बिहार ( BIHAR) में जातिगत जनगणना सियासी रंग ले चुका है. इस मामले पर बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने नीतीश पर आरोप लगाया कि वो जनगणना जातिगत आधार पर नहीं करायेंगे, क्योंकि वो आरएसएस की गोद में बैठे हैं. पूरी तहर से संघ का चोला पहने हुए हैं. तेजस्वी ने कहा कि इनको राज्य हित को लेकर कोई लेना-देना नहीं है.
शुक्रवार शाम तेजस्वी यादव कहा कि जब दो-दो बार बिहार विधानसभा से जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित हो चुका है तो अब सर्वदलीय बैठक बुलाने का क्या औचित्य है. उन्हें तो अब राज्य सरकार की तरफ से इस संबंध में आदेश देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अगर सीएम की जगह पर होते तो सर्वदलीय बैठक क्यों बुलाते. हम तो केवल घोषणा करते कि राज्य सरकार अपने बलबूते पर जातिगत जनगणना कराएगी.
लेकिन जातिगत जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार को हर संभव सहयोग का घोषणा करने के बाद @yadavtejashwi वो भी कारण गिना रहे हैं जिनके कारण@NitishKumar उनके अनुसार इस मुद्दे पर कन्नी कटा रहे हैं @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/XDFwZsxb0B
— manish (@manishndtv) January 8, 2022
जातिगत जनगणना पर तेजस्वी का सीएम नीतीश को दिए नए ऑफर का क्या मतलब है?
वहीं जातिगत जनगणना पर राष्ट्रीय जनता दल के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश जी घबराइए मत. सार्वजनिक रूप से आप कभी कभी पलट जाते हैं लेकिन हम लोग सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि जब आप बढ़ेंगे तो आप अपने को अकेला महसूस नहीं करेंगे. वहीं जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना की ओर जो हमारा कदम बढ़ा है, वो कदम बढ़ता रहेगा.
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