडील ने विवाद से पल्ला झाड़ा
इस बार निशाना बना स्नैपडील जिसके ब्रैंड ऐम्बेसेडर आमिर हैं। लोगों ने स्नैपडील को नो डील कहना शुरू किया। फिर स्नैपडील का बयान आया आमिर खान ने जो टिप्पणी की है वो उनकी निजी टिप्पणी है और स्नैपडील न तो उससे जुड़ा है और न ही इसमें उसकी कोई भूमिका है। स्नैपडील को एक भारतीय कंपनी होने पर नाज है जिसे जुनूनी नौजवानों ने बनाया है जिसका फोकस समग्र डिजिटल इंडिया पर है।
उधर, संसद के शीतकालीन सत्र के लिए हुई सर्वदलीय बैठक के बाद सभी विपक्षी दलों ने आमिर का पक्ष लिया। विपक्ष ने तय किया है कि दोनों सदनों में असहनशीलता पर बहस हो। इसके लिए कांग्रेस ने लोकसभा में तो जेडीयू और सीपीएम ने राज्यसभा में नोटिस दिया है।
संसद में बहस को तैयार सरकार
सरकार भी असहनशीलता पर बहस के लिए तैयार है, उन्हें भी आशंका है कि विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट रहेगा और विपक्ष को अधिक नाराज करना अभी ठीक नहीं है क्योंकि सरकार इस सत्र में जीएसटी यानि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल पास कराना चाहती है। हालांकि वैंकेया कह चुके हैं कि आमिर के बयान से देश को चोट पहुंची है।
बंगलौर में राहुल का बयान
वहीं, राहुल गांधी ने बंगलौर में कहा कि लोगों को सुनना जरूरी है, चिल्लाना आसान है, सुनना मुश्किल.. मगर आमिर का मुंबई में शिवसेना विरोध कर रही है, जिसको देखते हुए उनके घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उम्मीद है कि संसद के शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई देगी।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।
This Article is From Nov 25, 2015
मनोरंजन भारती की कलम से : आखिर रहमान का दोष क्या है, क्यों पीछे पड़ गए लोग?
Written by Manoranjan Bharati, Edited By Rajeev Mishra
- ब्लॉग,
-
Updated:दिसंबर 23, 2015 14:33 pm IST
-
Published On नवंबर 25, 2015 17:00 pm IST
-
Last Updated On दिसंबर 23, 2015 14:33 pm IST
-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं