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मैट्रिक में फर्स्‍ट डिवीजन आने की थी उम्‍मीद, सेकेंड डिवीजन से हुई पास तो छात्रा ने फांसी लगाकर दे दी जान

परीक्षा परिणाम से आहत निशि कुमारी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और फांसी लगा ली. परिजनों ने दरवाजा तोड़कर उसे निकाला और अस्‍पताल में भर्ती कराया, जहां पर उसकी मौत हो गई.

मैट्रिक में फर्स्‍ट डिवीजन आने की थी उम्‍मीद, सेकेंड डिवीजन से हुई पास तो छात्रा ने फांसी लगाकर दे दी जान
खगड़िया:

बिहार में मैट्रिक परीक्षा का रिजल्‍ट जारी होने के बाद एक छात्रा ने आत्‍महत्‍या कर ली. परीक्षा में फर्स्‍ट डिवीजन नहीं आने से आहत छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. यह घटना खगड़िया जिले के अलौली थाना क्षेत्र के आनंदपुर पारस गांव की है. छात्रा को फर्स्‍ट डिवीजन की उम्‍मीद थी, लेकिन उसे परीक्षा में सेकेंड डिविजल मिली. पुलिस ने छात्रा के शव को कब्‍जे में लेकर पोस्‍टमार्टम के लिए बेगूसराय के सदर अस्‍पताल में भिजवाया है. 

पुलिस के मुताबिक, आनंदपुर पारस गांव निवासी सिकंदर चौधरी की 15 साल की बेटी निशि कुमारी ने इस बार मैट्रिक की परीक्षा दी थी. 29 मार्च को परीक्षा परिणाम जारी हुआ. हालांकि निशि कुमारी ने अपनी मैट्रिक परीक्षा का परिणाम देखा तो उसे कुल 284 अंक मिले और सेकेंड डिवीजन से उसने परीक्षा पास की. उसे उम्मीद थी कि वह फर्स्ट डिवीजन और अच्छे अंकों से यह परीक्षा पास करेगी. 

इलाज के दौरान हो गई छात्रा की मौत 

परीक्षा परिणाम से आहत निशि कुमारी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और फांसी लगा ली. कुछ मिनट बाद ही जब परिजनों ने दरवाजा बंद देखा तो उसे तोड़कर निशि कुमारी को फंदे से उतारा और पहले नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर खगड़िया सदर अस्पताल ले जाया गया. यहां से भी उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया तो परिजनों ने उसे बेहतर इलाज के लिए बेगूसराय के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि रविवार दोपहर को निशि कुमारी की मौत हो गई. 

अस्पताल ने निशि कुमारी की मौत की सूचना बेगूसराय नगर थाना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय के सदर अस्पताल में भेजा गया. 

पढ़ने में काफी अच्‍छी थी निशि कुमारी: परिजन

छात्रा के परिजनों ने बताया कि निशि कुमारी पढ़ने में काफी तेजतर्रार थी और उसे फर्स्ट डिवीजन से पास होने की उम्मीद थी. हालांकि परीक्षा परिणाम में सेकेंड डिविजन आने के बाद वह डिप्रेशन में चली गई और घर के अंदर कमरे में बंद होकर फांसी लगा ली और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है और रो-रोकर सभी का बुरा हाल है. 
 

हेल्पलाइन
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(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)

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