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1952 के बाद संभवत: यह पहला चुनाव है, जो इतना क्रिटिकल... RJD नेता मनोझ झा ने इसके कारण भी गिनाए

मनोज झा ने कहा कि गुजरात तो हमारे बापू का राज्य है, अमित शाह औ पीएम मोदी का राज्य नहीं है. उस राज्य को हमेशा महात्मा गांधी और पटेल के राज्य के रूप में जाना जाएगा.

1952 के बाद संभवत: यह पहला चुनाव है, जो इतना क्रिटिकल... RJD नेता मनोझ झा ने इसके कारण भी गिनाए
  • मनोज झा ने कहा कि बिहार को गुजरात की तरह पूंजी निवेश और विकास का पूरा अवसर मिलना चाहिए, सौतेलापन नहीं.
  • तेजस्वी यादव के हर घर सरकारी नौकरी के वादे को मनोज झा ने पांच वर्ष में देने की प्रक्रिया बताया है.
  • मनोज झा ने संविदा कर्मियों की समस्या समाप्त करने और अति पिछड़ों के लिए नया कानून लाने का आश्वासन दिया.
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पटना में प्रेस कॉन्फेंस कर आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि 1952 के बाद संभवत: यह पहला चुनाव है, जो इतना क्रिटिकल है. ये चुनाव मेक और ब्रेक है. ये चुनाव बुनियादी बदलाव का चुनाव है. ये चुनाव ये तय करेगा कि बिहार को टाइम मशीन में रखकर पीछे धकेला जाएगा या एक नई टाइम मशीन में रखकर आगे ले जाया जाएगा. ये चुनाव तय करेगा कि बिहार के हिस्से में टूटी-फूटी ट्रेनें आया करेंगी और पूंजी गुजरात जाया करेंगी."

सौतेलापन बिल्कुल नहीं

आरजेडी नेता ने कहा, "हमें गुजरात से कोई इर्ष्या नहीं है, लेकिन जो नजर गुजरात के लिए होती है चाहे पूंजी निवेश का मामला हो या विकास का मामला हो, वही नजर बिहार को चाहिए. सौतेलापन बिल्कुल नहीं. भाई की तरह रहने को, बहन की तरह रहने को तैयार हैं, लेकिन कोई सौतेले भाई की तरह ट्रीट करे हमें, सौतेली बहन की तरह ट्रीट करे और गुजरात में निवेश का भाषण हो और बिहार में श्रमिकों के प्रवेश का भाषण हो कि कैसे श्रमिक प्रवेश करें गुजरात में, ये परिपाटी बदलने का चुनाव है, इसलिए जब गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ये बात कहते हैं तो उनको भी गुजरात से कोई समस्या नहीं है. गुजरात तो हमारे बापू का राज्य है, अमित शाह औ पीएम मोदी का राज्य नहीं है. उस राज्य को हमेशा जाना जाएगा महात्मा गांधी और पटेल के राज्य के रूप में." 

तेजस्वी के कारण रोजगार पर बात

मनोज झा ने आगे महागठबंधन के वादों पर बात करते हुए कहा, "जब तेजश्वी ने कहा कि हर घर सरकारी नौकरी, तो कई लोगों ने कहा कि यह कैसे होगा? जब इंटेंट होगा तो कंटेंट भी होगा. पांच साल की अवधि होगी , जब तक सरकार होगी तब तक नौकरी मिलेगी. तेजश्वी ना होते तो बिहार में नौकरी मुद्दा नहीं होता. मैं चुनाव आयोग भी गया था. बताया था कि 10 हज़ार रुपये बांटे जा रहे हैं. चुनाव के मौके पर 10 हज़ार रुपये दे रहे हो, चुनाव ख़त्म पैसा बंद. मोदी जी आते हैं  तो बहुत हल्की बातें करते हैं."

कट्टा वाले बयान पर घेरा

सरकारी कर्मचारियों और अति पिछड़ों को साधते हुए मनोज झा ने कहा, "जीविका दीदी से सभी तरह का काम सरकार ले रही है. 14 नवंबर के संविदा नाम का शब्द बिहार से ख़त्म हो जाएगा. संविदा का नाम ही हम बिहार से हटा देंगे. क़ानून लाकर माइक्रो फ़ाइनेनेस जैसी कंपनी को ख़त्म किया जाएगा. 25 लाख का स्वास्थ बीमा दिया जाएगा.  हमारे महागठबंधन की राय है कि अति पिछड़ा कानून लाया जाएगा.  50 लाख का बीमा प्रतिनिधि को दिया जाएगा. मैंने कई पीएम को पढ़ा है और देखा है. हम समझ नहीं पा रहे हैं कि वर्तमान पीएम किस लेवल पर हैं. क्या-क्या बात कर रहे हैं. कट्टा-कटुता की बात कर रहे हैं."
 

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