उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से जब यह पूछा गया कि क्या राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) नाराज़ चल रहे हैं तो उनका कहना था कि ऐसा होता तो मीडिया के सामने अपनी बात रखते. उन्होंने कहा कि आप लोग उनका स्वभाव नहीं जानते हैं. वे पार्टी से आज से नहीं लंबे समय से जुड़े हैं और वे पार्टी के लिए हमेशा पीछे से काम करते हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि जगदानंद सिंह आरजेडी के लिए समर्पण के साथ पीछे से काम करते हैं. उनका स्वभाव आप लोग नहीं जानते. वे जो करते हैं वह दिखाते नहीं. रही बात नाराजगी की तो आरजेडी में कभी नाराजगी होती नहीं है. यदि कुछ होता है तो मिलकर बात करते हैं और मुद्दों को सुलझा लेते हैं. यही पार्टी के काम करने का तरीका है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दो दिवसीय सम्मेलन दिल्ली में सोमवार को संपन्न हुआ. इस सम्मेलन का बहिष्कार खुद बिहार आरजेडी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने किया. सम्मेलन में तेजस्वी यादव के लहजे से यह साफ़ दिखा कि फ़िलहाल नीतीश कुमार पर बयान देने वाले या सरकार के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी करने वाले उनके पसंदीदा नहीं हो सकते. तेजस्वी ने दोनों दिन साफ़ किया कि अपनी मनमर्ज़ी से बयान देने वाले दरअसल भाजपा को मज़बूत कर रहे हैं. मंत्री बेटे सुधाकर सिंह के इस्तीफा देने से नाराज चल रहे जगदानंद सिंह को भी मनाने की उन्होंने कोई पहल नहीं की.
इस सम्मेलन में अध्यक्ष लालू यादव ने पहले दिन ही साफ़ कर दिया कि पार्टी के नीतिगत और महत्वपूर्ण मामलों में तेजस्वी यादव ही बोलेंगे. दूसरी ओर पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित कर लालू यादव और तेजस्वी यादव को इस बात के लिए भी अधिकृत किया कि वो भविष्य में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न से सम्बंधित कोई भी फ़ैसला लेने के लिए अधिकृत हैं. इसका साफ़ अर्थ फ़िलहाल तो यही लगाया जा रहा है कि भविष्य में अगर जनता दल यूनाइटेड के साथ पार्टी के विलय की बात चले तो उस समय पार्टी नेताओं की मुहर लगाने की प्रक्रिया के बिना फ़ौरन लालू यादव या तेजस्वी यादव इस पर कोई फ़ैसला ले सकें.
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