बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो)
पटना:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार ने जहां दलित और आदिवासी छात्रों की पोस्ट-मैट्रिक (10वीं के बाद के छात्र) छात्रवृत्ति को बंद कर दिया है, वहीं अब प्री-मैट्रिक (कक्षा 9 व 10) के लाखों दलित छात्रों की छात्रवृत्ति के भुगतान को अनियमितता की जांच के बहाने रोक दिया है.
मोदी ने आरोप लगाया है कि चालू वित्तीय वर्ष में आधार कार्ड न होने के नाम पर एक भी दलित छात्र को अब तक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है. भाजपा नेता ने पटना में संवाददाताओं से कहा, 'दलितों की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के भुगतान में हुई अनियमितता की जांच के लिए सरकार ने चार महीने पहले तीन सदस्यीय एक समिति गठित करने का निर्णय लिया था. परंतु अधिकांश जिलों में अब तक जांच समिति गठित नहीं की गई है. जांच पूरी नहीं होने के बहाने वर्ष 2015-16 की प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान रोक दिया गया है.'
उन्होंने कहा, 'वर्तमान वित्तीय वर्ष से सरकार ने दलितों की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है, जबकि नौवीं व दसवीं कक्षा के 6,82,500 दलित लाभुकों में से अब तक एक लाख का भी आधार कार्ड नहीं बन पाया है.
मगध प्रमंडल में मात्र 0.77 प्रतिशत जबकि तिरहुत प्रमंडल में 1.18 और पटना प्रमंडल में मात्र 6.60 प्रतिशत लाभुक दलित छात्रों के ही आधार कार्ड बन पाए हैं.' पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार से 2015-16 में छात्रवृत्ति मद में मिले 102 करोड़ रुपये का आज तक उपयोगिता प्रमाण पत्र भी केंद्र सरकार को नहीं सौंपा गया है, वहीं राज्य सरकार ने वर्ष 2016-17 के लिए केंद्र को अब तक कोई प्रस्ताव भी नहीं भेजा है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मोदी ने आरोप लगाया है कि चालू वित्तीय वर्ष में आधार कार्ड न होने के नाम पर एक भी दलित छात्र को अब तक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है. भाजपा नेता ने पटना में संवाददाताओं से कहा, 'दलितों की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के भुगतान में हुई अनियमितता की जांच के लिए सरकार ने चार महीने पहले तीन सदस्यीय एक समिति गठित करने का निर्णय लिया था. परंतु अधिकांश जिलों में अब तक जांच समिति गठित नहीं की गई है. जांच पूरी नहीं होने के बहाने वर्ष 2015-16 की प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान रोक दिया गया है.'
उन्होंने कहा, 'वर्तमान वित्तीय वर्ष से सरकार ने दलितों की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है, जबकि नौवीं व दसवीं कक्षा के 6,82,500 दलित लाभुकों में से अब तक एक लाख का भी आधार कार्ड नहीं बन पाया है.
मगध प्रमंडल में मात्र 0.77 प्रतिशत जबकि तिरहुत प्रमंडल में 1.18 और पटना प्रमंडल में मात्र 6.60 प्रतिशत लाभुक दलित छात्रों के ही आधार कार्ड बन पाए हैं.' पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार से 2015-16 में छात्रवृत्ति मद में मिले 102 करोड़ रुपये का आज तक उपयोगिता प्रमाण पत्र भी केंद्र सरकार को नहीं सौंपा गया है, वहीं राज्य सरकार ने वर्ष 2016-17 के लिए केंद्र को अब तक कोई प्रस्ताव भी नहीं भेजा है.
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