- कहा- क्या लालू और राबड़ी अपने 15 साल की नाकामी स्वीकार करने को तैयार
- कहा- बच्चों की चिंता नहीं की, भीड़ जुटाने पर ध्यान दिया
- जिन्होंने कोई मिसाल नहीं पेश की, वे दूसरों से इस्तीफा क्यों मांग रहे
बिहार में 170 से अधिक बच्चों की मौत के बाद विधानसभा के अंदर और बाहर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से इस्तीफे की मांग की जा रही है. लेकिन उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, जो विपक्ष में रहते हुए छोटी-छोटी बातों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगते थे, अब मानते हैं कि मंगल पांडेय को इस्तीफा नहीं देना चाहिए.
सुशील मोदी ने इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए ट्वीट के माध्यम से कहा 'उत्तर बिहार में चमकी बुखार से जो 720 बच्चे बीमार हुए, उनमें से अधिकतर (566) को बचाने में जिन डॉक्टरों-स्वास्थ्य कर्मियों ने कड़ी मेहनत की, उनके प्रति आभार प्रकट करना केवल इसलिए अनावश्यक नहीं होगा कि वे 156 बच्चों को नहीं बचा पाए.' सुशील मोदी ने फिर कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार किया कि इतने बच्चों की मृत्यु 70 साल में सरकार और समाज के स्तर पर हमारी विफलता है, लेकिन क्या लालू प्रसाद और राबड़ी देवी अपने 15 साल के हिस्से की नाकामी स्वीकार करने को तैयार हैं?'
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इसके बाद लालू रबड़ी राज की दुहाई देते हुए सुशील मोदी ने तर्क दिया कि जिन लोगों ने गरीबों का वोट लेने के बाद उनके बच्चों की पढ़ाई-दवाई और सुपोषण की चिंता करने की बजाय लाठी में तेल पिलाने वाली भीड़ जुटाने पर ध्यान दिया, वे आज भी केवल बयानबाजी कर रहे हैं.
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मोदी के अनुसार नरसंहारों, घोटालों और बेनामी सम्पत्ति बनाने के दस्तावेजी सबूतों के बावजूद जिस पार्टी के लोगों ने नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की कोई मिसाल नहीं पेश की, वे दूसरों से इस्तीफा क्यों मांग रहे हैं?
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