- ग्रामीणों ने विधायक के खिलाफ की नारेबाजी
- सांसद ने पीड़ित परिवारों को दी 5000 की मदद
- लापता के पोस्टर लगाकर ग्रामीणों ने की थी इनाम की घोषणा
हरिवंशपुर गांव के गुस्साए लोगों ने रविवार को यहां पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी के विधायक राजकुमार साह भगा दिया. ग्रामीणों में इस बात को लेकर नाराजगी थी कि जब वे गंभीर पानी की कमी और एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के संकट से जूझ रहे थे तो वे उनके साथ नहीं खड़े दिखाई दिए. इस घटना में अब तक करीब 130 बच्चों की जान जा चुकी है. यहां के निवासियों द्वारा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और राजकुमार साह के लापता पोस्टर लगाने के बाद राजकुमार साह नव निर्वाचित स्थानीय सांसद पशुपति कुमार पारस के साथ गांव का दौरा करने पहुंचे थे. स्थानीय लोगों ने यहां राजकुमार साह के खिलाफ न केवल नारेबाजी की, बल्कि उन्हें भगा दिया.
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पशुपति कुमार पारस ने ग्रामीणों के बीच दवाओं का वितरण किया और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया. लेकिन ग्रामीण राजकुमार साह को देखकर क्रोधित हो गए और उनसे पूछा कि वह उस वक्त कहां थे जब वे लोग ऐसी विकट स्थिति से जूझ रहे थे कि उनके पास पानी भी नहीं था. पशुपति कुमार पारस ने एईएस के कारण मरने वाले उन बच्चों के परिवारों को 5,000 रु. की आर्थिक सहायता प्रदान की है.

एक ग्रामीण ने कहा, "वह हमारे विधायक हैं. उनके पास हमारी शिकायतों को सुनने के लिए भी समय नहीं था. जब कुछ लोग उन्हें परिस्थितियों के बारे में बताने के लिए उसके निवास पर गए, तो उनके बेटे ने उन्हें दरवाजे से धक्का दे दिया"
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शनिवार को हरिवंशपुर गांव के निवासियों ने अपने विधायक को खोजने के लिए 5000 और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को ढूंढने के लिए 15000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी.
बता दें बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को बिहार से एनडीए के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल किया.
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