विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From May 24, 2020

आखिर ये कैसी ईद, पूरे साल तो मिले सिर्फ गम

Ali Abbas Naqvi
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    May 24, 2020 21:10 IST
    • Published On May 24, 2020 21:10 IST
    • Last Updated On May 24, 2020 21:10 IST

ईद का त्यौहार खुशी का त्यौहार होता है. 30 दिन रमज़ान के महीने में रोज़े रखने के बाद ईद का दिन आता है. इस ईद को मीठी ईद भी कहते हैं. लेकिन इस बार की ईद सबके लिए फीकी ही है... ना इस बार कोई भी मुसलमान मस्ज़िद में जाकर इबादत कर सका, ना कोई जुमे या ईद की नमाज़ पढ़ सका. ना ही ईद की तैयारी कर सका. 

2020 - अभी तो सिर्फ 5 महीने बीते, पूरा साल बाकी है..
देखा जाए तो 2020 का साल शुरू होने से ही सिर्फ मायूसी की खबरें ही सुनने को मिलीं. ईराक के बगदाद एयरपोर्ट के पास ईरान के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी और उनके साथ ईराक के कमांडर अबु महंदी की यूएस द्वारा एयर स्ट्राइक से हमला करने के बाद से ही मानों पूरे विश्व में अशांति सी फैल गई. जनवरी के शुरुआती दिनों से ही लगने लगा था कि विश्व युद्ध होने ही वाला है. हर एक देश के निवासियों की बस ये ही दुआ थी कि विश्व युद्ध न हो वरना कई जाने जाएंगी. बेशक विश्व युद्ध तो नहीं हो सका लेकिन कोरोना जैसी बीमारी ने पूरे विश्व में अपने पैर पसार लिए और Worldometer के अनुसार अभी तक तकरीबन 54 लाख से ज्यादा कोरोना पाज़िटिव के मामले पूरे विश्व के सामने आए हैं. इसमें 3 लाख 44 हज़ार से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. वहीं यूएसए में सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं जिसमें 16 लाख से ज्यादा लोग पाज़िटिव पाए गए हैं. वहीं तकरीबन 98 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है. 

तुर्की में 24 जनवरी को 6.8 मेग्नीट्यूड का भूकंप आया जिसकी वजह से 1600 से ज्यादा लोग घायल हो गए और 41 लोगों की मौत हो गई. वहीं ऑस्ट्रेलिया के जंगल में लगी आग ने तकरीबन 2 दर्जन से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और 3000 से ज्यादा लोगों का घर उजड़ गया. इंडोनेशिया के जकराता में आई बाढ़ ने 83 लोगों की जान ले ली.

भारत के लिए भी ये साल बहुत भारी
साल 2020 शुरू से ही भारत पर भी बहुत भारी पड़ रहा है. कभी स्मॉग, कभी सीएए के विरोध में देश भर में प्रदर्शन और जगह-जगह शाहीन बाग बन जाना, मुस्लिम महिलाओं का घर से बाहर प्रदर्शन स्थल पर विरोध प्रदर्शन करना. वहीं जाफराबाद- मौजपुर में इसी विरोध प्रदर्शन ने बाद में दंगों का रूप भी ले लिया ..जिसमें तकरीबन 53 लोगों की मौत हो गई.. और पूरी दिल्ली में अशांति फैल गई.. जिसमें करोड़ों का नुकसान भी हुआ.. 

इस दंगे के घाव भरने शुरू हुए थे कि देश में मार्च महीने के आखिरी में कोरोना की वजह से लॉकडॉउन लग गया.. जिसकी वजह से पूरा देश ही बंद हो गया.. और गरीब, मज़दूर आदि लोगों के लिए और परेशानियां आ गई. दो महीने होने वाले हैं लेकिन अभी तक लॉकडॉउन पूरी तरह नहीं खुल सका है.. वहीं धार्मिक स्थल में प्रार्थना करने पर अभी तक रोक लगी हुई है. भारत में अभी तक तकरीबन एक लाख 35 हज़ार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं जिसमें तकरीबन 3900 लोगों की मौत हो चुकी है. रमज़ान का महीना खरीदारी का महीना होता है..बाज़ारों में रौनक देखने को मिलती है. पूरा मार्केट या कहें पूरा व्यापार अब बिल्कुल बंद सा हो गया है.. जो कि हर इंसान की कमर टूटने जैसा है. इसकी वजह से लाखों लोगों के जॉब भी जा चुके हैं. वहीं जिन लोगों के पास सेविंग थी वो भी खत्म होती जा रही है. 

कोरोना के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाएं भीं
लॉकडॉउन की वजह से लोग पैदल अपने गांव की कूच करने लगे हैं. ऐसे में कई लोगों ने तो रास्ते में ही दम तोड़ दिया है. दो दर्जन से ज्यादा लोगों की ट्रेन की पटरी पर सोने की वजह से भी मौत हो गई. कोरोना की वजह से पूरे देश में अशांति का माहौल तो है ही ऐसे में कभी भूकंप तो कभी चक्रवाती तूफान 'अम्फान का आना आग में घी का काम कर रहा है. अम्फान तूफान में ही तकरीबन 72 लोगों की मौत हो गई और करोड़ों रुपये का नुकसान भारत को झेलना पड़ा.. जो कि बहुत बड़ी क्षति है.

छह महीने भी नहीं हुए हैं इस साल के पूरे, क्या होगा दिसंबर 2020 तक
अभी मई का ही महीना चल रहा है. या ये कहूं कि मई महीना भी पूरा नहीं हो पाया है.. जो कि साल का 5वां महीना ही है.. अभी 2020 साल आधा भी नहीं गुज़रा है और इसने पूरे विश्व में कोहराम मचा रखा है. जबकि अभी 7 महीने और बाकी हैं. अब देखना होगा कि ये साल और कितने नुकसान लेकर आता है. बस ईश्वर से यही दुआ है कि ये साल सुख शांति से गुज़रे जिससे हर एक इंसान खुशी के साथ अपना जीवन बिता सके.. और हमारा भारत तरक्की कर सके. आमीन...

(अली अब्बास नकवी एनडीटीवी में प्रोग्राम कोआर्डिनेटर कम रिपोर्टर हैं)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
सॉरी विराट, सॉरी रोहित... भला ऐसे भी कोई अलविदा कहता है!
आखिर ये कैसी ईद, पूरे साल तो मिले सिर्फ गम
रामलला लौटे अयोध्या, आस हुई पूरी -  अब फोकस सिर्फ देश की तरक्की पर
Next Article
रामलला लौटे अयोध्या, आस हुई पूरी - अब फोकस सिर्फ देश की तरक्की पर
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;