
Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भले राजनीति के बाज़ीगर समझे जाते हों लेकिन उनके हावभाव से आप ये भविष्यवाणी कर सकते हैं कि आजकल उनके अपने सहयोगी भाजपा (BJP) के साथ संबंध मधुर चल रहे है या तनावपूर्ण. सोमवार को नीतीश के स्क्रिप्टेड (जहां पहले से सभी सवाल तय रहते हैं ) संवाददाता सम्मेलन में भी यही हुआ. नीतीश पर भाजपा के 'संकटमोचक' केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक का पूरा असर दिखा और हर विवादास्पद मुद्दे पर नीतीश बीच के रास्ते से निकलते दिखे. भाजपा के साथ रिश्तों को अब नीतीश मज़बूत करना चाहते हैं क्योंकि उनको अब अपनी कुर्सी जाने का डर नहीं रहा और इस संबंध में ठोस आश्वासन उन्हें 'विशेष दूत' धर्मेंद्र प्रधान से मिल गया हैं. नीतीश के बयान से इसकी साफ झलक मिली. उन्होंने संवादाता सम्मेलन दस मिनट तक इसलिए शुरू नहीं किया क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय नहीं आ पाये थे. पांडेय जनता दरबार में पहुँचे कुछ फ़रियादियों की बात सुन रहे थे. लेकिन नीतीश के चेहरे के मुस्कान से साफ़ था उन्हें धर्मेंद्र प्रधान ने वह बात कह दी हैं जिसके लिए उन्होंने तेजस्वी यादव के इफ़्तार में जाकर राजनीतिक पैंतरेबाज़ी की थी.
@NitishKumar ने @dpradhanbjp से पिछले हफ़्ते अपनी मुलाक़ात को निजी बताया और कोई अर्थ ना लगाने की अपील तो की लेकिन उनके चेहरे की मुस्कराहट से साफ़ झलक रहा था कि उनकी राजनीतिक चिंता फ़िलहाल कम तो हो गया हैं @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/yZHjBYJV4A
— manish (@manishndtv) May 9, 2022
जब विवादास्पद मुद्दों जैसे सीएए के बारे में पूछा गया तो नीतीश ने केंद्र का यह कहकर बचाव किया कि ये तो तीन देशों से आने वाले लोगों के नागरिकता से संबंधित है. इस पर उनके कहने का तात्पर्य था कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. जातिगत जनगणना पर सर्वदलीय बैठक का बहाना कर नीतीश सवाल को टाल गये लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि आख़िर किन कारणों से वे सर्वदलीय बैठक बुलाने में अब तक विफल रहे हैं. लेकिन साफ़ था कि फ़िलहाल इस मुद्दे पर वो अनायास कोई अगला कदम उठा कर विवाद शुरू नहीं करना चाहते.
@NitishKumar जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सोमवार को एक बार फिर टालमटोल जवाब दिया और ये नहीं बताया कि इस मुद्दे पर आख़िर सर्वदलीय बैठक कब बुलायेंगे @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/PdyHVrvVtC
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महंगाई जिसके कारण सब परेशान हैं, को लेकर जिन तर्कों से नीतीश ने केंद्र सरकार का बचाव किया उससे साफ़ हैं कि फ़िलहाल वो भाजपा के एक ऐसे सहयोगी बनकर रहना चाहते हैं जो सार्वजनिक रूप से उसे अपने बयानों से घेरने के बजाय उसके साथ हैं ht
महंगाई बढ़ी हुई हैं @NitishKumar मानते तो हैं लेकिन राहत देंगे जब केंद्र इशारा करेगा लेकिन उनका कहना हैं कि सब कुछ मिलजुल कर करते हैं @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/LtrXsvZ7mA
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