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This Article is From Feb 05, 2019

ममता के बंगाल में दूसरे राज्यों के विपक्षियों को चुनाव प्रचार के लिए नो एंट्री?

Akhilesh Sharma
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    फ़रवरी 06, 2019 08:26 am IST
    • Published On फ़रवरी 05, 2019 21:43 pm IST
    • Last Updated On फ़रवरी 06, 2019 08:26 am IST

क्या ममता बनर्जी के बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए दूसरे राज्यों और विपक्षी पार्टियों के नेताओं के लिए नो एंट्री है? यह सवाल इसलिए क्योंकि एक के बाद एक बीजेपी के नेताओं के या तो हैलीकॉप्टर को बंगाल में लैंड करने की अनुमति नहीं दी जा रही है या फिर सभाएं करने के लिए मैदान नहीं दिए जा रहे हैं.

आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पुरुलिया में सभा करने के लिए हैलीकॉप्टर लैंड करने की अनुमति नहीं मिली. वे बीजेपी शासित राज्य झारखंड में बंगाल सीमा के नजदीक हैलीकॉप्टर से उतरे. वहां से सड़क  के जरिए सभा करने पुरुलिया पहुंचे. इससे पहले ममता और योगी के बीच जबर्दस्त जुबानी जंग हुई.

इस बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बंगाल सरकार ने उन्हें भी हैलीकॉप्टर लैंड करने की अनुमति नहीं दी है. उन्हें बहरामपुर में रैली करनी है. इसी तरह शहनवाज हुसैन को भी मुर्शिदाबाद में रैली करने की अनुमति नहीं दी गई है. इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के हैलीकॉप्टर को लैंडिग की अनुमति नहीं दी थी जिसके बाद बीजेपी को एक निजी जगह पर हैलीकॉप्टर उतारना पड़ा. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हैलीकॉप्टर की लैंडिग की अनुमति को लेकर भी नानुकर होती रही.

दरअसल, बीजेपी पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर अपने नेताओं को उतार रही है. उसकी योजना आठ फरवरी से पहले सभी बड़े नेताओं की ज्यादा से ज्यादा रैलियां कराने की है क्योंकि राज्य में हाईकोर्ट के आदेश से आठ फरवरी से लेकर 13 मार्च तक परीक्षाओं के कारण लाउडस्पीकर पर रोक रहती है. बीजेपी राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने बड़े नेताओं की रैलियां कराना चाहती है. पार्टी राज्य भर में रथ यात्रा भी करना चाहती थी लेकिन इस पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी. बीजेपी को इस पर सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली.

बीजेपी अपने नेताओं के हैलीकॉप्टर की लैंडिग पर रोक के मुद्दे पर चुनाव आयोग में शिकायत कर चुकी है. आगे की रणनीति तय करने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सात फरवरी को सभी महासचिवों की बैठक भी बुलाई है.

उधर ममता बनर्जी ने सीबीआई कार्रवाई के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ अपना धरना खत्म कर दिया. आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से सीबीआई शिलांग में पूछताछ कर सकती है लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती. ममता ने इसे अपनी नैतिक जीत बताया है और आगे भी विरोध करते रहने की बात कही है. लेकिन सवाल है कि ममता इसे अपनी जीत कैसे बता रही हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुलिस कमिश्नर को हर समय सीबीआई को जांच में सहयोग करना है. मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस कमिश्नर को अवमानना के मामले में नोटिस दिया है. जवाब मिलने पर 19 फरवरी तक बताया जाएगा कि उन्हें 20 फरवरी को अदालत में खुद ही पेश होना है या नहीं.

वैसे ममता सीबीआई की कार्रवाई को लोकतत्र की हत्या बता चुकी हैं. लेकिन सवाल है कि बीजेपी नेताओं को अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने से रोकना क्या ममता बनर्जी भी लोकतंत्र के खिलाफ कदम नहीं उठा रही हैं?

 

(अखिलेश शर्मा NDTV इंडिया के राजनीतिक संपादक हैं)

 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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