बिहार में एनडीए की सरकार आने के बाद राजनीतिक संकट दूर हो गया है.
- बिहार में एनडीए की सरकार आने के बाद राजनीतिक संकट दूर
- नीतीश कुमार और तेजस्वी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं
- 27 अगस्त को बिहार के चंपारण में बीजेपी के खिलाफ आरजेडी की रैली
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पटना:
बिहार में एनडीए की सरकार आने के बाद राजनीतिक संकट दूर हो गया है. महागठबंधन की सरकार गिरने के साथ ही सहयोगी रहे कांग्रेस और आरजेडी, नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. लालू के बेटे तेजस्वी यादव लगातार नीतीश पर प्रहार कर रहे हैं. तेजस्वी ने 27 अगस्त को होने वाली 'भाजपा हटाओ, देश बचाओ' रैली के बारे में लिखा- “जनादेश के क़त्ल व अपमान के विरुद्ध गांधीजी की कर्मभूमि चंपारण से यात्रा की शुरुआत कर 27 की रैली के लिए शंखनाद होगा. अब याचना नही रण होगा.' बता दें कि 27 अगस्त को बिहार के चंपारण में बीजेपी के खिलाफ आरजेडी की रैली होनी है. इस रैली में कई विपक्षी पार्टियों के शामिल होने की उम्मीद है. तेजस्वी यादव ने जैसे ही यह ट्वीट किया वे सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए.
एक यूजर पुनीता तिवारी ने लिखा अब याचना नही रण होगा के जवाब में मजेदार ढंग से लिखा कि अब लूट नहीं डकैती होगा.
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अखिलेश यादव ने बहुत ही मजेदार ढंग से तेजस्वी यादव के ट्वीट को पूरा किया.
लालू की पार्टी में भी उठे बगावती सुर, विधायक महेश्वर यादव ने कहा, 'तेजस्वी को इस्तीफा दे देना चाहिए था'
उमरिया विवेक ने लिखा कि इस रण मे कौरवों की हार सुनिश्चित है.
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रुपेश त्रिपाठी ने तो तेजस्वी के बयान का महाभारत से संदर्भ ही कुछ अलग दे दिया.
गोविंद कुमार सिंह ने लिखा कि चंपारण की जनता ये जानना चाहती है कि गांधीजी की कर्मभूमि चंपारण के लिए आप क्या क्या किये है पिछले 20 महीने में? कृपया बताने का कष्ट करें.
VIDEO : जब बिहार विधानसभा में नीतीश-तेजस्वी में हुआ वार-पलटवार
गौरतलब है कि आरजेडी 27 अगस्त को भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने के मकसद से रैली आयोजित करना चाहती है. राजद ने इस रैली को 'भाजपा हटाओ, देश बचाओ' का नाम दिया है. बिहार के ताजा घटनाक्रम से पहले इस रैली में नीतीश कुमार के भी भाग लेने की बात कही जा रही थी. यहां तक कि नीतीश कुमार खुद कह चुके थे कि अगर उन्हें आमंत्रण मिला तो वे इस रैली में जरूर जाएंगे लेकिन ताजा उलटफेर के बाद अब इस रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के ही भाग लेने की उम्मीद है.
एक यूजर पुनीता तिवारी ने लिखा अब याचना नही रण होगा के जवाब में मजेदार ढंग से लिखा कि अब लूट नहीं डकैती होगा.
भ्रष्टाचार के कत्ल एवं अपमान के विरुद्घ लालू जी की कर्मभूमि बेऊर जेल से यात्रा की शुरुआत कर 27 की गिदड़रैली के लिए शंखनाद होगा ।
— Punita Tiwari (@Punita_Tiwari_) July 30, 2017
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अखिलेश यादव ने बहुत ही मजेदार ढंग से तेजस्वी यादव के ट्वीट को पूरा किया.
संघर्ष बड़ा भीषण होगा
— Akhileshyadavगोरखपुर (@yadav_gkp) July 30, 2017
लालू की पार्टी में भी उठे बगावती सुर, विधायक महेश्वर यादव ने कहा, 'तेजस्वी को इस्तीफा दे देना चाहिए था'
उमरिया विवेक ने लिखा कि इस रण मे कौरवों की हार सुनिश्चित है.
और इस रण मे कौरवो (RJD. CONGRESS)की हार निशचित है पार्थ।
— Umaria Vivek* (@UmariaVivek) July 30, 2017
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रुपेश त्रिपाठी ने तो तेजस्वी के बयान का महाभारत से संदर्भ ही कुछ अलग दे दिया.
ये पांडवों का कथन है, आपके मुंह से अशोभनीय लग रहा है।
— Rupesh Tripathi (@RupeshT87577051) July 30, 2017
गोविंद कुमार सिंह ने लिखा कि चंपारण की जनता ये जानना चाहती है कि गांधीजी की कर्मभूमि चंपारण के लिए आप क्या क्या किये है पिछले 20 महीने में? कृपया बताने का कष्ट करें.
VIDEO : जब बिहार विधानसभा में नीतीश-तेजस्वी में हुआ वार-पलटवार
गौरतलब है कि आरजेडी 27 अगस्त को भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने के मकसद से रैली आयोजित करना चाहती है. राजद ने इस रैली को 'भाजपा हटाओ, देश बचाओ' का नाम दिया है. बिहार के ताजा घटनाक्रम से पहले इस रैली में नीतीश कुमार के भी भाग लेने की बात कही जा रही थी. यहां तक कि नीतीश कुमार खुद कह चुके थे कि अगर उन्हें आमंत्रण मिला तो वे इस रैली में जरूर जाएंगे लेकिन ताजा उलटफेर के बाद अब इस रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के ही भाग लेने की उम्मीद है.
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